किडनी सिकुड़ने का उपचार

बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव की वजह से लोग बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं। इनमें सबसे पहले परेशान किडनी की समस्या करती है, क्योंकि नींद की कमी, शराब पीने, धूम्रपान करने और योग न करने से सबसे ज्यादा असर किडनी पर ही पड़ता है। इन चीजों से न सिर्फ किडनी पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि वो सिकुड़ने भी लगती है, लेकिन परेशान होने की बात नहीं है। आज हम आपको किडनी सिकुड़ने का उपचार बताने जा रहे हैं, जिससे आप इस बीमारी से जल्दी निजात पा सकेंगे।

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किडनी सिकुड़ने के लक्षण

1) दस्त 

2) उल्टी 

3) भूख में कमी होना 

4) बुखार 

5) यूरिन में खून आना 

6) ठंड लगना 

किडनी सिकुड़ने का उपचार

1) त्रिफला - त्रिफला का आयुर्वेद में खास महत्व है। इसका इस्तेमाल तरह-तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है। त्रिफला किडनी के सभी प्राकृतिक कामों को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसमें कई तरह के एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जिनमें फ्लेवोनॉइड्स, पॉलीफेनोलस, सैपोनिन, विटामिन-C शामिल है। त्रिफला में मौजूद ये गुण न सिर्फ किडनी सिकुड़ने का इलाज बनते हैं, बल्कि डायबिटीज, दिल से जुड़ी बीमारियों, सूजन से लड़ने में भी मदद करते हैं।

2) मकोय - किडनी सिकुड़न से पीड़ित लोगों को इस फल का पौधा लेकर उसके फलों को तोड़ लेना चाहिए। इसके बाद इनका सारा रस निकाल लेना चाहिए। इसके रस का सेवन करने से किडनी का सिकुड़ना ठीक हो जाएगा।

3) अश्वगंधा - बात अश्वगंधा की करें, तो इसकी जड़ को सुखाकर इसका चूर्ण बनाया जाता है। इसके पाउडर को उबालकर गर्म पानी के साथ लिया जाता है। इसका सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर, यूरिन डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारियों में बहुत आराम मिलता है। इन समस्याओं से राहत मिलते ही किडनी सिकुड़ने की संभावनाएं कम हो सकती हैं। 

4) गिलोय - गिलोय के बेल के तने, पत्ते और जड़ का इस्तेमाल बहुत-सी आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल गठिया, सूजन, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, तेज बुखार, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसके सेवन से किडनी सिकुड़न की शिकायत दूर हो सकती है।

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तो जैसा कि आपने जाना कि किडनी सिकुड़ने का इलाज क्या है। ऐसे में अगर आप भी किडनी सिकुड़न के मरीज हैं, तो इन उपचारों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें, क्योंकि डॉक्टर ही है जो आपकी रिपोर्ट्स देखकर बता सकते हैं कि आपके लिए ये उपाय ठीक हैं या नहीं।

अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

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