लिवर की बीमारी के 5 आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार
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आज के दौर में लिवर की बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण लिवर डैमेज, फैटी लिवर, लीवर में सूजन और हेपेटाइटिस जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं। ऐसे में लिवर की बीमारी का आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार जानना बहुत ज़रूरी है ताकि कोई साइड इफेक्ट्स ना हो। लेकिन इससे पहले हमें लिवर की बीमारी से जुड़ी कुछ आम जानकारियाँ लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
लिवर की बीमारी के कारण - Liver ki Bimari ke karan
लिवर हमारे शरीर में खून साफ करने, खाना डाईजेस्ट करने और बॉडी से टॉक्सिन्स निकालने का काम करता है। लेकिन, कुछ कारणों से यह खराब हो सकता है जो इस प्रकार हैं -
- ज़्यादा तला-भुना या जंक फूड खाना
- एल्कोहल का अधिक सेवन
- दवाओं का लम्बे समय तक सेवन
- मोटापा और डायबिटीज
- वायरल इंफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस
- नींद की कमी और स्ट्रेस
अगर समय रहते इन कारणों को नियंत्रित नहीं किया गया, तो लिवर डैमेज तक की स्थिति आ सकती है।
लिवर की बीमारी के लक्षण - Liver ki Bimari ke Lakshan
ईन लक्षणों से लिवर की बीमारी की पहचान की जा सकती है -
- लगातार थकान
- पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द
- मुँह का स्वाद कड़वा होना
- आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)
- भूख कम लगना
- मिचली आना या उल्टी
- पेट में सूजन या गैस
- पेशाब का रंग गहरा
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो लिवर फंक्शन टेस्ट करवाना जरूरी है।
लिवर की बीमारी के 5 आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार - Liver ki Bimari ke 5 Ayurvedic aur Gharelu Upchar
ईन तरीकों से लिवर का आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार किया जा सकता है -
1. गिलोय – लिवर की प्राकृतिक सुरक्षा कवच: गिलोय एक चमत्कारी औषधि है जो लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करती है। यह लिवर की सूजन को कम करती है और इन्फेक्शन से लड़ती है। गिलोय का रस 10-15 ml रोज सुबह खाली पेट लें।
2. भृंगराज – लिवर टॉनिक: आयुर्वेद में भृंगराज को लिवर का रक्षक माना गया है। यह लिवर की कोशिकाओं को फिर से एक्टिव करता है। भृंगराज पाउडर 1/2 चम्मच गर्म पानी या शहद के साथ दिन में दो बार लें।
3. आंवला – लिवर का मजबूत सहारा: विटामिन C से भरपूर आंवला लिवर की सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। एक चम्मच आंवला पाउडर या एक आंवला रोज़ सुबह खाएं।
4. हल्दी – प्राकृतिक एंटीसेप्टिक: हल्दी में मौजूद कुरकुमिन लिवर की सूजन को कम करता है और डैमेज सेल्स की मरम्मत करता है। गुनगुने दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।
5. अदरक और नींबू – लिवर डिटॉक्स ड्रिंक: अदरक और नींबू से बना पेय टॉक्सिन्स बाहर निकालता है और लिवर को सक्रिय करता है। गुनगुने पानी में नींबू का रस और अदरक का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
लिवर खराब होने के लक्षण और इलाज के अलावा कुछ और ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो एक लिवर के रोगी को फायदा पहुँचा सकती है।
लिवर के लिए क्या खाएं? – लिवर हेल्दी डाइट - Liver ke liye kya khaye? - Liver Healthy Diet
हरी पत्तेदार सब्जियाँ, सलाद (खीरा, टमाटर, गाजर), नींबू पानी, पपीता, सेब, अंगूर, जौ का पानी, अंकुरित मूंग, ओमेगा-3 युक्त चीजें जैसे अलसी और अखरोट - ये सारी चीज़ें लिवर की बीमारी में डॉक्टर की सलाह के साथ खायी जा सकती हैं।
लिवर की बीमारी में किन चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए - Liver ki Bimari mein kin cheezo ka Parhez karna chahiye?
जंक फूड, रिफाइंड शुगर, एल्कोहल और डीप फ्राई आइटम पूरी तरह से बंद कर दें।
लिवर डिटॉक्स करने के घरेलू उपाय कौन से हैं - Liver Detox karne ke Gharelu Upay Kaun se hain?
आंवला, निम्बू पानी, लहसुन, हल्दी, ग्रीन टी, बीटरूट (चुकंदर) - ईन चीज़ों का सेवन करके लिवर को डिटॉक्स किया जा सकता है।
लिवर के लिए कौनसा योग या प्राणायाम फायदेमंद है - Liver ke liye kaunsa Yog ya Pranayam Faydemand hai?
भुजंगासन, धनुरासन, नौकासन, कपालभाति और अनुलोम-विलोम - ये सब लिवर के लिए लाभकारी योग और प्राणायाम हैं। दिन में 20-30 मिनट रेगुलर योग करें।
लिवर को मजबूत कैसे बनाएं - Liver ko majboot kaise banaye?
लिवर को मजबूत करने के लिए हेल्दी डाइट, रोज़ एक्सरसाइज, शराब का सेवन कम करना, स्ट्रेस मैनेजमेंट, अच्छी नींद लेना और हानिकारक केमिकल्स से बचना ज़रूरी है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको लिवर की बीमारी के आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार बताए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को लिवर की बीमारी है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।