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गठिया रोग का इलाज आयुर्वेद

गठिया की बीमारी में जोड़ों में दर्द और सूजन आने लगती है। वैसे तो इसका मुख्य कारण वात दोष है, लेकिन ऐसा एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां लेने से भी हो जाता है। लेकिन बता दें कि गठिया रोग का इलाज आयुर्वेद द्वारा करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
By Dr. Puneet Dhawan | Published: July 10, 2024

गठिया की बीमारी में जोड़ों में दर्द और सूजन आने लगती है। वैसे तो इसका मुख्य कारण वात दोष है, लेकिन ऐसा एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां लेने से भी हो जाता है। लेकिन बता दें कि गठिया रोग का इलाज आयुर्वेद द्वारा करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

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गठिया रोग के लक्षण

1) सूजन आना

2) जोड़ों में दर्द 

3) शरीर में अकड़न होना 

4) शरीर का लाल होना

गठिया रोग के कारण

1) बढ़ती हुई उम्र 

2) मोटापा बढ़ना 

3) धूम्रपान करना 

4) परिवार में किसी को ये रोग होना

गठिया रोग का इलाज आयुर्वेद

1) रसनादि कषायम - रसनादि कषायम गठिया रोग के लिए प्रभावी इलाज माना जाता है। रसनादि कषायम लेने से गठिया के रोग से होने वाले दर्द और सूजन में आराम मिलता है।

2) आमवातारि रस - आमवातारि रस को शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी माना जाता है। इसका सेवन करने से दर्द, सूजन और जकड़न में बहुत आराम मिलता है।

3) योगराज गुग्गुलु - इस जड़ी-बूटी को बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचारों में से एक माना जाता है। ये वात, पित्त और कफ जैसे दोष को ठीक कर सकता है। इसके साथ ही दर्द और सूजन में भी आराम दिला सकता है।

4) महानारायण तेल - इस तेल में जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से राहत पाई जा सकती है। ये जोड़ों के दर्द को कम करके उनके लचीलेपन में सुधार लाता है। आप इस तेल से पैरों की मालिश करके दर्द में राहत पा सकते हैं।

5) कोट्टमचुकादि तेल - इस तेल से मालिश करने से जोड़ों के दर्द में बहुत राहत मिल सकती है। इससे जोड़ों के काम-काज में भी सुधार होता है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया का इलाज करने में प्रभावी माने जाते हैं।

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तो जैसा कि आपने जाना कि गठिया रोग का इलाज आयुर्वेद में किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में आप इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

अगर आपको भी गठिया या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।