गठिया मरीजों के लिए सुबह की 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़
गठिया मरीजों के लिए सुबह की 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़
जोड़ों के दर्द और सूजन में एक्सरसाइज़ देगी राहत – Jodo ke dard aur soojan mein exercise degi raahat
गठिया रोग में जोड़ों से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न आदि। ऐसे में जोड़ों में ऐक्टिविटी बहुत कम हो जाती है और कई बार जोड़ों को भारी नुकसान भी पहुँच सकता है। जोड़ों की इस बीमारी को अर्थराइटिस भी कहा जाता है जिसके ट्रीटमेंट में एक्सरसाइज़ बहुत फायदा करती है। क्योंकि ये एक हड्डियों से जुड़ा रोग है इसलिए, भारी एक्सरसाइज़ के बजाय हल्की स्ट्रेचिंग ज़्यादा असरदार होती हैं जिनमें 5 सबसे ख़ास हैं। इसलिए, गठिया मरीजों के लिए सुबह की 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के बारे में ज़रूर जानना चाहिए ताकि गठिया का घरेलू उपचार मिल सके। लेकिन, पहले इस बीमारी में एक्सरसाइज़ के फायदे जान लें।
गठिया रोग में एक्सरसाइज़ के फायदे – Gathiya rog mein exercise ke fayde
- व्यायाम जोड़ों को सख्त होने से रोकता है, लचीलापन बढ़ाता है और उन्हें मोड़ने-खोलने की केपेसिटी बढ़ाता है।
- एक्सरसाइज़ से एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है जो नेचुरल दर्द निवारक है। यह सूजन घटाता है और दर्द में राहत देता है।
- वजन कम करने के लिए व्यायाम बहुत ज़रूरी है। इससे जोड़ों पर प्रेशर कम पड़ता है और गठिया के लक्षण कम होते हैं।
- व्यायाम से जोड़ों के आसपास के मसल्स मजबूत होते हैं और हड्डियों का नुकसान कम होता है, जिससे जोड़ों को सपोर्ट मिलता है।
- व्यायाम थकान कम करता है, नींद अच्छी आती है और एनर्जी बढ़ती है।
- फिज़िकल ऐक्टिविटी से तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है, मूड बेहतर होता है जिससे गठिया में बहुत मदद मिलती है।
- शारीरिक क्षमता बढ़ने से रूटीन काम करने में आसानी होती है।
गठिया मरीजों के लिए सुबह की 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ – Gathiya mareejo ke liye subah ki 5 stretching exercise
1. जांघ के पीछे की स्ट्रेच – हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच
इसे करने के लिए पलंग या योगा मैट पर सीधा बैठ जाएँ। एक पैर सीधा रखें और दूसरे को मोड़ लें। अब सीधे पैर की ओर झुकें और पंजों को हल्के से छूने की कोशिश करें। इससे घुटनों, हिप और पैरों में जकड़न कम होती है, साथ ही चलना आसान हो सकता है।
2. जांघ के सामने की स्ट्रेच – क्वाड स्ट्रेच
सबसे पहले दीवार का सहारा लेकर खड़े हों। अब एक पैर को पीछे मोड़कर एड़ी को पकड़ें और नितंबों की ओर खींचें। यह करने से घुटनों पर प्रेशर कम पड़ता है और घुटनों के दर्द में राहत मिलती है।
3. कैट–काउ स्ट्रेच
खुद को चारों हाथ-पैरों पर लाएँ। अब सांस अंदर लें और पेट नीचे छोड़कर गर्दन ऊपर उठाएँ। अब सांस बाहर छोड़ें और पीठ को ऊपर गोल करें। इस स्ट्रेच से रीढ़ की हड्डी लचीली होती है, कमर दर्द और जकड़न कम होती है।
4. टखनों की रोटेशन – एंकल सर्कल्स
सबसे पहले एक कुर्सी पर बैठें फिर एक पैर उठाकर टखने को गोल-गोल, दाएं-बाएं घुमाएँ। इस तरह टखनों की रोटेशन करने से सुबह उठते ही पैरों में जो जकड़न रहती है, वह जल्दी दूर होती है, बैलेंस बेहतर होता है।
5. घुटनों और हिप के लिए, नी-टू-चेस्ट स्ट्रेच
चटाई पर पीठ के बल लेट जाएँ फिर एक घुटने को पकड़कर धीरे-धीरे छाती की ओर खींचें। इस तरह 15 सेकंड होल्ड करें, फिर दूसरे पैर से दोहराएँ। इससे हिप, घुटनों और निचली कमर की जकड़न कम होती है और चलने में आराम मिलता है।
FAQs
गठिया मरीजों को स्ट्रेचिंग कब करनी चाहिए? – Gathiya mareejo ko stretching kab karni chahiye?
सुबह उठने के तुरंत बाद या हल्का वॉर्म-अप करने के बाद करें।
गठिया में टखने की स्ट्रेचिंग क्यों जरूरी है? – Gathiya mein takhane ki stretching kyon zaruri hai?
स्ट्रेचिंग से टखनों की जकड़न कम होती है, बैलेंस सुधरता है और चलने में आसानी होती है।
क्या स्ट्रेचिंग करते समय दर्द होना सामान्य है? – Kya stretching karte samay dard hona samanya hai?
हल्की खिंचाव ठीक है, लेकिन तेज़ या चुभन जैसा दर्द हो तो स्ट्रेचिंग तुरंत रोक दें।
क्या गर्म पानी पीकर स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद है? – Kya garm paani peekar stretching karna faydemand hai?
हाँ, इससे मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं और स्ट्रेचिंग बेहतर होती है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको गठिया मरीजों के लिए सुबह की 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के बारे में जानकारी दी। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को गठिया की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से गठिया का आयुर्वेदिक उपचार और गठिया के लिए उपयोगी हेल्दी डाइट चार्ट ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।