कब्ज की समस्या दूर करने के आयुर्वेदिक नुस्खे
कब्ज की समस्या दूर करने के आयुर्वेदिक नुस्खे – Kabj Ki Samasya Door Karne Ke Ayurvedic Nuskhe
कब्ज की दिक्कत क्या है – Kabj ki dikkat kya hai?
जब किसी व्यक्ति को हफ्ते में तीन बार से कम मल त्याग होता है, मल कठोर, सूखा या गांठदार होता है, मल त्यागने में दर्द होता है, या ऐसा महसूस हो रहा है कि पेट पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है तो इसका मतलब है कि उसे कब्ज की परेशानी है। यह एक बहुत आम दिक्कत है और ऐसे में कब्ज की समस्या दूर करने के आयुर्वेदिक नुस्खे बहुत असरदार होते हैं। लेकिन, ईन उपायों को जानने से पहले कब्ज होने का कारण जान लेना चाहिए।
कब्ज क्यों होती है – Kabj kyon hoti hai?
आम तौर पर ईन कारणों से कब्ज होती है –
- फाइबर की कमी: डाइट में सही मात्रा में फाइबर वाली चीज़ें जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल न करना।
- पानी की कमी: सही मात्रा में पानी न पीने से से मल कठोर हो जाता है।
- फिज़िकल ऐक्टिविटी की कमी: आलस और व्यायाम न करना भी कब्ज का कारण बन सकता है।
- कुछ दवाएं
- रूटीन में बदलाव: यात्रा, स्ट्रेस या रूटीन में दूसरे बदलाव भी कब्ज पैदा कर सकते हैं।
कब्ज की समस्या दूर करने के आयुर्वेदिक नुस्खे – Kabj ki samasya door karne ke ayurvedic nuskhe
- त्रिफला चूर्ण: रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ 1-2 चम्मच त्रिफला चूर्ण लें। यह आँतों की सफाई करता है, डाइजेशन सुधारता है और रोज़ मल त्याग में मदद करता है।
- ईसबगोल की भूसी: रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध या पानी में 1-2 चम्मच ईसबगोल की भूसी मिलाकर पिएं। इसमें नेचुरल फाइबर होता है जो मल को मुलायम बनाकर आसानी से बाहर निकालता है।
- अलसी के बीज: सुबह खाली पेट 1-2 चम्मच अलसी के बीज पानी के साथ लें या चाय में उबालकर पिएं। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर कब्ज को दूर करते हैं और डाइजेशन बेहतर करते हैं।
- आंवला: आंवला पाउडर को शहद या गुनगुने पानी के साथ लें। यह नेचुरल रेचक (laxative) की तरह काम करता है और पेट की गंदगी साफ करता है।
- घी और गर्म दूध: रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में 1-2 चम्मच देसी घी डालकर पिएं। यह पेट को चिकनाई देता है, आंतों की गति को ऐक्टिव करता है और कब्ज से राहत देता है।
- गुनगुना नींबू पानी: सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और थोड़ा शहद मिलाकर पिएं। यह पेट की सफाई करता है, डाइजेशन में मदद करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
- अदरक और अजवाइन: खाने के बाद अदरक का टुकड़ा और थोड़ी अजवाइन चबाएँ या अदरक-अजवाइन की चाय पिएं। यह डाइजेशन स्ट्रॉंग करते हैं और गैस व कब्ज को दूर करते हैं।
- गिलोय और हरड़: गिलोय का रस और हरड़ का चूर्ण कब्ज से राहत के लिए बेहद फायदेमंद है। यह आँतों की कार्यक्षमता बढ़ाता है और शरीर से टॉक्सिन्स यानी गंदगी बाहर निकालता है।
- पपीता और अंजीर: सुबह के नाश्ते में पपीता या रात को भिगोए हुए अंजीर खाएँ। इसमें नेचुरल फाइबर भरपूर होता है, जो मल को मुलायम बनाता है।
FAQs
कब्ज के लिए ईसबगोल कैसे खाएँ – Kabj ke liye isabgol kaise khayein?
रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी या दूध में 1-2 चम्मच ईसबगोल की भूसी डालकर पीना सबसे अच्छा तरीका है।
कब्ज के लिए कौन-से फल और सब्जियाँ खानी चाहिए – kabj ke liye kaun-se phal aur sabziyan khaani chahiye?
पपीता, अंजीर, सेब, नाशपाती, पालक, करेला और लौकी जैसे फाइबर वाले फल और सब्जियाँ कब्ज में फायदेमंद हैं।
क्या दूध और घी कब्ज में फायदेमंद है – Kya doodh aur ghee kabj mein faydemand hai?
हाँ, रात को एक गिलास गुनगुने दूध में 1-2 चम्मच घी मिलाकर पीने से आंतों में चिकनाई आती है और कब्ज दूर होता है।
कब्ज में नींबू पानी पीना सही है या नहीं – Kabj mein nimboo paani pina sahi hai ya nahi?
सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीना कब्ज और पाचन दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको कब्ज की समस्या दूर करने के आयुर्वेदिक नुस्खे बताए। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को कब्ज की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।