हाथ कांपने के लिए घरेलू उपचार
हाथ किसी भी वजह से कांप सकते हैं। वैसे तो ऐसा तब होता है जब आपको पार्किंसन रोग हो, लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। ये रोग जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे पूरा शरीर भी कांपने लगता है। बता दें कि ज्यादातर ये समस्या 40 साल की उम्र के बाद के लोगों में देखने को मिलता है, लेकिन हाथों का कांपना अच्छा नहीं माना जाता है। हालांकि परेशान होने की बात नहीं है, क्योंकि हाथ कांपने के लिए घरेलू उपचार से हम इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं। आइए, पहले इसके कारण जान लेते हैं
हाथ कांपने के कारण
1) तनाव
2) चिंता
3) मल्टीपल स्क्लेरोसिस
4) शराब का अधिक सेवन
5) शरीर में विटामिन-B12 की कमी
6) पार्किंसन
हाथ कांपने का आयुर्वेदिक इलाज
1) विटामिन B लें - वैसे तो हाथ कांपना एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है। ऐसे में आप विटामिन-B से भरपूर फूड्स को अपने रूटीन में शामिल करें। इससे आपकी दिमाग की नसों को आराम मिलेगा। विटामिन-B फूड्स में आप सब्जियां, अंडे, बीन्स खा सकते हैं।
2) दूध का करें सेवन - वहीं आप दूध में सोयाबीन या तिल मिलाकर भी खा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि आप गाय और भैंस के दूध के बजाय बकरी के दूध का सेवन करें। इससे आपके हाथ कांपने की समस्या दूर हो जाएगी।
3) हाइड्रेट रहें - वहीं हाथ कांपने की समस्या से परेशान लोगों के लिए हाइड्रेट रहना जरूरी है। इसके लिए आप कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा नींबू-पानी या नारियल पानी पिएं। इससे आपको बहुत लाभ होगा।
4) तेल की करें मालिश - हाथ कांपने की समस्या में अलग-अलग तरह के तेल से मालिश कर सकते हैं। इसके लिए आप नीलगिरी या रोजमेरी का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इन तेल में एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जिससे हाथ कांपने की समस्या में आराम मिलता है।
5) पूरी नींद लें - जो लोग हाथ कांपने की समस्या से परेशान हैं, वे पूरी नींद लेने की कोशिश करें। रोजाना पूरी तरह से नींद लेने से हाथ कांपने की समस्या में आराम पड़ सकता है। इससे आपका ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल होगा।
जैसा कि आपने जाना कि हाथ कांपने के लिए घरेलू उपचार क्या है? ऐसे में आप भी इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि डॉक्टर ही आपकी रिपोर्ट्स देखकर बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि आपके लिए ये उपाय कारगर साबित होंगे या नहीं।
अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत महसूस हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और वर्तमान में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने न सिर्फ पूरे भारत में, बल्कि पूरे विश्व में किडनी की बीमारी से जूझ रहे पीड़ितों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है