आयुर्वेदिक गठिया उपचार

गठिया जिसे अर्थराइटिस भी कहा जाता है। वैसे तो कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण हो रहे जोड़ों में दर्द को ही गठिया कहा जाता है, जो कई वजहों से हो सकती है। इस बीमारी में न सिर्फ जोड़ों में दर्द, बल्कि जोड़ों को घुमाने, मोड़ने और हिलाने में भी परेशानी होती है। यह जीवनभर परेशान करने वाली बीमारी मानी जाती है, जिसमें मरीज को बर्दाश्त न करने वाला दर्द होता है, लेकिन आयुर्वेदिक गठिया उपचार से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

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गठिया की बीमारी के लक्षण

1) सूजन आना

2) हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द होना 

3) त्वचा का रंग बदलना

आयुर्वेदिक गठिया उपचार

1) आमवातारि रस - आमवातारि रस को शक्तिशाली जड़ी-बूटी माना जाता है। इसमें अमृतु, पुनर्नवा, त्रिफला, गुग्गुलु, दशमूला जैसी चीजें शामिल हैं। इसका सेवन करने से जोड़ों के दर्द में सुधार होता है और इस गंभीर बीमारी में बहुत राहत मिलती है। 

2) पंचकर्म - इस उपचार में कई तरह के इलाज शामिल होते हैं, जो शरीर को शुद्ध करने में मदद करते हैं और उसी दोष को संतुलित करने में मदद मिलती है, जो इस बीमारी का कारण बनते हैं। कुछ पंचकर्म उपचार जैसे कि अभ्यंगा, जणू वस्ति आदि शामिल हैं। 

3) योगराज गुग्गुलु - ये भी एक बेहतरीन जड़ी-बूटी मानी जाती है। ये वात, पित्त, कफ जैसे दोष को शांत करने में मदद करती है। ये दर्द और सूजन से भी राहत दिला सकती है। इसका रोजाना सेवन करने से गठिया जैसी बीमारी में बहुत आराम मिलता है। 

4) मुरिवेन्ना तेल - इस तेल को आयुर्वेद में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसे शरीर पर लगाने से जोड़ों के दर्द और सूजन में बहुत आराम मिलता है। गठिया के मरीजों के लिए ये जड़ी-बूटी किसी वरदान से कम नहीं होती है। इससे वात दोष को संतुलित करके जोड़ों के संपूर्ण स्वास्थ्य में भी आराम मिलता है। 

5) रसनादि कषायम - रसनादि कषायम को भी लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी माना जाता है। इसमें मौजूद गुण गठिया के दर्द और सूजन से राहत पाने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने के लिए इसमें पानी की बराबर मात्रा डालकर पिएं।

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आयुर्वेद के सहारे गठिया का इलाज

तो जैसा कि आपने जाना कि आयुर्वेदिक गठिया उपचार क्या है? ऐसे में इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें। 

अगर आपको भी गठिया या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।

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