आयुर्वेद में रुमेटीइड गठिया का इलाज

रुमेटीइड गठिया को रुमेटीइड अर्थराइटिस भी कहा जाता है। इस समस्या के अंदर जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन पैदा हो जाती है। इसकी वजह से कई और स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में आयुर्वेद में रुमेटीइड गठिया का इलाज संभव है, जिसे करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

रुमेटीइड गठिया के लक्षण

1) जोड़ों में सूजन आना

2) थकान, कभी-कभी बुखार आना, एनर्जी कम होना

3) कलाई और उंगलियों के जोड़ों में सूजन आना

4) गर्दन, कंधों, टखनों, कूल्हों, घुटने और पंजों में सूजन आना

रुमेटीइड गठिया के कारण

1) वजन का बढ़ना

2) धूम्रपान

3) सही डाइट न लेना

4) जेनेटिकल बदलाव

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आयुर्वेद में रुमेटीइड गठिया का इलाज

1) अदरक - अदरक की मदद से भी रुमेटीइड गठिया का इलाज हो सकता है। इसके पाउडर को पानी में डालकर उबालें और उसे आधा होने तक पकाएं। ये चाय आंत से सारे टॉक्सिन्स को बाहर निकालेगी जिससे सूजन में आराम मिलेगा।

2) मेथी दाना - मेथी दाना भी एक चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है। ऐसे में मेथी के दानों के पाउडर को पानी में डालें और रात भर भिगोकर छोड़ दें। सुबह इसके पानी का सेवन करने से आपको रुमेटीइड गठिया की बीमारी में आराम मिलेगा।

3) अश्वगंधा - बता दें कि अश्वगंधा में इम्यून-मॉड्यूलेटिंग गुण होते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से न सिर्फ सूजन से राहत मिल सकती है, बल्कि जोड़ों के दर्द में भी बहुत आराम मिल सकता है।

4) हल्दी - हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो रुमेटीइड गठिया के लक्षण जैसे कि दर्द और सूजन में राहत दिला सकते हैं।

5) त्रिफला - त्रिफला को अमालकी, हरीतकी, बिभीतकी जैसी जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है। इसका काम बॉडी से टॉक्सिन्स को निकालने का होता है। ये रुमेटीइड गठिया में भी बहुत आराम दिलाती है।

6) पंचकर्म - पंचकर्म का आयुर्वेद में बहुत महत्व होता है। इसके उपचार से शरीर को शुद्ध करने में मदद मिलती है और दोष को संतुलित किया जा सकता है।

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तो जैसा कि आपने जाना कि आयुर्वेद में रुमेटीइड गठिया का इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

अगर आपको भी रुमेटीइड गठिया या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल के डॉ. पुनीत धवन से करवा सकते हैं। आयुर्वेदा में किडनी डायलिसिस का इलाज या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।

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