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सीने में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

गैस, तनाव या हार्ट संबंधी कारणों से सीने में दर्द हो सकता है। जानें आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों व देसी उपायों से राहत कैसे पाएं। कॉल करें: 9910324343
By Dr. Puneet Dhawan | Published: June 28, 2025

सीने में दर्द (chest pain) कोई नॉर्मल दिक्कत नहीं बल्कि बड़ी बिमारियों का संकेत भी हो सकता है। सीने में बायें, दायें या बीच में हल्की जलन या तेज़ दर्द होना इसका ख़ास लक्षण हैं जिन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए और इसका इलाज जल्द से जल्द करना चाहिए। लेकिन पहले सीने में दर्द के कारण समझ लेना सही होगा ताकि इलाज करने में मदद मिल सके।

सीने में दर्द के कारण – Seene mein Dard ke Karan

दिल की बीमारी

हार्ट अटैक: हमारे दिल में आर्टरीज़ होती हैं, जिनमें ब्लॉकेज होने से दिल को ठीक से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और फिर तेज़ दर्द होने लगता है। ऐसे में सांस फूलना, पसीना आना, घबराहट और बाएँ हाथ में दर्द; ये सारे लक्षण ख़ासकर दिखाई देते हैं।

एंजाइना: कई बार आपके दिल में ठीक से खून नहीं पहुँच पाता जिससे दर्द हो सकता है।

मायोकार्डिटिस / पेरिकार्डिटिस: इसका मतलब है दिल की मांसपेशियों या झिल्ली में सूजन आने पर दर्द होना।

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डाईजेशन से जुड़े कारण; कमजोर पाचन अग्नि

 

 

गैस या एसिडिटी होना: एसिड रिफ्लक्स या गैस होने पर सीने में जलन और दर्द हो सकता है। खाकर लेटने से ये समस्या ज़्यादा होती है।

पेट का अल्सर: पेट या छोटी आंत में ज़ख्म से सीने में दर्द हो सकता है।

गॉलब्लैडर की पथरी: इससे छाती में दायें तरफ दर्द हो सकता है।

फेफड़ों की बीमारी

फेफड़ों में इंफेक्शन: निमोनिया, टीबी आदि में सांस लेने पर या खांसने पर दर्द बढ़ सकता है।

प्लूरिसी: फेफड़ों की बाहरी झिल्ली में सूजन होने पर तेज चुभन।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म: फेफड़ों में खून का थक्का जम जाना।

मांसपेशियों और हड्डियों की समस्या; वात दोष का बैलेंस बिगड़ना

मांसपेशियों में खिचाव और पसलियों में सूजन या चोट से छाती में दर्द हो सकता है।

स्ट्रेस/चिंता/रजोगुण

सीने में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज – Seene mein Dard ka Ayurvedic Ilaj

ईन तरीकों से सीने में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है –

1. अजवाइन का काढ़ा: एक चम्मच अजवाइन के साथ एक चुटकी काला नमक मिलाकर एक गिलास पानी में उबालें। अब इसे छानकर गुनगुना पिएं। इससे खाना अच्छे से डाईजेस्ट होगा और गैस की समस्या ठीक होगी।

2. त्रिफला चूर्ण: रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट साफ रहता है और गैस नहीं बनती। यह सीने में दर्द की एक असरदार आयुर्वेदिक दवा है। गैस के कारण सीने में दर्द का इलाज आयुर्वेद में इस दवा से किया जा सकता है।

3. शंखवटी और कस्तूरी भैरव रस: यह गैस, पाचन, और वात-पित्त का बैलेंस बनाने के लिए बहुत उपयोगी आयुर्वेदिक दवा है।

4. हृदयारोगारिष्ट / अर्जुनारिष्ट: यह दिल को मजबूत करने वाली आयुर्वेदिक औषधि है। अर्जुन की छाल से बना यह टॉनिक दिल की आर्टरीज़ को हेल्दी बनाता है। इसे रोज़ 2-3 चम्मच भोजन के बाद ले सकते हैं।

5. ब्रह्मी और अश्वगंधा: यह दवा मानसिक कारणों से होने वाले सीने के दर्द में फायदा देती है। इससे तनाव, घबराहट और नींद की समस्या में भी राहत मिलती है।

6. गिलोय सत्व और शंख भस्म: अगर सीने में जलन, उल्टी जैसा मन और भारीपन हो तो यह मिश्रण बहुत फायदा देता है।

ध्यान रहे – ईन आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करें।

सीने में भारीपन और दर्द का देसी इलाज – Seene mein bhaaripan aur Dard ka Desi Ilaj

अगर सीने में दर्द का कारण दिल की बीमारी से जुड़ा न हो तो ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं –

  • गर्म पानी पिएं अगर गैस हो।
  • अजवाइन या जीरे का पानी पिएं।
  • अगर एंग्जायटी हो तो गहरी सांस लें और रिलैक्स रहें।
  • मांसपेशियों के दर्द के लिए हल्की स्ट्रेचिंग करें।

सीने में दर्द के कारण और आयुर्वेदिक इलाज के अलावा कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो आपको फायदा पंहुचा सकती हैं।

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क्या अर्जुन की छाल हृदय से जुड़े सीने के दर्द में फायदेमंद है – Kya Arjun ki Chhal dil se jude seene ke dard mein faydemand hai?

 

 

हाँ, अर्जुन की छाल हृदय से जुड़े सीने के दर्द में फायदेमंद हो सकती है।

कब सीने में दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए – Kab seene mein dard ko halke mein nahi lena chahiye?

सीने में दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए, खासकर अगर यह अचानक, तेज, या गंभीर हो, या इसके साथ सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना, या चक्कर आना जैसे लक्षण हों।

सीने के दर्द से राहत पाने के लिए कौन-सा आहार और जीवनशैली अपनानी चाहिए आयुर्वेद अनुसार – Seene mein dard se rahat paane ke liye kaun-sa aahaar aur jivanshaili apanani chahiye ayurved anusar?

ठंडी और तासीर में हल्की चीजें लें जैसे कि खीरा, नारियल पानी, और मीठे फल। इसके अलावा, तेल-मसाले वाली और खट्टी चीज़ों से बचना चाहिए। रेगुलर बैलेंस्ड डाइट और योग करना भी फायदेमंद हो सकता है।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको सीने में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज बाताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को सीने में दर्द है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।