गठिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार और योगासन

गठिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार और योगासन – Gathiya Rog Ke Ayurvedic Upchaar Aur Yogasan

गठिया रोग में क्या दिक्कतें होती हैं – Gathiya rog mein kya dikkatein hoti hain?

इसे आर्थराइटिस भी कहते हैं जो जोड़ों की एक बीमारी है जिसमें जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न, ऐक्टिविटी में कमी और लालिमा जैसी समस्याएँ आती है। गठिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार और योगासन की जानकारी ईन दिक्कतों से आराम दिला सकती है। लेकिन, पहले इस रोग के कारण समझ लेने चाहिए ताकि जड़ से उपचार करने में मदद मिल सके।

गठिया रोग के कारण – Gathiya rog ke kaaran

  • डाइजेशन कमज़ोर होना।
  • ज़्यादा तेल-मसाले वाला और भारी खाना खाना।
  • बॉडी में यूरिक एसिड का बढ़ना।
  • मोटापा और फिज़िकल ऐक्टिविटी की कमी।
  • खराब लाइफस्टाइल (कम नींद, तनाव, व्यायाम की कमी)।
  • चोट लगना या जोड़ों पर लगातार प्रेशर।

गठिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार और योगासन – Gathiya rog ke ayurvedic upchaar aur yogasana

  • त्रिफला और हरड़: त्रिफला चूर्ण और हरड़ डाइजेशन को स्ट्रॉंग करते हैं और शरीर से गंदगी (टॉक्सिन) निकालते हैं। रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ 1-2 चम्मच लें।
  • गुग्गुल (गुग्गुलु): आयुर्वेद में गुग्गुल को गठिया और जोड़ों के दर्द के लिए रामबाण माना गया है। यह सूजन कम करता है और जोड़ों को मज़बूत बनाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से गुग्गुल की गोली या कैप्सूल लें।
  • अश्वगंधा: अश्वगंधा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह हड्डियों को स्ट्रॉंग करता है और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाता है। 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण दूध या गुनगुने पानी के साथ लें।
  • मेथीदाना: मेथी में मौजूद गुण सूजन और दर्द कम करते हैं। रात को मेथी के दानों को भिगोकर सुबह चबा-चबाकर खाएँ या मेथी पाउडर का सेवन करें।
  • हल्दी और दूध: हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो नेचुरल पेनकिलर और सूजनरोधी है। रात को सोने से पहले गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पिएँ।
  • नारियल तेल और लहसुन का प्रयोग: लहसुन वात और सूजन को कम करता है। नारियल तेल में लहसुन की कलियाँ गर्म करें और ठंडा होने पर जोड़ों पर मालिश करें।
  • पंचकर्म चिकित्सा: आयुर्वेद में पंचकर्म, ख़ासकर विरेचन, बस्ती और अभ्यंग गठिया रोग के इलाज के लिए बहुत उपयोगी है। इससे शरीर से गंदगी (टॉक्सिन) बाहर निकलते हैं और जोड़ों की मूवमेंट बढ़ती है।
  • योग और व्यायाम: गठिया रोगी को हल्का-फुल्का व्यायाम और योग करना चाहिए। ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन और मंडूकासन आदि योगासन इस रोग में फायदेमंद हैं। साथ ही प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी भी बॉडी को बैलन्स करने में उपयोगी हैं।

FAQs

गठिया रोग में कौन-सी आयुर्वेदिक दवा सबसे ज़्यादा असरदार है – Gathiya rog mein kaun-si ayurvedic dawa sabse zyada asardar hai?

योगराज गुग्गुल और सिंधुवार गुग्गुल आयुर्वेद में गठिया रोग की ख़ास दवाएँ हैं, जो सूजन और दर्द को कम करती हैं।

क्या पंचकर्म से गठिया रोग ठीक हो सकता है – Kya Panchkarma se gathiya rog theek ho sakta hai?

हाँ, पंचकर्म (अभ्यंग, स्वेदन, बस्ती और विरेचन) शरीर से गंदगी निकालकर जोड़ों की ऐक्टिविटी बढ़ाता है और गठिया में राहत देता है।

गठिया रोगी को क्या खाना चाहिए – Gathiya rogi ko kya khana chahiye?

गठिया रोगी को हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मूंग की दाल, पपीता, आंवला और हल्दी वाला दूध लेना चाहिए।

गठिया रोगी को किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए – Gathiya rogi ko kin cheezon se parhez karna chahiye?

गठिया रोगी को खट्टी चीजें, ज़्यादा नमक, तेल वाला खाना, मांसाहार और शराब से बचना चाहिए।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको गठिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार और योगासन बताए। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को गठिया रोग की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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