प्रोटीनुरिया के 5 आयुर्वेदिक उपचार
प्रोटीन शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इन्हीं में से एक प्रोटीन एल्बुमिन भी होता है। बता दें कि शरीर में मौजूद प्रोटीन के कई मुख्य काम होते हैं, जैसे कि इंफेक्शन की रोकताम करना, खून में द्रव की मात्रा को कंट्रोल करना, हड्डियों और मसल्स का निर्माण करना आदि, लेकिन कई बार शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन यूरिन के जरिए बाहर निकलने लगता है, जिसे प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है, लेकिन प्रोटीन्यूरिया के 5 आयुर्वेदिक उपचार अपनाने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्रोटीन्यूरिया क्या है
जब यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होने लगती है, तो उसे प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है। इस स्थिति में खून में प्रोटीन की कमी होने लगती है, जिससे इसका असर पूरे स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है। ऐसे में जब किडनी सही से फिल्टर नहीं कर पाती है, तो ज्यादा प्रोटीन पेशाब में जाने लगता है, जिसे प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है।
प्रोटीन्यूरिया के लक्षण
- 1) थकान महसूस होना
- 2) पेट में सूजन आना
- 3) भूख कम लगना
- 4) सांस फूलना
- 5) बार-बार पेशाब आना
- 6) मांसपेशियों में ऐंठन होना
प्रोटीन्यूरिया के कारण
- 1) दिल से जुड़ी बीमारियां
- 2) बुखार होना
- 3) शरीर में पानी कमी होना
- 4) ज्यादा व्यायाम करना
प्रोटीन्यूरिया के आयुर्वेदिक उपाय
1) सब्जियां - हरे केले, छोले, मेथी, लौकी, परवल, कुंदरु, करेला आदि सब्जियां भी प्रोटीन्यूरिया का आयुर्वेदिक उपचार मानी जाती हैं। इन सब्जियों का सेवन करने से प्रोटीन्यूरिया का इलाज किया जा सकता है।
2) आयुर्वेदिक पौधे - आयुर्वेदिक पौधे जैसे कि त्रिफला, मेथी, धनिया, गोक्षुरा आदि में शहद मिलाकर लेने से प्रोटीन्यूरिया का इलाज घर बैठे किया जा सकता है।
3) फल - प्रोटीन्यूरिया की समस्या के दौरान संतरा, तरबूज, सेब, आंवला, पपीता जैसे कम शुगर वाले फल आपको इस समस्या से निजात दिला सकते हैं।
4) दाल - प्रोटीन्यूरिया की समस्या के दौरान अरहड़, कुलथी जैसी दालों का सेवन करना चाहिए। इन दालों का सेवन करके प्रोटीन्यूरिया की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
5) अनाज - आप अपनी डाइट में गेहूं, चावल, कोदो धाना जैसे अनाज को शामिल कर सकते हैं। इनमें मौजूद फाइबर आपको प्रोटीन्यूरिया की समस्या से निजात दिला सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि यूरिन में प्रोटीन आना आयुर्वेदिक इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में आप भी इन उपचारों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
अगर आपको भी किडनी श्रिंकेज रोग या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे किडनी को बिना डायलिसिस के ही ठीक किया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस का आयुर्वेदिक इलाज या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।