आयुर्वेद में गठिया का समाधान

बदलते लाइफस्टाइल और खराब खान-पान के चलते आजकल लोगों को कई बीमारियां घेरने लग गई हैं। इन्हीं में से एक गठिया की भी है। इस समस्या में जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में सूजन, अकड़न जैसा महसूस होने लगता है। लेकिन आयुर्वेद में गठिया की समाधान बताया गया है, जिसे अपनाने से इस गंभीर बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए, जानते हैं वे उपाय कौन-से हैं -

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गठिया रोग के लक्षण

1) जोड़ों में दर्द 

2) शरीर में भारीपन महसूस होना 

3) प्यास न लगना 

4) शरीर में दर्द होना 

5) बुखार हो जाना 

6) आलस्य आना 

7) जोड़ों में अकड़न होना 

8) पेट से जुड़ी समस्याएं

गठिया रोग के कारण

1) वायरल इंफेक्शन 

2) शरीर में यूरिक एसिड बढ़ना

3) बढ़ती हुई उम्र 

4) धूम्रपान 

5) वजन का बढ़ना

आयुर्वेदिक गठिया उपचार

गठिया जिसे अर्थराइटिस भी कहा जाता है। वैसे तो एक गंभीर बीमारी है, लेकिन गठिया का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से मुक्ति पाई जा सकती है।

1) उपनहम - उपनहम गठिया की बीमारी में आराम पहुंचाने वाली एक जड़ी-बूटी है। ये जोड़ों के दर्द के लिए एक बढ़िया आयुर्वेदिक उपचार है। इसका सेवन करने से जोड़ों की चोट में होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है। इस हर्बल पेस्ट को जोड़ों पर लगाने से ब्ड सर्कुलेशन ठीक रहता है और सूजन कम हो सकती है। 

2) विरेचन - वहीं विरेचन भी आयुर्वेदिक चिकित्सा का ही एक हिस्सा है। इसका इस्तेमाल पित्त से जुड़ी समस्याओं को ठीक करता है। वहीं ये ब्लड को भी साफ रखता है। अगर आपको गठिया की समस्या है, तो आप इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके इस्तेमाल से शरीर डिटॉक्सिफाई होता है और अर्थराइटिस की समस्या में आराम मिलता है।

3) बस्ती - वहीं बस्ती भी एक जड़ी-बूट है, जो पंचकर्म का ही एक हिस्सा मानी जाती है। बस्ती थेरेपी कई तरह से की जाती है। इसके इस्तेमाल से न सिर्फ गठिया, बल्कि रुमेटाइड और मसल्स के दर्द को भी दूर किया जा सकता है। 

4) आमवातारि रस - वहीं आमवातारि रस को भी शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। इसके इस्तेमाल से दर्द, सूजन और जकड़न को कम किया जा सकता है। वहीं इससे गठिया जैसी गंभीर बीमारी में भी काफी राहत पाई जा सकती है।

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तो जैसा कि आपने जाना कि गठिया रोग का इलाज आयुर्वेद में किस तरह से किया जाता है, लेकिन फिर भी इन उपायों को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

अगर आपको भी गठिया या उससे जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से अन्य कई बीमारी के और किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।

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