मसूड़ों और दांतों की समस्याओं का प्राकृतिक इलाज
मसूड़ों और दांतों की समस्याओं का प्राकृतिक इलाज – Masoodo Aur Daanto Ki Samasyaon Ka Prakritik Ilaj
मसूड़ों और दांतों की समस्याएं क्या हैं – Masoodo aur daanto ki samasyaein kya hain?
हम अपने शरीर की अच्छी सेहत के लिए तरह-तरह की दवाइयाँ और ट्रीटमेंट लेते हैं लेकिन, अक्सर दांतों और मसूड़ों को भूल जाते हैं। इनकी केयर ना करने से मसूड़ों और दांतों की खतरनाक बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं। इसलिए, मसूड़ों और दांतों की समस्याओं का प्राकृतिक इलाज जानना और समय पर उपचार करना बहुत ज़रूरी है। लेकिन, पहले ईन बीमारियों के बारे में डीटेल में जान लेना चाहिए ताकि सही उपचार में मदद मिल सके।
मसूड़ों और दांतों से जुड़ी समस्याएं – Masoodo aur daanto se judi samasyaein
- मसूड़े की सूजन (जिंजिवाइटिस): इसमें मसूड़े लाल, सूजे हुए और सॉफ्ट हो जाते हैं। साथ ही ब्रश करते वक़्त खून आ सकता है। यह प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया के कारण होता है।
- पीरियोडोंटाइटिस: यह एक इन्फेक्शन है जो मसूड़ों के नीचे की हड्डी और ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दांतों के बीच पॉकेट बन जाते हैं।
- इन्फेक्शन का फैलना: जब इन्फेक्शन जबड़ों की हड्डी तक फैल जाता है तो ऑस्टियोमाइलाइटिस जैसी सिरियस कन्डिशन हो सकती है। दर्द, सूजन और बुखार इसके खास लक्षण हैं।
- दांतों में सड़न: बैक्टीरिया दांतों पर एसिड छोड़ते हैं, जिससे दांत की परत को नुकसान होता है और सड़न होती हैं।
- पीले दांत: धूम्रपान, कॉफी या रेड वाइन जैसी चीज़ों से दांत पीले हो सकते हैं।
- सेन्सिटिविटी: गर्म या ठंडे तापमान के प्रति दांतों में सेन्सिटिविटी हो सकती है।
- टेम्पोरोमैंडिबुलर डिसऑर्डर (TMD): यह जबड़े के जोड़ और आसपास की मांसपेशियों पर असर करता है, जिससे चबाने में दर्द या परेशानी होती है।
- मसूड़ों से बदबू: लगातार मुंह की दुर्गंध एक ख़ास लक्षण है।
मसूड़ों और दांतों की समस्याओं का प्राकृतिक इलाज – Masoodo aur daanto ki samasyaon ka prakritik ilaj
- 1. नीम: इसमें बैक्टीरिया-रोधी और सूजनरोधी गुण होते हैं। यह दांतों की जड़ को स्ट्रॉंग बनाता है और पायरिया जैसी समस्या को दूर करता है। नीम की दातुन कर सकते हैं या नीम के पत्तों को उबालकर उससे कुल्ला करें।
- 2. त्रिफला: इसमें आंवला, हरड़ और बहेड़ा होती हैं, जो दांतों और मसूड़ों को नेचुरली हेल्दी रखती हैं। रात में 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें और त्रिफला को पानी में उबालकर उससे कुल्ला करें।
- 3. लौंग: इसमें यूजेनॉल नाम का एक तत्व होता है, जो दर्द और सूजन दोनों को कम करता है। लौंग का तेल रुई में लगाकर दर्द वाले दांत पर लगाएं या दिन में 2-3 बार लौंग चबाने से भी आराम मिल सकता है।
- 4. बबूल की छाल: आयुर्वेद में बबूल को “दंत रक्षक” कहा जाता है। इसकी छाल से कुल्ला करने पर दांतों की जड़ें स्ट्रॉंग होती हैं। इसे पानी में उबालकर सुबह-शाम कुल्ला करें।
- 5. हल्दी: इसमें नेचुरल एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। यह मसूड़ों की सूजन, खून और इन्फेक्शन दूर करती है। हल्दी पाउडर में सरसों तेल मिलाकर मसूड़ों पर हल्के हाथों से लगाएं या हल्दी पानी से दिन में 2 बार कुल्ला करें।
- 6. पिप्पली और काली मिर्च: ये दोनों दर्द और इन्फेक्शन को रोकने में मदद करती हैं। इनका चूर्ण बनाकर थोड़ा सा शहद मिलाएं और असर वाली जगह पर लगाएं।
- 7. सरसों तेल और नमक का मंजन: सरसों तेल और सेंधा नमक का मिश्रण पायरिया और खून आने में बहुत ईफेक्टिव होता है। 2 चम्मच सरसों तेल में आधा चम्मच नमक मिलाकर मसूड़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें।
- 8. नींबू का रस: इसमें विटामिन-C भरपूर होता है जो मसूड़ों की कमजोरी को दूर करता है। थोड़ा सा नींबू रस पानी में मिलाकर उससे कुल्ला करें।
- 9. अजवाइन पानी से कुल्ला: अजवाइन एंटीसेप्टिक होता है और बदबूदार सांस को रोकता है। 1 चम्मच अजवाइन को पानी में उबालें फिर ठंडा होने पर उससे कुल्ला करें।
FAQs
पायरिया का घरेलू इलाज क्या है – Pyorrhea ka gharelu ilaj kya hai?
रोज़ बबूल की छाल या नीम की दातुन करना, लौंग का तेल मसूड़ों पर लगाना और त्रिफला पानी से कुल्ला पायरिया की समस्या का घरेलू इलाज है।
मसूड़ों की सूजन कैसे दूर करें घरेलू उपाय से – Masoodo ki soojan kaise door karein gharelu upaay se?
नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उससे कुल्ला करें। इसके अलावा हल्दी, नमक और सरसों तेल का पेस्ट मसूड़ों पर लगाएं। इससे सूजन और दर्द में फायदा होता है।
बदबूदार सांस (मुँह की दुर्गंध) का आयुर्वेदिक इलाज क्या है – Badbudaar saans (muh ki durgandh) ka ayurvedic ilaj kya hai?
तुलसी या पुदीना पत्ते रोज़ाना चबाएं, नींबू पानी से कुल्ला करें और डाइजेशन सुधारने के लिए त्रिफला चूर्ण लें। यह मुँह के बैक्टीरिया को खत्म कर बदबूदार सांस रोकता है।
मसूड़ों में दर्द और जलन क्यों होती है और क्या करें – Masoodo mein dard aur jalan kyon hoti hai aur kya karein?
गंदगी, पायरिया या विटामिन-C की कमी से मसूड़ों में दर्द होता है। इसके लिए नींबू रस, हल्दी पेस्ट या लौंग तेल काम में लें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको मसूड़ों और दांतों की समस्याओं का प्राकृतिक इलाज बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को मसूड़ों और दांतों की समस्या है तो तुरंत किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।