गठिया रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए

गठिया रोग क्या होता है - Gathiya Rog kya hota hai?

गठिया रोग को आर्थराइटिस भी कहा जाता है। यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होती है। यह जोड़ों के अलग-अलग भागों में होने वाली समस्या है जिसमें इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी होता है कि गठिया रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन इससे पहले गठिया रोग/आर्थराइटिस के बारे में कुछ और ख़ास बातें जाननी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।

गठिया रोग/आर्थराइटिस के प्रकार - Gathiya Rog/Arthritis ke prakar

गठिया रोग/आर्थराइटिस कई प्रकार का होता है जैसे;

ऑस्टियोआर्थराइटिस: जोड़ों की घिसावट से होने वाला गठिया।

रुमेटीइड आर्थराइटिस: यह एक ऑटो इम्यून डिसीज़ है जिसमें इम्यून सिस्टम जोड़ो पर हमला करता है।

गाउट: यह यूरिक एसिड के क्रिस्टल के जमने से होता है, जो जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनता है।

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गठिया रोग के कारण - Gathiya Rog ke karan

आम तौर पर ईन कारणों से गठिया रोग होता है -

उम्र: उम्र बढ़ने के साथ, जोड़ों की नरम हड्डी धीरे-धीरे घिसने लगती है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है।

चोट: जोड़ों में चोट या क्षति, जैसे कि खेल में चोट या व्यायाम के दौरान चोट से ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है।

ऑटोइम्यून बीमारियां: रुमेटाइड गठिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों में, इम्युनिटी सिस्टम जोड़ों के टिश्यू पर हमला करती है, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द होता है।

पारिवारिक/आनुवंशिकता: कुछ लोगों में गठिया रोग होने का खतरा ज़्यादा होता है अगर परिवार में यह बीमारी पहले से है।

मोटापा: ज़्यादा वजन या मोटापा जोड़ों पर ज़्यादा प्रेशर डालता है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है।

व्यायाम की कमी: रोज़ व्यायाम न करने से मोटापा और जोड़ों में अकड़न हो सकती है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है।

इन्फेक्शन: कुछ इन्फेक्शन जोड़ों में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे रिएक्टिव अर्थराइटिस हो सकता है।

गठिया रोग के लक्षण - Gathiya Rog ke lakshan

गठिया रोग होने पर जोडों में या उनके आस-पास ये लक्षण नज़र आते हैं -

  • दर्द
  • अकड़न
  • सूजन
  • आस-पास की स्किन लाल हो जाना
  • आस-पास की स्किन गर्म लगना
  • जोड़ो की गति में कमी
  • सुन्नता और सिहरन

इसके अलावा कुछ लोगों में थकान और फ्लू जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।

ईन लक्षणों से गठिया रोग/आर्थराइटिस की पहचान होने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि गठिया रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए, जिस बारे में जानकारी नीचे दी गयी है।

गठिया रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए - Gathiya Rog hone par kya nahi khana chahiye?

गठिया रोगी को आम तौर पर ईन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए -

ज़्यादा प्रोटीन: लाल मांस, मछली और दूसरी ज़्यादा प्रोटीन वाली चीज़ों से बचना चाहिए क्योंकि ये सूजन को बढ़ा सकते हैं।

तली हुई चीज़ें: घी या तेल में तली हुई चीज़ें नहीं खानी चाहिए क्योंकि ये सूजन बढ़ा सकती हैं और पेट में गैस बनाती हैं।

मैदा: बिस्किट, स्नैक्स, और चिप्स जैसे मैदा प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए।

ज़्यादा चीनी वाली चीज़ें: सोडा, कैंडी, और बेक्ड सामान जैसी ज़्यादा चीनी वाली चीज़ें सूजन को बढ़ा सकती हैं।

प्यूरीन: बीयर और दूसरी प्यूरीन वाली चीज़ों से यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है जो गठिया रोगी के लिए नुकसान कर सकता है।

आलू, टमाटर, दही: ये चीज़ें सूजन को बढ़ा सकती हैं।

नमक: ज़्यादा नमक शरीर में पानी को जमा कर सकता है, जिससे जोड़ों में सूजन बढ़ सकती है।

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गठिया रोग होने पर खाने-पीने से जुड़े और भी ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दिए गए हैं।

क्या टमाटर गठिया में हानिकारक है - Kya tamatar Gathiya mein hanikarak hai?

जरूरी नहीं। टमाटर में सोलनिन होता है जो कुछ लोगों में जोड़ों के दर्द और सूजन को बढ़ा सकता है, लेकिन इसका कोई ख़ास प्रूफ़ नहीं हैं कि टमाटर गठिया रोग में नुकसान करते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करें।

गठिया रोगी को दाल खानी चाहिए या नहीं- Gathiya Rogi ko dal khani chahiye ya nahi?

गठिया रोगी को दाल खानी चाहिए, लेकिन कुछ दालों से परहेज करना चाहिए जैसे कि उड़द और राजमा क्योंकि ये यूरिक एसिड बढ़ा सकते हैं।

गठिया में दूध और दूध से बनी चीजें खानी चाहिए या नहीं - Gathiya mein doodh aur doodh se bani cheeze khani chahiye ya nahi?

इस बारे में अलग-अलग राय हैं। कुछ स्टडीज़ के हिसाब से दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स फायदेमंद हो सकते हैं क्योंकि इनमें कल्शियम होता है और ये यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं लेकिन ज़्यादा फैट होने से दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स गठिया रोगी को नुकसान भी पंहुचा सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर की सलाह के बाद ही इनका इस्तेमाल करना चाहिए।

आज के इस ब्लॉग में हमने आपको बताया कि गठिया रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको गठिया रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।

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