पायरिया होने का कारण
Pyorrhea hone ka Karan
"पायरिया" – यह शब्द सुनते ही मसूड़ों से खून आना, बदबूदार सांस और दांतों की ढीलापन जैसी परेशानियाँ आंखों के सामने आ जाती हैं। भारत में हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी स्तर पर पायरिया से ग्रस्त है, जिसके इलाज के लिए बहुत ज़रूरी है पायरिया होने का कारण जानना। लेकिन, पहले समझ लेते हैं कि पायरिया क्या होता है।
पायरिया क्या होता है – Pyorrhea kya hota hai?
पायरिया (Pyorrhea), जिसे मेडिकल भाषा में Periodontitis कहते हैं, एक मसूड़ों की सीरियस इन्फेक्शन से जुड़ी बीमारी है। यह तब होता है जब मसूड़ों के नीचे बैक्टीरिया और गंदगी जम जाती है और मसूड़े सूजने, गलने और खून बहने लगते हैं। अगर इस स्थिति का इलाज न हो, तो यह दांतों की जड़ों तक पहुंचकर उन्हें ढीला कर देता है, और आखिरकार दांत गिरने की नौबत आ जाती है।
पायरिया होने का कारण – Pyorrhea hone ka Karan
पायरिया का सबसे बड़ा कारण मुंह की सफाई में लापरवाही है। लेकिन इसके अलावा भी कई कारण हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।
1. दांतों की सफाई सही तरीके से न करना
अगर आप दिन में दो बार ब्रश नहीं करते, या ब्रश करने का तरीका गलत है, तो आपके दांतों और मसूड़ों के बीच प्लाक (चिपचिपी परत) बनने लगती है। यह प्लाक धीरे-धीरे सख्त होकर टार्टर में बदल जाता है जो पायरिया की जड़ है।
2. खानपान की आदतें
बहुत ज़्यादा मीठा, चिपचिपा खाना, सॉफ्ट ड्रिंक्स, और रिफाइंड कार्ब्स (जैसे मैदा) खाना मसूड़ों में बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। साथ ही विटामिन C की कमी से भी मसूड़े कमजोर हो जाते हैं।
3. तंबाकू और सिगरेट का सेवन
धूम्रपान और तंबाकू न केवल मुंह की बदबू बढ़ाते हैं, बल्कि मसूड़ों की ब्लड सप्लाई भी घटा देते हैं, जिससे पायरिया तेजी से बढ़ता है।
4. मुंह की सूखीपन की समस्या (Dry Mouth)
लार मुंह की नेचुरल सफाई करती है। यदि मुंह सूखा रहता है, तो बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं और पायरिया का खतरा बढ़ जाता है।
5. जेनेटिक कारण
अगर आपके परिवार में किसी को पायरिया की समस्या रही है, तो आपके लिए यह खतरा ज़्यादा हो सकता है।
6. हार्मोनल बदलाव (महिलाओं में)
प्रेगनेंसी, मासिक धर्म या मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोन में बदलाव से मसूड़े ज़्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं और पायरिया की आशंका बढ़ जाती है।
7. डायबिटीज और अन्य रोग
डायबिटीज, थायरॉयड या इम्यून सिस्टम की गड़बड़ियों से ग्रस्त लोगों को मसूड़ों की बीमारियाँ ज़्यादा होती हैं।
पायरिया से बचाव के उपाय – Pyorrhea se bachaav ke upaay
1. सही ब्रशिंग की आदत: दिन में दो बार, सही तकनीक से ब्रश करें, सॉफ्ट ब्रिसल वाला ब्रश और फ्लोराइड वाले पेस्ट का इस्तेमाल करें।
2. डेंटल फ्लॉस और माउथवॉश: फ्लॉस से दांतों के बीच की सफाई करें, एंटीसेप्टिक माउथवॉश का उपयोग करें।
3. हर 6 महीने में डेंटिस्ट से जांच करायें: स्केलिंग और प्रोफेशनल क्लीनिंग से टार्टर हटाया जा सकता है
4. तंबाकू और धूम्रपान से दूरी: इससे न केवल मसूड़े स्वस्थ रहेंगे, बल्कि पूरी सेहत सुधरेगी
5. हेल्दी डाइट: विटामिन C और कैल्शियम वाली चीज़ें लें। जंक फूड और ज़्यादा मीठा खाने से बचें
6. घरेलू उपाय (सहायक के तौर पर): सरसों का तेल और नमक मसूड़ों पर लगाने से सूजन कम होती है। हल्दी और एलोवेरा जेल एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करना इन्फेक्शन को कम करने में मदद करता है। लेकिन ध्यान दें – घरेलू उपाय केवल हल्की समस्या के लिए हैं। गंभीर स्थिति में डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।
पायरिया के कारण और इलाज के अलावा कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो बहुत काम की हो सकती हैं।
क्या पायरिया पूरी तरह ठीक हो सकता है – Kya pyorrhea puri tarah theek ho sakta hai?
हाँ, अगर समय रहते इलाज शुरू किया जाए तो पायरिया पूरी तरह से ठीक हो सकता है। शुरुआती स्टेज में प्रोफेशनल क्लीनिंग और सही डेंटल हाइजीन से रोग काबू में आ सकता है। एडवांस स्टेज में सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
क्या पायरिया संक्रामक है – Kya pyorrhea sankramak hai?
पायरिया सीधे-सीधे संक्रामक नहीं होता, लेकिन इसकी वजह बनने वाले बैक्टीरिया थूक के ज़रिए दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं, खासकर पार्टनर या बच्चों में। इसलिए मुंह की अच्छी सफाई ज़रूरी है।
क्या केवल माउथवॉश से पायरिया का इलाज हो सकता है – Kya keval mouthwash se pyorrhea ka ilaj ho sakta hai?
नहीं। माउथवॉश केवल सहायक भूमिका निभाता है। इलाज के लिए प्रोफेशनल डेंटल क्लीनिंग, मेडिकेशन और सही ब्रशिंग ज़रूरी हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको पायरिया होने का कारण बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पायरिया की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।