आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा
आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा – Aanton Mein Soojan Ki Ayurvedic Dawa
आंतों में सूजन की समस्या क्या होती है – Aanton mein soojan ki samasya kya hoti hai?
हमारी बॉडी में एक लम्बा ट्यूब होता है जो मुंह से लेकर नीचे गुदा तक जाता है। यह खाने को पचाने, पोषक तत्त्वों को प्रोसेस करने और वेस्ट मटेरियल को बाहर निकालने का काम करता है। इस ट्यूब को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट या जठरांत्र पथ कहा जाता है। जब इस ट्यूब की परत में जलन होती है या नुकसान पहुँचता है तो सूजन की समस्या पैदा हो सकती है।
इसका समय पर इलाज न होने से डिहाइड्रेशन, कोलन कैंसर और अल्सर जैसी खतरनाक बीमारियाँ लग सकती हैं। इसलिए, आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है क्योंकि अंग्रेजी दवा के अक्सर साइड इफेक्ट्स ज़्यादा होते हैं। लेकिन, पहले आंतों में सूजन के लक्षण और कारण जान लेने चाहिए जो नीचे दिए गए हैं।
आंतों में सूजन के लक्षण – Aanton mein soojan ke lakshan
- पेट में दर्द या ऐंठन
- दस्त
- शोच जाने का बहुत मन करना या शोच जाने के बाद भी मल त्याग में असमर्थता महसूस होना
- पेट फूल जाना या बेचैनी
- थकान या कमज़ोरी
- बुखार
- भूख न लगना
आंतों में सूजन के कारण – Aanton mein soojan ke karan
- संक्रमण (Infection): बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी।
- इन्फ्लेमेटरी बाउल डिज़ीज़ (IBD): क्रोहन डिज़ीज़ और अल्सरेटिव कोलाइटिस।
- गलत खान-पान: मसालेदार, तेल वाला, प्रोसेस्ड फ़ूड, जंक फूड, बहुत ज़्यादा अल्कोहल या कैफीन और बार-बार बाहर का खराब खाना।
- एलर्जी या असहिष्णुता: कुछ लोगों को दूध, डेयरी प्रोडक्ट्स और ग्लूटेन सूट नहीं करते।
- दवाइयों का असर: लंबे समय तक पेनकिलर (NSAIDs), एंटीबायोटिक्स या स्टेरॉयड का सेवन।
- कमजोर पाचन शक्ति: अपच, कब्ज, गैस या एसिडिटी बार-बार होना।
- कमज़ोर इम्युनिटी: शरीर छोटी-सी संक्रमण या एलर्जी से भी प्रभावित होकर आंतों में सूजन पैदा कर देता है।
- दुसरे कारण: तनाव और मानसिक दबाव, रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी, परजीवी कीड़े (intestinal worms) और लगातार खराब पानी पीना।
आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा – Aanton mein soojan ki ayurvedic dawa
- अविपत्तिकर चूर्ण: यह पित्त को शांत करता है और एसिडिटी, जलन, दस्त और सूजन में फायदेमंद है।
- बलगुदुची (गिलोय): यह नेचुरल इम्युनिटी बूस्टर है। संक्रमण से हुई आंतों की सूजन में कारगर है। इसका सेवन काढ़ा या टैबलेट के रूप में किया जाता है। 5-6 इंच गिलोय की डंडी को पानी में उबालकर दिन में 2 बार पीना चाहिए।
- अश्वगंधा चूर्ण: यह आंतों की मांसपेशियों को मज़बूत करता है। साथ ही सूजन और तनाव दोनों को कम करता है।
- पित्तपापड़ा व शतावरी: ये दोनों पित्त दोष को शांत करने वाली औषधियाँ हैं। इनसे दस्त, जलन और पेट की सूजन में राहत मिलती हैं।
- अरोग्यवर्धिनी वटी: यह आंतों में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है। साथ ही लिवर और पाचन तंत्र को मज़बूत करती है।
- त्रिफला चूर्ण: आंतों को धीरे-धीरे साफ करके त्रिफला सूजन कम करता है, और कब्ज और गैस की समस्या को भी दूर करता है।
- दाडिमाष्टक चूर्ण: इसका इस्तेमाल करने से दस्त, मरोड़ और भूख न लगने में बहुत फायदा मिलता है। साथ ही यह आंतों की परत को मजबूत बनाता है।
- गंधक रसायन और संजीवनी वटी: यह इन्फेक्शन से हुई आंतों की सूजन में उपयोगी है। पाचन अग्नि को फिर से एक्टिव करती हैं।
आंतों में सूजन का घरेलु उपचार – Aanton mein soojan ka gharelu upchar
- हल्दी वाला दूध: यह सूजन और संक्रमण कम करने में मददगार है।
- सौंफ और जीरा का पानी: यह गैस और मरोड़ से राहत देता है।
- अदरक का रस और शहद: इससे पाचन मजबूत बनता है।
- बेल फल का शरबत: यह दस्त और आंतों की कमजोरी में फायदेमंद है।
FAQ
गिलोय आंतों की सूजन में कैसे काम करती है – Giloy aanton ki soojan mein kaise kaam karti hai?
यह शरीर में मौजूद ज़हरीले तत्त्वों को बाहर निकालती है, इन्फेक्शन कम करती है और आंतों की परत को मजबूत बनाती है।
क्या आयुर्वेदिक दवाओं से आंतों की सूजन पूरी तरह ठीक हो सकती है – Kya ayurvedic dawaon se aanto ki soojan puri tarah theek ho sakti hai?
हाँ, अगर रोग शुरुआती अवस्था में है और मरीज खानपान व जीवनशैली पर ध्यान देता है।
आंतों में सूजन क्यों होती है – Aanton mein soojan kyon hoti hai?
आंतों में सूजन इन्फेक्शन, गलत खानपान, एलर्जी, इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD), ज्यादा दवाइयाँ, या पाचन अग्नि की कमजोरी से हो सकती है।
आंतों की सूजन में क्या नहीं खाना चाहिए – Aanton ki soojan mein kya nahi khana chahiye?
मसालेदार, तेल वाला, जंक फूड, ज्यादा कॉफी-चाय, शराब, धूम्रपान और ज़्यादा प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए।
आंतों की सूजन में कौन सा योगासन फायदेमंद है – Aanton ki soojan mein kaun sa yogaasan faydemand hai?
वज्रासन, पवनमुक्तासन, कपालभाति और अनुलोम-विलोम।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको आंतों में सूजन की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को आंतों में सूजन की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।