मधुमेह का आयुर्वेदिक प्रबंधन

डायबिटीज यानी कि मधुमेह एक आम समस्या हो गई है। इसकी चपेट में आजकल बड़ों से लेकर छोटे बच्चों तक सभी आने लगे हैं और ऐसा खराब खान-पान और लाइफस्टाइल की वजह से होता है। इसी की वजह से आज दुनिया में लाखों लोग मधुमेह के शिकार हो रहे हैं, लेकिन मधुमेह का आयुर्वेदिक प्रबंधन करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है

मधुमेह के लक्षण

1) थकान महसूस होना

2) वजन का बढ़ना या कम होना

3) बार-बार पेशाब आना

4) ज्यादा भूख और प्यास लगना

5) स्किन पर खुजली होना

6) इंफेक्शन होना

7) उल्टी होना

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मधुमेह के कारण

1) इंसुलिन का कम बनना

2) मोटापा बढ़ना

3) जंकफूड खाना

4) कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना

5) परिवार के किसी सदस्य को होना

मधुमेह का आयुर्वेदिक प्रबंधन

1) मेथी - आयुर्वेद में मेथी को मधुमेह के लिए बहुत फायदेमंद माना गया है। रोज सुबह खाली पेट मेथी दाने का पानी पीने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।

2) काली मिर्च - काली मिर्च में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो ब्लड ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

3) अदरक - अदरक में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसका इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है। अदरक में एंटी-डायबिटिक, एंटी-ऑक्सिडेटिव गुण होते हैं, जो हेल्थ के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। अदरक डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए जानी जाती है।

4) सौंफ - डायबिटीज के मरीज सौंफ को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसे खाने से शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। सौंफ खाने से पेट में ठंडक बनी रहती है। सौंफ खाने से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।

5) अलसी के बीज - डायबिटीज के मरीज अलसी के बीज को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। अलसी के बीजों में मौजूद गुण फैट और शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। डायबिटीज में अलसी के बीज खाने से आपको बहुत फायदा हो सकता है।

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तो जैसा कि आपने जाना कि मधुमेह का आयुर्वेदिक प्रबंधन किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में फिर भी इनका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

अगर आपको भी मधुमेह या डायबिटीज से जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।

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