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हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज

जानें हाथ-पैर सुन्न होने का कारण, लक्षण, और इसका आयुर्वेदिक इलाज। इसमें शामिल हैं जड़ी-बूटियाँ, पंचकर्म थेरेपी, आहार और योगासन। पढ़ें पूरी जानकारी।
By Dr. Puneet Dhawan | Published: September 1, 2025

हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज – Hath-Paer Sunn Hone Ka Ayurvedic Ilaj

हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या – Hath-paer sunn hone ki samasya

अक्सर आपको हाथ और पैरों में सुन्नपन महसूस होता होगा। वैसे तो इसे एक नार्मल समस्या की तरह देखा जाता है लेकिन बार-बार या लगातार ऐसा हो तो ये किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है जैसे डायबिटीज़, विटामिन की कमी, स्ट्रोक या नसों को नुकसान। ऐसे में हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज बहुत उपयोगी होता है। लेकिन, पहले इस समस्या के लक्षण और कारण जान लेने चाहिए ताकि जड़ से इलाज किया जा सके।

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हाथ-पैर सुन्न होने का कारण – Hath-paer sunn hone ka karan

  • नस पर प्रेशर पड़ना – लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने या सोने से नस दब सकती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आती है और हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं।
  • विटामिन की कमी – विटामिन बी12, बी6 और बी1 की कमी होना।
  • कार्पल टनल सिंड्रोम – कलाई की नस का दबना।
  • पेरेस्टेसिया – नस दबने से होने वाली झुनझुनी को पेरेस्टेसिया कहते हैं जो कम समय के लिए होती है।
  • डायबिटीज़ – शुगर लेवल ज़्यादा होने से हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं। पैरों में इसका असर ज़्यादा होता है।
  • तंत्रिका से जुड़े रोग – न्युरोलोजिकल डिजीज़ (जैसे परिधीय न्यूरोपैथी) या चोट लगने से नसों पर असर पड़ सकता है।
  • ब्रेन स्ट्रोक – हाथ-पैर का सुन्न होना ब्रेन स्ट्रोक का शुरुआती लक्षण हो सकता है, खासकर जब यह अचानक या बॉडी में एक साइड होता है।
  • खराब लाइफस्टाइल – रेगुलर एक्सरसाइज़ न करना, शराब, सिगरेट आदि से नसों में ब्लॉकेज हो सकता है।

हाथ-पैर सुन्न होने के लक्षण – Hath-paer sunn hone ke lakshan

  • झनझनाहट
  • संवेदना की कमी यानी छूने, दर्द या तापमान महसूस न होना
  • सुई चुभने जैसा महसूस होना
  • हाथ या पैर का भारी महसूस होना
  • हाथ या पैर में कमजोरी
  • हिलने-डुलने में दिक्कत

हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज – Hath-Paer Sunn Hone Ka Ayurvedic Ilaj

  • अश्वगंधा – इससे नसों को ताकत मिलती है और ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है। 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गुनगुने दूध के साथ लें।
  • बला तेल या महास्निह तेल – रोज़ाना हाथ-पैरों में तेल मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है।
  • ब्रह्मी और शंखपुष्पी – यह नर्व टॉनिक हैं जिससे नसों की कमजोरी और तनाव कम होता है।
  • गिलोय और शुद्ध शिलाजीत – यह बॉडी की इम्युनिटी और नसों को मजबूत करते हैं।
  • पंचकर्म थेरेपी – इनमें अभ्यंग, स्वेदन और बस्ती ख़ास हैं। अभ्यंग थेरेपी में तिल के तेल या औषधीय तेल से पूरे शरीर की मालिश करने पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। स्वेदन थेरेपी में भाप उपचार किया जाता है जो नसों की जकड़न और सुन्नपन कम करने के लिए उपयोगी है। बस्ती थेरेपी औषधीय एनिमा की प्रोसेस है जो वात दोष को बैलेंस कर सकती है।

हाथ-पैर सुन्न होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं – Hath-paer sunn hone par kya khana chahiye aur kya nahi?

  • संतुलित और गर्म खाना खाएं
  • विटामिन B12 और D वाली चीज़ें खाएं जैसे अंकुरित मूंग, दूध, दही, पनीर, नारियल, तिल, और सूखे मेवे आदि।
  • आयरन वाली चीज़ें जैसे गुड़, चुकंदर, अनार और हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाएं।
  • ओमेगा-3 वाली चीज़ें खाएं जैसे – अलसी के बीज, अखरोट।
  • कुछ चीज़ों का परहेज़ करें जैसे – तेल वाला, ठंडा और भारी खाना।
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FAQs – हाथ-पैर सुन्न होने के बारे में सवाल-जवाब

हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक कारण क्या है?

आयुर्वेद के अनुसार यह समस्या "वात विकार" से जुड़ी है। जब वात दोष बढ़ जाता है तो नसों में खून और ऊर्जा का बहाव रुक जाता है, जिससे झुनझुनी और सुन्नपन महसूस होता है।

क्या हाथ-पैर सुन्न होना विटामिन की कमी से होता है?

हाँ, खासकर विटामिन B12 और D की कमी से नसें कमजोर हो जाती हैं और झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होता है। आयुर्वेद में इसके लिए दूध, दही, पनीर, तिल और सूखे मेवों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

हाथ-पैर सुन्न होने पर कौन-से योगासन लाभकारी हैं?

ताड़ासन, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, वज्रासन – ये योगासन बहुत काम के हैं। साथ ही प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और कपालभाति करने से भी ब्लड फ्लो और नसों के काम करने की क्षमता बढ़ती है।

कब डॉक्टर या वैद्य से संपर्क करना चाहिए?

अगर हाथ-पैर में सुन्नपन बार-बार हो, नींद में दिक्कत हो और दर्द, कमजोरी, चक्कर या जलन भी साथ हो।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको हाथ-पैर सुन्न होने का आयुर्वेदिक इलाज बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को हाथ-पैर सुन्न होने की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।