किडनी सिकुड़ने के 5 आयुर्वेदिक उपचार

खराब लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते किडनी से जुड़ी समस्याएं जैसे कि किडनी कैंसर, किडनी इंफेक्शन होना आम बात हो गया है। इनमें एक समस्या किडनी सिकुड़न की भी है, जिसे किडनी श्रिंकेज भी कहते हैं। किडनी के सिकुड़ने से वो सही से काम नहीं करती और कई तरह की समस्याएं बढ़ा देती हैं, लेकिन किडनी सिकुड़ने के 5 आयुर्वेदिक उपचार अपनाकर आप इस समस्या में राहत पा सकते हैं।

किडनी सिकुड़ने के कारण

  • 1) ज्यादा नमक का सेवन करना
  • 2) पानी कम पीना
  • 3) जरूरत से ज्यादा नॉन-वेज खाना
  • 4) अधिक मात्रा में शुगर का सेवन करना
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किडनी सिकुड़ने के लक्षण

  • 1) हाई ब्लड प्रेशर
  • 2) भूख न लगना
  • 3) सांस लेने में परेशानी होना
  • 4) स्किन ड्राई होना या खुजली होना
  • 5) थका हुआ महसूस करना
  • 6) यूरिन में खून आना

किडनी सिकुड़ने का इलाज

1) तुलसी - तुलसी के पत्तों में हर्बल गुण होते हैं। इसमें एसिटिक एसिड मौजूद होता है, जो किडनी स्टोन को तोड़कर किडनी में हो रहे दर्द को कम करने में मदद करती है। इसमें भरपूर मात्रा में न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं। तुलसी का रस पीने से यूरिनरी और इंफ्लेमेशन से जुड़े रोगों से छुटकारा मिल सकता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट कंपाउंड्स किडनी सिकुड़ने की समस्या को ठीक कर सकते हैं।

2) अनाज - किडनी सिकुड़न की समस्या में आप अनाज को शामिल कर सकते हैं, लेकिन इसमें भी आप चावल और गेंहू को शामिल करें। अगर आपको डायबिटीज नहीं है, तो आप चावल खा सकते हैं, लेकिन डायबिटीज के दौरान चावल खाने से परहेज करें। इस तरह के अनाज को नाश्ते में शामिल करने से किडनी सिकुड़न की समस्या में राहत पाई जा सकती है।

3) ग्रीन टी - ग्रीन टी या हर्बल टी में एंटी-ऑक्सिडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है। इसका सेवन करने से किडनी सिकुड़ने की समस्या में आराम मिल सकती है। ग्रीन टी को आप किडनी श्रिंकेज की डाइट में शामिल कर सकते हैं।

4) ड्राई फ्रूट्स - किडनी सिकुड़न का इलाज ड्राई फ्रूट्स से भी किया जा सकता है। इसके लिए आप ड्राई फ्रूट्स में काजू, बादाम, अखरोट आदि को शामिल करें। इससे आपको किडनी श्रिंकेज की समस्या में आराम मिल सकती है। खास तौर से किडनी के मरीज ड्राई फ्रूट्स को भूनकर खाएं, तो वो ज्यादा लाभदायक रहेगा।

5) फल - वहीं आप फलों में कम पोटेशियम वाले फल शामिल करें। इसके लिए आप सेब, पपीता, अमरूद, अनानास का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं।

तो जैसा कि आपने जाना कि किडनी सिकुड़न का इलाज किन तरीकों से किया जा सकता है। ऐसे में इन उपायों को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

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अगर आपको भी फॉमी यूरिन रोग या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे किडनी को बिना डायलिसिस के ही ठीक किया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस का आयुर्वेदिक इलाज या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।

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