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मधुमेह आयुर्वेदिक उपचार

आजकल बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते लोगों में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। इन्हीं में से एक बीमारी डायबिटीज यानी कि मधुमेह की भी है। अगर आप एक बार इस बीमारी की चपेट में आ गए
By Dr. Puneet Dhawan | Published: May 16, 2024

आजकल बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते लोगों में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। इन्हीं में से एक बीमारी डायबिटीज यानी कि मधुमेह की भी है। अगर आप एक बार इस बीमारी की चपेट में आ गए, तो इससे पीछे छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। वैसे बता दें कि इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन मधुमेह की आयुर्वेदिक दवा की मदद से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में आज हम मधुमेह आयुर्वेदिक उपचार के साथ-साथ इसके लक्षण और कारण भी जानेंगे -

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मधुमेह के लक्षण

1) बार-बार भूख लगना

2) स्किन इंफेक्शन 

3) ओरल इंफेक्शन 

4) आंखों से धुंधला दिखना 

5) बार-बार टॉयलेट आना

6) बहुत ज्यादा प्यास लगना 

7) घाव देर से भरना 

मधुमेह के कारण

ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि मधुमेह का कारण ज्यादा मीठा खाना है, जबकि ऐसा नहीं है, क्योंकि मधुमेह के पीछे अन्य कारण छिपे हुए हैं। इनमें शामिल हैं -    

1) हाई ब्लड प्रेशर 

2) डिप्रेशन 

3) बढ़ती हुई उम्र

4) मोटापा

5) धूम्रपान 

6) जेनेटिक प्रॉब्लम 

मधुमेह आयुर्वेदिक उपचार

1) मेथी के दाने - डायबिटीज यानी कि मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी के दाने बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। बता दें कि मेथी दाने का सेवन करने से ब्लड शुगर बहुत जल्दी कंट्रोल में आ जाती है। इसका सेवन करने के लिए आप एक चम्मच मेथी के बीज एक गिलास पानी में भिगोएं और सुबह खाली पेट इस पानी को पी लें। इससे आपको काफी फायदा होगा।

2)  अदरक - अदरक में एंटी-डायबिटिक, एंटी-ऑक्सिडेटिव, हाइपोलिपिडेमिक गुण होते हैं। इसका सेवन करने से बढ़े हुए ब्लड शुगर पर बहुत ही जल्दी काबू पाय जा सकता है। इससे इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

3) अंगूर के बीज - अंगूर के बीज में विटामिन-E, फ्लेवोनोइड्स, लिनोलिक एसिड जैसे तत्व मौजूद होते हैं। इसके बीजों को डाइट में शामिल करना बहुत प्रभावशाली होता है। आप अंगूर के बीजों को पीसकर इसका चूर्ण बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

4) दालचीनी - डायबिटीज पर काबू पाने के लिए दालचीनी को बहुत कारगर माना जाता है। दालचीनी में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जिसे डाइट में शामिल करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। 

5) एलोवेरा - एलोवेरा में हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जैसे लाभदायक तत्व होते हैं। इसका सेवन करने से रक्त शर्करा यानी कि ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। आप चाहें तो एलोवेरा जेल को ऐसे ही खा सकते हैं या चाहें तो इसका जूस भी पी सकते हैं। 

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तो जैसा कि आपने जाना कि मधुमेह की आयुर्वेदिक दवा क्या है?, लेकिन फिर भी इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि डॉक्टर आपकी रिपोर्ट्स देखकर बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपके लिए ये उपाय ठीक हैं या नहीं। 

अगर आप भी मधुमेह या उससे जुड़ी किसी भी रोग से जूझ रहे हैं, तो अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से आयुर्वेदिक किडनी उपचार किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।