एक्जिमा के आयुर्वेदिक उपचार

एक्जिमा को खुजली का रोग भी कहते हैं। ये सामान्य खुजली से बहुत अलग होता है। एक्जिमा त्वचा रोग में होने वाली सबसे आम समस्या है। ये एक ऐसी समस्या है, जो ज्यादातर सभी लोगों को प्रभावित करती है। इसके होने पर शरीर में तेज खुजली होने के साथ-साथ लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं, लेकिन एक्जिमा के आयुर्वेदिक उपचार की मदद से इससे छुटकारा पाया जा सकता है -

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एक्जिमा के लक्षण

1) चिड़चिड़ापन 

2) खुजली होना 

3) स्किन पर जलन होना 

4) खुजली से स्किन पर लाल चकत्ते होना 

5) अवसाद

एक्जिमा के कारण

1) तनाव 

2) बैक्टीरियल इंफेक्शन 

3) खाने से एलर्जी होना 

4) कॉपर के आभूषण पहनना 

5) साबुन या डिटर्जेन्ट हैं वजह 

6) हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव

एक्जिमा की आयुर्वेदिक दवा

1) नीम - नीम में निंबिडिन, निंबिन, क्वेरसेटिन जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड्स मौजूद होते हैं, जो एक्जिमा की वजह से हो रही लालिमा और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

2) खदिर - यह जड़ी-बूटी सभी तरह की गंभीर स्किन प्रॉब्लम्स जैसे कि मुंहासे और दाने को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण एक्जिमा से जुड़ी सभी समस्याओं का इलाज कर सकता है।

3) बावची - बावची में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो एक्जिमा का इलाज करने के लिए जाने जाते हैं। इस जड़ी-बूटी का उपयोग करने से एक्जिमा जैसी स्किन प्रॉब्लम से राहत मिल सकती है।

4) शहद - शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में इसे कुछ देर के लिए प्रभावित स्थान पर लगाकर छोड़ दें और बाद में ठंडे पानी से धो लें। इससे एक्जिमा की समस्या में बहुत आराम मिल सकता है।

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तो जैसा कि आपने जाना कि आयुर्वेद में एक्जिमा का इलाज किस तरह से किया जा सकता है। लेकिन इन्हें अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

अगर आपको भी एक्जिमा या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।

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