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क्रिएटिनिन कम करने की आयुर्वेदिक औषधि

क्रिएटिनिन बॉडी में बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ है। पैरों में सूजन आना भी क्रिएटिनिन बढ़ने का ही एक लक्षण है। किडनी में टॉक्सिक कंपाउंड बढ़ने से पैरों में सूजन बढ़ती है।
By Dr. Puneet Dhawan | Published: May 3, 2024

क्रिएटिनिन बॉडी में बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ है। ये खून में तब बनता है, जब किडनी सही से काम नहीं करती। क्रिएटिनिन को सही समय पर कम न करने से वो शरीर में बढ़ता जाता है, जिससे कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में आज हम आपको क्रिएटिनिन कम करने की आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें लेने से आपका बढ़ा हुआ क्रिएटिनिन कम हो सकता है।

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क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण

1) भूख न लगना - क्रिएटिनिन बढ़ने का एक लक्षण भूख न लगना भी है। क्रिएटिनिन बढ़ने के दौरान भूख नहीं लगती है और खाना खाने का मन नहीं करता है। इसके साथ ही खाना खाते समय वो पचता भी नहीं है। ऐसे में कई बार मतली भी हो सकती है।

2) पैरों में सूजन - पैरों में सूजन आना भी क्रिएटिनिन बढ़ने का ही एक लक्षण है। किडनी में टॉक्सिक कंपाउंड बढ़ने से पैरों में सूजन बढ़ती है।

3) शरीर में खुजली होना - क्रिएटिनिन बढ़ने पर शरीर में खुजली होनी शुरू हो जाती है। क्रिएटिनिन बढ़ने से खून में दूषित कंपाउंड्स बढ़ते हैं, जिससे स्किन खराब होती है और खुजली की समस्या हो सकती है। 

4) बार-बार UTI आना - क्रिएटिनिन बढ़ने पर किडनी में इंफेक्शन होता है, जिससे यूटीआई की शुरुआत होती है। इस दौरान आपको बार-बार पेशाब आना महसूस होता है।

क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण

1) थायरॉइड ग्लैंड में गड़बड़ होना

2) डिहाइड्रेशन होने के कारण 

3) ज्यादा एक्सरसाइज करना 

4) ज्यादा मात्रा में सोडियम खाना

5) किडनी का सही ढंग से काम न करना

क्रिएटिनिन कम करने की आयुर्वेदिक दवा

1) सिंहपर्णी जड़ - सिंहपर्णी जड़ को Dandelion Root भी कहते हैं। इसका सेवन करने से क्रिएटिनिन लेवल को कम करने में मदद मिलती है। सिंहपर्णी की जड़ की चाय पीने से क्रिएटिनिन लेवल में सुधार किया जा सकता है।

2) बिच्छू बूटी (Nettle Leaf) - इसका इस्तेमाल करने से शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद हिस्टामाइन किडनी में जाकर ब्लड सर्कुलेशन और रीनल एक्सक्रीशन को बढ़ाने का काम करती है। इसका सेवन करने से क्रिएटिनिन को बाहर निकाला जा सकता है।

3) हल्दी - हल्दी से स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ होते हैं। इसे न सिर्फ किडनी को बेहतर बनाने के लिए, बल्कि क्रिएटिनिन को कम करने के लिए भी जाना जाता है। हल्दी में एंटी-इफ्लामेटरी और एंटी-ऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से सूजन और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को भी कम किया जा सकता है।

4) अदरक - अदरक में फ्लेवोनॉइड्स और इथेनॉल होते हैं। ये एंटी-ऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों को दर्शाते हैं। अदरक का सेवन करने से शरीर में क्रिएटिनिन के लेवल को कम किया जा सकता है।

5)  हर्बल टी - क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने के लिए हर्बल टी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। हर्बल टी का सेवन करने से क्रिएटिनिन को फिल्टर करने में मदद मिलती है। इसका सेवन करने से किडनी आसानी से क्रिएटिनिन को फिल्टर करके यूरिन तक भेज देती है।

6) सैल्विया - शरीर में क्रिएटिनिन के लेवल को कम करने के लिए सैल्विया का सेवन भी किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट बढ़ने लगता है, जिससे क्रिएटिनिन को फिल्टर करने में फायदा होता है। इसमें मौजूद लिथेस्पर्मेट-बी नाम का तत्व शरीर से अतिरिक्त क्रिएटिनिन को बाहर निकालने में मदद करता है।

इन बातों का रखें ध्यान

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अब जैसा कि आपने जाना कि क्रिएटिनिन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं, लेकिन इन उपायों को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें, क्योंकि वो आपको बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपके लिए ये उपाय सही हैं या नहीं।

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