कैंसर की देसी दवा - Cancer ki Desi Dawa
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कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही दिल दहल जाता है। मॉडर्न चिकित्सा में कैंसर का इलाज संभव है लेकिन, यह इलाज बेहद खर्चीला और तकलीफदेह हो सकता है। इसीलिए कैंसर की देसी दवा के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है जो सपोर्टिव ट्रीटमेंट दे सकती हैं, लेकिन इससे पहले हमें कैंसर के बारे में आम जानकारी लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी है।
कैंसर क्या है - Cancer kya hai?
शरीर की कोशिकाओं का अब्नोर्मल तरीके से बढ़ना कैंसर कहलाता है, जो शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। यदि समय पर इसका इलाज न हो, तो यह शरीर के अन्य अंगों में फैल सकता है और जानलेवा साबित हो सकता है। यह अलग-अलग टाइप का होता है, जिसमें सबसे आम हैं - स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, लिवर कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और ब्लड कैंसर।
कैंसर के कारण - Cancer ke Karan
आम तौर पर ईन कारणों से कैंसर होता है -
- तम्बाकू, सिगरेट और शराब
- जेनेटिक कारण
- हानिकारक केमिकल्स
- पोल्यूशन
कैंसर का आयुर्वेदिक ईलाज - Cancer ka Ayurvedic Ilaj
ईन आयुर्वेदिक और देसी तरीकों से कैंसर का ईलाज करने में मदद मिल सकती है -
1. कैंसर में गिलोय का उपयोग (Tinospora Cordifolia): गिलोय को आयुर्वेद में "अमृता" कहा जाता है। यह एक पावरफुल दवाई है जो शरीर में रोग से लड़ने की ताकत बढ़ाती है। गिलोय का रस या चूर्ण रोज सुबह खाली पेट लिया जा सकता है। यह शरीर से ज़हरीले तत्व बाहर निकालता है और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
2. गोमूत्र (गाय का मूत्र): ये विवादित लेकिन लोकप्रिय इलाज है। कुछ आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि शुद्ध और देशी गाय का मूत्र कैंसर के खिलाफ काम करता है। आयुर्वेद में सुबह खाली पेट 10–15 ml गोमूत्र लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन मूत्र केवल स्वस्थ गाय का ही लें।
3. अश्वगंधा (Withania Somnifera): यह एनर्जी बूस्ट करती है और तनाव कम करने वाली दवाई है। इसे चूर्ण या कैप्सूल के रूप में लें। अश्वगंधा शरीर को ऊर्जा देता है और कैंसर थेरेपी से थके हुए शरीर को पुनर्जीवित करता है।
4. हल्दी (Turmeric / Curcumin): हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुणों से भरपूर होता है। एक चम्मच हल्दी को गर्म दूध या शहद के साथ लें। कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।
5. विटामिन-सी वाले देसी फल: नींबू, आंवला, अमरूद - ये सभी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं। रोज सुबह आंवला या नींबू पानी का सेवन करें क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं।
कैंसर के लिए आयुर्वेदिक पंचकर्म थेरेपी - Cancer ke liye Ayurvedic panchakarma Therapy
कैंसर के उपचार में ईन आयुर्वेदिक पंचकर्म थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है जो शरीर को शुद्ध करने और ज़हरीले तत्वों को बाहर निकालने के लिए सहायक है -
- वमन (उल्टी द्वारा शुद्धि)
- विरेचन (मल द्वार से शुद्धि)
- बस्ती (एनिमा)
- नस्य (नाक द्वारा शुद्धि)
कैंसर के लिए घरेलू इलाज - Cancer ke liye Gharelu Ilaj
ईन पारंपरिक नुस्खों से कैंसर का ईलाज करने में मदद मिल सकती है -
गेहूं के जवारे का रस (Wheatgrass Juice): यह कैंसर के मरीजों में खून बढ़ाने और शरीर की सफाई करने में मदद करता है। इसे 30 ml रोज़ खाली पेट लें।
कैंसर नाशक काढ़ा: नीम की पत्ती, गिलोय, हल्दी, तुलसी, अदरक - ईन सभी को 2-3 गिलास पानी में उबालें और 1 गिलास रहने पर छानकर पिएं। यह काढ़ा शरीर को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने की ताकत देता है।
लहसुन (Garlic): इसे कैंसर की रामबाण देसी दवा माना जाता है। सुबह खाली पेट एक या दो कली कच्ची लहसुन चबाएं। इसमें सल्फर कंपाउंड्स होते हैं जो ट्यूमर सेल्स को नष्ट करते हैं।
कैंसर के कारण और इलाज के अलावा कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो कैंसर रोग में फायदा पहुंचा सकती हैं।
कैंसर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं - Cancer mein kya khana chahiye aur kya nahi?
कैंसर में हरी सब्जियां, मौसमी फल, साबुत अनाज खाएं और जंक फूड, ज्यादा मीठा और डीप फ्राइड फूड आदि न खाएं। इसके अलावा सिगरेट, शराब और तम्बाकू से भी दूर रहें।
क्या कैंसर के मरीज बिना कीमोथेरेपी के जीवित रह सकते हैं - Kya Cancer ke marij bina chemotherapy ke jivit rah sakte hain?
इस पर क्लियर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन, एक स्टडी में पता चला है कि जिन रोगियों ने कीमोथेरेपी से इनकार कर दिया था या इसे बंद कर दिया था, उनके जीवन की क्वालिटी, उन रोगियों से अलग नहीं थी जिन्होंने उपचार पूरा किया था।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको कैंसर की देसी दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को कैंसर रोग है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।