बार-बार पेशाब में जलन या कमर के निचले हिस्से में दर्द - गुर्दे की पथरी के संकेत हो सकते हैं। आजकल यह समस्या आम होती जा रही है, खासकर उन लोगों में जो कम पानी पीते हैं या जिनका खानपान सही नहीं होता। अगर समय रहते गुर्दे की पथरी के लक्षण पहचान लिए जाएं, तो इसका इलाज आसान हो सकता है। लेकिन पहले इस समस्या के बारे में आम जानकारी लेनी चाहिए जो नीचे दी गई है।
गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) तब बनती है जब मूत्र में मौजूद खनिज और लवण (जैसे – कैल्शियम, यूरिक एसिड, ऑक्सालेट) इकट्ठे होकर छोटे-छोटे कणों में बदल जाते हैं। ये कण धीरे-धीरे कठोर हो जाते हैं और पत्थर का आकार ले लेते हैं। यह पथरी मूत्र नली (Urinary Tract) में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे तेज़ दर्द और अन्य लक्षण उभरते हैं।
आम तौर पर ईन कारणों से गुर्दे में पथरी बन सकती है -
कम पानी पीना – शरीर में पानी की कमी से शरीर में मौजूद खनिज पथरी का रूप ले लेते हैं।
ज़्यादा नमक या प्रोटीन वाला खाना – ज़्यादा नमक, मांस या पनीर खाने से कैल्शियम और यूरिक एसिड बढ़ जाते हैं।
जेनेटिक/अनुवांशिक कारण – जिनके परिवार में किसी को पथरी रही हो, उन्हें खतरा ज़्यादा होता है।
कुछ दवाइयां या सप्लीमेंट्स – जैसे कैल्शियम सप्लीमेंट या मूत्रवर्धक दवाएं।
मेटाबॉलिक विकार – जैसे हाइपरपराथायरॉइडिज़्म, जिससे शरीर में खनिजों का संतुलन बिगड़ जाता है।
ईन लक्षणों से गुर्दे की पथरी का पता लगाया जा सकता है -
सबसे आम और शुरुआती गुर्दे की पथरी का लक्षण है तेज़ दर्द, जो कमर से शुरू होकर पेट, जांघ या मूत्राशय की ओर फैल सकता है। यह दर्द अचानक शुरू होता है और लहरों में आता-जाता रहता है।
अगर पथरी मूत्र नली में आ जाए तो पेशाब करते वक्त तेज़ जलन महसूस हो सकती है। कई बार लोग इसे सामान्य संक्रमण समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
जब पथरी मूत्रनली की दीवार को खरोंचती है, तब पेशाब में खून (Hematuria) आ सकता है। यह गुलाबी, लाल या भूरे रंग का हो सकता है।
गुर्दे की पथरी से मूत्राशय पर दबाव बढ़ सकता है जिससे व्यक्ति को बार-बार पेशाब आता है – भले ही बहुत कम मात्रा में हो।
अगर पथरी मूत्रनली को पूरी तरह ब्लॉक कर दे, तो पेशाब रुक सकता है। यह आपातकालीन स्थिति होती है और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
गुर्दे की पथरी से होने वाला दर्द इतना तेज़ होता है कि इससे व्यक्ति को उल्टी या जी मिचलाने लगती है।
अगर पथरी के कारण मूत्र मार्ग में संक्रमण (Urinary Tract Infection) हो जाए, तो बुखार और कंपकंपी जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के कारण और लक्षण के अलावा कुछ और ज़रूरी जानकारियाँ नीच दी गयी हैं।
ईन उपायों से गुर्दे की पथरी का उपचार किया जा सकता है -
गंभीर स्थिति में डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है। छोटी पथरी या शुरुआती लक्षणों के लिए ईन लेकिन घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अलावा गुर्दे की पथरी से जुड़े कुछ और सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।
गुर्दे की पथरी के कारण बुखार आने के मुख्य कारण हैं संक्रमण और रुकावट।
गुर्दे की पथरी की जांच के लिए, आपको रक्त परीक्षण, मूत्र परीक्षण, और इमेजिंग जांच (जैसे सीटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड) की आवश्यकता हो सकती है।
वरुणादि कषाय, पाषाणभेदी चूर्ण, गोकषुरादि गुग्गुलु - ये गुर्दे की पथरी के आयुर्वेदिक उपाय हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको गुर्दे की पथरी के लक्षण बताए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को गुर्दे की पथरी की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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