स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक दवा क्या है?

चलिए पहले जान लेते हैं कि स्तंभन दोष क्या है? इंटरकोर्स के वक्त जब पुरुष अपने लिंग में जरूरत के हिसाब से इरेक्शन या स्तंभन लाने में असफल हो जाते हैं | स्तम्भन की आयुर्वेदिक दवा से इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है।
By Dr. Puneet Dhawan | Published: May 15, 2024

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आजकल बदलते खान-पान और लाइफस्टाइल के चलते कई बीमारियां फैल रही हैं। इसी के चलते लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर परेशान रहने लगते हैं। ऐसी ही एक बीमारी स्तंभन दोष यानी कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन की भी है। बता दें कि ये पुरुषों में होने वाली यौन से जुड़ी समस्या है। यह समस्या ज्यादातर 40 साल की उम्र के बाद के पुरुषों में होती है, लेकिन आजकल ऐसा 40 से कम उम्र के पुरुषों में भी ये समस्या देखने को मिल जाती है।

क्या है स्तंभन दोष?

चलिए पहले जान लेते हैं कि स्तंभन दोष क्या है? तो बता दें कि इंटरकोर्स के वक्त जब पुरुष अपने लिंग में जरूरत के हिसाब से इरेक्शन या स्तंभन लाने में असफल हो जाते हैं, तो इस समस्या को स्तंभन दोष कहा जाता है, लेकिन चिंता की बात नहीं है क्योंकि स्तम्भन की आयुर्वेदिक दवा से इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है।

स्तंभन दोष के कारण

स्तंभन दोष के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं - 

1) स्तंभन दोष के मनोवैज्ञानिक कारण - इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष के मनोवैज्ञानिक कारणों में डिप्रेशन, थकान, चिंता जैसी समस्याएं शामिल हैं।

2) स्तंभन दोष के शारीरिक कारण - स्तंभन दोष के लिए कई शारीरिक स्थितियां शामिल हैं। इनमें ह्र्दय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, मोटापा, पार्किंसन रोग, नींद से जुड़ी बीमारी, प्रोस्टेट कैंसर आदि शामिल हैं।

3) स्तंभन दोष के अन्य कारण - स्तंभन दोष के लिए कुछ अन्य कारण भी जिम्मेदार होते हैं। इनमें शराब का सेवन करना, खान-पान ठीक न होना, प्रोसेस्ड और जंक फूड, शामिल है।

स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा

1) शतावरी - शतावरी को स्तंभन दोष की आयुर्वेदिक दवा माना जाता है। ये जड़ी-बूटी पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करती है। इसका सेवन करने से न सिर्फ स्पर्म काउंट बढ़ता है, बल्कि पुरुषों में हो रही इनफर्टिलिटी की समस्या भी दूर होती है। ये सेक्स पॉवर को बढ़ाने में भी मदद करता है।

2) सफेद मूसली - सफेद मूसली भी स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा मानी जाती है। इसका सेवन करने से पुरुषों में सेक्स पॉवर बढ़ाने में मदद मिलती है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन से छुटकारा मिलता है। इसके सेवन के लिए आप 1 चम्मच सफेद मूसली पाउडर को गाय के घी और मिश्री में मिक्स करके लें। 

3) शिलाजीत - स्तंभन दोष से छुटकारा पाने के लिए बहुत पहले से ही शिलाजीत का उपयोग किया जा रहा है। इसका सेवन करने से प्राइवेट पार्ट में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और यौन दुर्बलता कम होती है। यह टेस्टोस्टेरॉन लेवल और स्पर्म काउंट बढ़ाने में काफी मदद करता है।

4) तुलसी के बीज - तुलसी के बीज को सब्जा सीड्स भी कहते हैं। ये औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इनका सेवन करने से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या दूर हो सकती है। इसका रोजाना सेवन करने से पेनिस में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या दूर हो सकती है। इसका सेवन करने के लिए आप सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच तुलसी के बीज भिगोएं। आप सुबह उठकर इस पानी को पी लें और बीज को चबाकर खा लें।

5) अश्वगंधा - अश्वगंधा में इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने के गुण होते हैं। इसका सेवन करने से ब्लड वेसल्स चौड़ी हो जाती हैं, जिससे पेनिस में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होने लगता है। इसमें मौजूद एफ्रोडिसिएक गुण यौन उत्तेजना को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे तनाव, थकान और कमजोरी दूर की जा सकती है।

इसका सेवन करने के लिए आप रोज रात में अश्वगंधा चूर्ण का सेवन दूध या पानी के साथ कर सकते हैं।

तो जैसा कि आपने जाना कि स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा क्या है?, लेकिन फिर भी इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें.

अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत महसूस हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और वर्तमान में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने न सिर्फ पूरे भारत में, बल्कि पूरे विश्व में किडनी की बीमारी से जूझ रहे पीड़ितों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद में किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।