किडनी के मरीज दूध पी सकते हैं क्या?

किडनी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी अंग है जिसका काम हमारे शरीर से टोक्सिंस निकालना होता है और जब किडनी खराब होती है जो आगे चल कर ये समस्या शरीर के लिए घातक भी हो सकती है, किडनी की बीमारी एक गंभीर समस्या है, और इसे कंट्रोल करने के लिए सही आहार और जीवनशैली में बदलाव की भी बहुत जरूरत है इस आर्टिकल में आज हम किडनी के मरीज दूध पी सकते हैं क्या? इस विषय में बताएंगे साथ ही इसके कारणों और लक्षणों पर भी ध्यान देंगे

किडनी खराब होने के लक्षण

  • पैरों, हाथों या चेहरे पर सूजन
  • कमजोरी महसूस होना
  • अत्यधिक थकान
  • पेट में दर्द
  • अत्यधिक खुजली होना
  • सांस फूलना
  • पेशाब का रंग गहरा होना
  • पेशाब में झाग आना
  • कम पेशाब आना या बार-बार पेशाब आना
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किडनी खराब होने के कारण

  • मधुमेह
  • उच्च रक्तचाप
  • किडनी में पथरी
  • दवाओं का प्रभाव
  • किडनी में संक्रमण
  • खराब आहार
  • अस्वस्थ जीवनशैली
  • अनुवांशिकता
  • शराब या तंबाकू का सेवन
  • शरीर में पानी की कमी

किडनी के मरीज दूध पी सकते हैं क्या?

किडनी के मरीज बहुत कम या सीमित मात्रा में दूध का सेवन कर सकते हैं। लेकिन, इसके अत्यधिक सेवन से किडनी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दूध में पोटैशियम और फास्फोरस की उच्च मात्रा होती है, जो किडनी मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में किडनी के मरीज दूध की जगह निम्नलिखित विकल्पों का सेवन कर सकते हैं

  • नारियल का दूध
  • बादाम का दूध
  • लैक्टोज-फ्री दूध
  • सोया दूध

नारियल का दूध - नारियल के दूध को यदि उचित मात्रा पिया जाए तो ये किडनी के लिए बहुत लाभकारी होता है, नारियल पानी में उच्च मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं यह शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है, नारियल के दूध में एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें साइट्रिक एसिड भी होते हैं, जो पथरी के निर्माण को रोकने में सहायक हो सकता है और किडनी स्टोन के जोखिम को कम कर सकता है।

बादाम का दूध - बादाम किडनी के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है क्योंकि बादाम में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है हालांकि इसे उचित मात्रा में ही लिया जाना चाहिए, पर इसका अत्यधिक प्रोटीन किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। साथ ही इसमें विटामिन E और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। किडनी के मरीजों के लिए हृदय स्वास्थ्य बहुत जरूरी होता है।

लैक्टोज-फ्री दूध - लैक्टोज-फ्री दूध का मतलब दूध में पाए जाने वाले शक्कर से होता है ये किडनी रोगियों के पाचन में आसानी बनाता है क्योंकि किडनी के मरीजों में पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है, और लैक्टोज-फ्री दूध पाचन को आसान बना सकता है। लैक्टोज-फ्री दूध में सामान्य दूध की तुलना में कम वसा और शर्करा होती है, किडनी के मरीजों के लिए अधिक प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन D की आवश्यकता हो सकती है, और लैक्टोज-फ्री दूध में इन पोषक तत्वों की उचित मात्रा हो सकती है।

सोया दूध - सोया दूध पौधों से प्राप्त होता है और इसमें बहुत से गुण होते हैं जैसे कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन आदि। किडनी के मरीजों को पाचन समस्या हो सकती है जिससे पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है ऐसे में सोया दूध पचाने में आसान और सरल बनाती है।

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आज इस आर्टिकल में हमने जाना किडनी के मरीज दूध पी सकते हैं क्या?, हालांकि, आप केवल हमारे द्वारा बताए गये एक ही खाद्य पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। साथ ही अगर आप या आपके कोई परिजन किडनी की कोई समस्या या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं और आप आयुर्वेद में किडनी की समस्या का इलाज ढूंढ़ रहे हैं, तो आप कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से इलाज करवा सकते हैं। सेहत से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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