हमारी किडनियाँ हर दिन लगभग 180 लीटर खून फ़िल्टर करती हैं, वेस्ट मटेरियल और एक्स्ट्रा पानी बॉडी से बाहर निकालती हैं। लेकिन जब यह खराब हो जाए तो ये सारे टोक्सिंस बॉडी में जमा होने लगते हैं जिससे किडनी की सीरियस बीमारियाँ लग सकती हैं, जैसे CKD और किडनी फेलियर।
ईन गंभीर बिमारियों से बचने के लिए बहुत ज़रूरी है कि खान-पान का पूरा ध्यान रखा जाए क्योंकि सही डाइट से किडनी की बीमारियाँ रुक भी सकती हैं। इसलिए, ये जानकारी लेना ज़रूरी है कि किडनी खराब होने पर क्या खाएं। लेकिन पहले समझ लेते हैं कि किडनी खराब क्यों होती है और क्या इसके लक्षण हैं।
किडनी खराब होने के कारण इस प्रकार हैं –
पेशाब की मात्रा बढ़ना/घटना, पेशाब में खून या झाग आना, या पेशाब करने में कठिनाई
ज़्यादा नमक से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, इसलिए नमक limited खाएं और सेंधा नमक ही खाएं। नमक की जगह हल्दी, जीरा और धनिया से स्वाद बढ़ाएं। बाज़ार का, तला-भुना, पैकेज्ड फ़ूड, मसालेदार खाना आदि से बचें।
वैसी चीज़ें डाइट में शामिल करें जिनमें पोटेशियम कम हो क्योंकि किडनी ख़राब होने पर पोटेशियम बाहर नहीं निकाल पाता। इससे दिल की धड़कन बिगड़ सकती है। कुछ लो पोटेशियम चीज़ें खा सकते हैं जैसे – सेब, नाशपाती, जामुन, लोकी, परवल, तुरई। सब्जियों को उबालकर पानी निकाल देने से भी पोटेशियम कम हो जाता है। कुछ चीज़ों का परहेज़ करें जैसे – केला, संतरा, आम, टमाटर और पालक।
ज्यादा फॉस्फोरस से हड्डियाँ कमजोर होती हैं। इसलिए पोहा, सूजी, सफ़ेद चावल खाएं। कम मात्रा में ब्रेड (बिना होल व्हीट) भी खा सकते हैं। साथ ही फ्रेश फल और सब्जियां खाएं। ईन चीज़ों का परहेज़ करें – दूध, चीज़, ड्राई फ्रूट्स, कोला ड्रिंक्स।
किडनी के मरीज को प्रोटीन का बैलेंस रखना बहुत ज़रूरी है। ज़्यादा प्रोटीन किडनी पर एक्स्ट्रा लोड डालता है जो सही नहीं है। इसलिए प्रोटीन वाली चीज़ें जैसे दाल, स्प्राउट्स, पनीर आदि लिमिटेड मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से ही खाएं।
किडनी रोगी को ज़्यादा पानी पीने से भी खतरा है और कम पानी पीना भी दिक्कत दे सकता है, इसलिए सिमित मात्रा में पिएं। हर रोगी की स्तिथि अलग होती है, इसलिए पानी की मात्रा डॉक्टर की सलाह लेकर ही फिक्स करें। अगर सूजन या यूरिन की कमी है, तो ज्यादा पानी नुकसान कर सकता है। अगर नॉर्मल पेशाब आ रही है तो दिन में 1.5–2 लीटर तक पानी पी सकते हैं। लेकिन इस मामलें में डॉक्टर की राय बहुत ज़रूरी है।
किडनी खराब होने के कारण और उपाय के अलावा कुछ सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो काफ़ी मदद कर सकती हैं।
किडनी रोगी को वे फल नहीं खाने चाहिए जिनमें पोटेशियम और फास्फोरस की मात्रा ज़्यादा होती है जैसे – केला, खजूर, खुबानी, सूखे मेवे (जैसे किशमिश), और संतरा।
लौकी, टिंडा, तोरी, परवल, पत्तागोबी, गाजर, हरी शिमला मिर्च, आलू और करेला खा सकते हैं।
दूध में फास्फोरस और पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है इसलिए दूध लिमिटेड मात्रा में पीना चाहिए वो भी अगर डॉक्टर परमिशन दे तो।
हाँ, लेकिन सफ़ेद चावल ही, क्योंकि इसमें सोडियम, पोटेशियम और फास्फोरस कम मात्रा में होते हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें बताया कि किडनी खराब होने पर क्या खाएं। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार की किडनी खराब है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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