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फैटी लीवर रोग का आयुर्वेदिक उपचार

फैटी लीवर की समस्या की सही समय पर उपचार न करने से जान का खतरा भी बना रह सकता है, लेकिन फैटी लीवर रोग का आयुर्वेदिक उपचार करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
By Dr. Puneet Dhawan | Published: July 11, 2024

खराब खानपान और जीवनशैली की वजह से फैटी लीवर की समस्या होना आजकल आम बात हो गई है। फैटी लीवर की समस्या कोशिकाओं में ज्यादा मात्रा में फैट जमा होने से होती है। फैटी लीवर की समस्या की सही समय पर उपचार न करने से जान का खतरा भी बना रह सकता है, लेकिन फैटी लीवर रोग का आयुर्वेदिक उपचार करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

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फैटी लीवर रोग के लक्षण

1) भूख कम महसूस होना 

2) वजन कम होना

3) पैरों में सूजन आना 

4) पेट में दर्द होना 

5) स्किन पर एलर्जी और खुजली होना 

6) थकान और कमजोरी

फैटी लीवर रोग के कारण

1) कोलेस्ट्रॉल बढ़ना 

2) मोटापा बढ़ना 

3) ज्यादा मिर्च मसाले वाला खाना 

4) मेटाबॉलिज्म कम होना 

5) ब्लड में फैट का बढ़ना

फैटी लीवर रोग का आयुर्वेदिक उपचार

1) कालमेघ - कालमेघ का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए कालमेघ काफी प्रभावी माना जाता है। इसकी पत्तियों में हेपटाप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो लीवर को डैमेज होने से बचाते हैं। इसकी पत्तियों के अर्क का सेवन करने से फैटी लीवर और लीवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिल सकती है।

2) एलोवेरा - फैटी लीवर में राहत पाने के लिए एलोवेरा का सेवन करना चाहिए। इसे एक प्राकृतिक ब्लड प्यूरीफायर माना जाता है, जिसका सेवन करने से लीवर की कार्यक्षमता बढ़ती है और फैटी लीवर की समस्या में बहुत राहत मिल सकती है। एलोवेरा का जूस पीने से शरीर में जमा हो रहे विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिल जाती है।

3) आंवला - आंवले में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आंवले में मौजूद गुण शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। इससे फैटी लीवर की समस्या में राहत मिल सकती है।

4) पुनर्नवा - पुनर्नवा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका सेवन करने से कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाव हो सकता है। इसका सेवन करने के लिए आप पुनर्नवा के एक चम्मच पाउडर को पानी या दूध के साथ ले सकते हैं।

5) गिलोय - गिलोय एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे कई बीमारियों को ठीक करने के लिए जाना जाता है। गिलोय में मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स गुण फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। गिलोय का सेवन करने से फैटी लीवर की समस्या में बहुत आराम मिल सकता है। 

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तो जैसा कि आपने जाना कि फैटी लीवर रोग का आयुर्वेदिक उपचार करके किस तरह से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इनके सेवन से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

अगर आपको भी फैटी लीवर या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।