किडनी में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज
किडनी को शरीर का सबसे जरूरी अंग माना जाता है। अगर किडनी स्वस्थ होती है, तो शरीर भी स्वस्थ रहता है, लेकिन कुछ लोगों को किडनी से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसी में से एक समस्या किडनी में गांठ या सिस्ट होने की भी है। ये सिस्ट किडनी के काम को बाधित कर सकता है। किडनी सिस्ट होने पर पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है, लेकिन किडनी में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज करके इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
किडनी में सिस्ट होने के लक्षण
1) कूल्हे में दर्द
2) पेट या पीठ में दर्द
3) तेज बुखान होना
4) बार-बार यूरिन आना
5) यूरिन का रंग गहरा
किडनी में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज
1) हल्दी - किडनी की गांठ को ठीक करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें कई तरह के गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर रखते हैं। हल्दी न सिर्फ शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करती है, बल्कि सेहत को भी बेहतर बनाती है।
2) कचनार की छाल का पानी - अगर आप किडनी सिस्ट में आराम पाना चाहते हैं, तो कचनार की छाल का पानी पी सकते हैं। इसमें मौजूद औषधीय गुण आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
3) शिलाजीत - शिलाजीत का भी आयुर्वेद में बहुत इस्तेमाल किया जाता है। इसे बेहतरीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी माना जाता है। इसका सेवन करने से किडनी सिस्ट को निकालने में बहुत मदद मिलती है। शिलाजीत को कई अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है।
4) पानी पिएं - किडनी से जुड़ी समस्याओं में पानी पीना चाहिए। पानी पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना खूब सारा पानी पीने से किडनी की गांठ को ठीक किया जा सकता है। पानी पीने से किडनी में जमा अपशिष्ट पदार्थ और गांठ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि किडनी में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में इसे अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अगर आपको भी किडनी में गांठ या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।