किडनी क्रिएटिनिन के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

क्रिएटिनिन, क्रिएटिन से बनता है, जो मांसपेशियों में एक पदार्थ होता है क्रिएटिनिन एक अवशिष्ट पदार्थ होता है जो शरीर में मांसपेशियों के इस्तेमाल करने से बनता हैं जैसे दौड़ना, चलता, एक्सरसाइज करना। क्रिएटिन शरीर को ऊर्जा देने में मदद करता है, और जब यह टूटता है, तो क्रिएटिनिन बनता है। क्रिएटिनिन हमारे खून में जाता है फिर किडनी से फ़िल्टर होकर पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है क्रिएटिनिन किडनी के माध्यम से फ़िल्टर होता है और पेशाब से बाहर निकल जाता है, पर जब किडनी सही से कार्य नहीं करती है, क्रिएटिनिन खून में बढ़ जाता है। डॉक्टर क्रिएटिनिन के स्तर से ही किडनी की सेहत का पता करते हैं। आज इस आर्टिकल में हम किडनी क्रिएटिनिन के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? इस विषय में बताएँगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे।

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किडनी में क्रिएटिनिन के बढ़ने के कारण

  • क्रिएटिन सप्लीमेंट लेना
  • ज्यादा प्रोटीन का सेवन
  • कम पानी पीना या गंभीर निर्जलीकरण
  • अत्यधिक एक्सरसाइज करना
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • डायबिटीज
  • मांसपेशियों में समस्या
  • किडनी में क्रिएटिनिन के बढने के लक्षण
  • सूजन और ऐंठन
  • थकान या कमजोरी
  • चक्कर आना
  • उलटी आना
  • यूरिन की समस्या

किडनी क्रिएटिनिन के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

  • उचित मात्रा में पानी पीना
  • आंवला
  • तुलसी
  • अदरक और हल्दी
  • गोखरू
  • गिलोय

उचित मात्रा में पानी पीना - किडनी के स्वास्थ्य और किडनी क्रिएटिनिन के स्तर को बनाए रखने के लिए उचित मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है क्योंकि पानी शरीर से टॉक्सिन्स और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिसके सहारे क्रिएटिनिन भी बाहर निकल जाता है इसलिए रोज़ाना एक स्वस्थ व्यक्ति को 8 से 10 गिलास पानी पिने की सलाह दी जाती है जिससे टोक्सिन बाहर निकल जाते हैं और साथ ही शरीर हाइड्रेटेड भी रहता है।

आंवला - आंवला किडनी के लिए बहुत ही फायदेमंद फल माना जाता है जिससे ये शरीर को विभिन्न समस्या से बचाता है ये किडनी को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करता है। जिस वजह से किडनी शरीर से टोक्सिन को निकालता है आंवला पाचन को भी बेहतर बनाता है, और इसमें इसमें विटामिन C भरपूर मात्रा में होते हैं जो किडनी को स्वास्थ्य बनाये रखते हैं।

तुलसी - तुलसी आयुर्वेद में बहुत ही प्रभावी औषधियों में से एक मानी जाती है, तुलसी का नियमित रूप से सेवन करना किडनी की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है और किडनी के संक्रमण को कम करने में भी मदद करता है। ये मेटाबोलिज़्म को बढ़ाने का कार्य करती है, जिससे शरीर से अपशिष्ट पदार्थ जल्दी बाहर निकलते हैं और किडनी पर दबाव कम पड़ता है।

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अदरक और हल्दी - अदरक रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे किडनी को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे किडनी के कार्य में सुधार होता है साथ ही इसमें एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो किडनी में होने वाली दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। वहीं अगर हम हल्दी पर ध्यान दें तो हल्दी में कुर्क्यूमिन होता है जो क्रिएटिनिन के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इन दोनों में मौजूद सक्रिय तत्व के कारण किडनी के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

गोखरू - गोखरू को स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है क्योंकि ये एक प्रभावी डिटॉक्सिफाइंग एजेंट है। जो मूत्र मार्ग से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। और ये मूत्रवर्धक भी माना जाता है, जो मूत्र की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है जिससे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यही नहीं ये रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है जो उच्च रक्त शर्करा किडनी की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

इस ब्लॉग में हमने बताया कि किडनी क्रिएटिनिन के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और किसी भी उपचार विकल्प को चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। अगर आप या आपके किसी परिजन को किडनी या अन्य स्वास्थ्य समस्या है और आप आयुर्वेद में पीसीओडी का इलाज ढूंढ़ रहे हैं, तो आप कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से अपना इलाज करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपको किडनी या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से छुटकारा मिल सकता है। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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