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रक्त यूरिया के 5 आयुर्वेदिक उपचार

जानिए रक्त यूरिया को नियंत्रित करने के 5 प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार, जो किडनी स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं और शरीर को प्राकृतिक रूप से detoxify करते हैं।
By Dr. Puneet Dhawan | Published: September 25, 2024

हम सभी के शरीर में यूरिया होता है। जब लिवर खाने में प्रोटीन को तोड़ता है, तो उस समय ब्लड यूरिया नाइट्रोजन बनाता है, जिसे बन कहते हैं। फिर लिवर इन पदार्थ को खून में छोड़ने लगता है। इससे किडनी स्वस्थ होती है और ये पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाते हैं। जब किडनी हेल्दी नहीं होती, और वो खून में मितो बन को निकलने में परेशानी होती है ल जाता है। अगर ब्लड में इसका लेवल बढ़ जाए या ज्यादा हो जाए तो शरीर में कई तरह की परेशानियां खड़ी हो जाती हैं, लेकिन रक्त यूरिया के 5 आयुर्वेदिक उपचार अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं

ब्लड यूरिया बढ़ने के लक्षण

  • 1) उल्टी आना
  • 2) ब्लड प्रेशर का बढ़ना या कम होना
  • 3) कमजोरी या थकान होना
  • 4) बार-बार पेशाब आना
  • 5) भूख की कमी होना
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ब्लड यूरिया बढ़ने के कारण

रक्त यूरिया के आयुर्वेदिक उपचार

1) पुनर्नवा - पुनर्नवा शब्द पुना और नवा से मिलकर बना है। पुना का मतलब है फिर से और नवा का मतलब नया होता है। ये दोनों शब्द शरीर के अंगों को नए सिरे से काम करने में मदद करते हैं। इस जड़ी-बूटी का सेवन करने से सूजन को कम करके किडनी से अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकाला जा सकता है, जिससे ब्लड यूरिया को कम करने में मदद मिलती है। पुनर्नवा को ब्लड यूरिया घटाने के उपाय में से एक माना जाता है।

2) वरुण - वरुण को भी आयुर्वेद में एक प्रभावशाली जड़ी-बूटी माना जाता है। इसका सेवन करने से किडनी एरिया में मौजूद स्टोन को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट का इलाज भी आसानी से किया जा सकता है। ये जड़ी-बूटी ब्लड में मौजूद यूरिया को हटाने में मदद करती है।

3) गोक्षुरा - गोक्षुरा को भी आयुर्वेद में एक मुख्य स्थान दिया गया है। इसे गोखरू भी कहा जाता है। इसका सेवन करने से कमजोर हो रही किडनी सेल्स को ताकत मिलती है। इसे हर्बल टॉनिक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि गोक्षुरा को रक्त यूरिया के आयुर्वेदिक इलाज में सबसे बेहतरीन माना जाता है।

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4) त्रिफला - त्रिफला में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से न सिर्फ पाचन तंत्र में सुधार होता है, बल्कि इसके सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है।

5) नीम और हल्दी - नीम और हल्दी दोनों में ही एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।

तो जैसा कि आपने जाना कि ब्लड यूरिया घटाने की आयर्वेदिक दवा से किस तरह से इलाज किया जा सकता है। ऐसे में इसका सेवन करने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

अगर आपको भी ब्लड यूरिया बढ़ने या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे किडनी को बिना डायलिसिस के ही ठीक किया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस का आयुर्वेदिक उपचार या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार कर रहा है।