किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के घरेलू उपाय

किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है, जो ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया या अन्य वायरस की वजह से होती है। आमतौर पर किडनी की यह समस्या तब होती है, जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग के ज़रिए आपकी किडनी में पहुंचते हैं। कई बार यह स्थिति किडनी संक्रमण और सूजन का कारण बनती है। साथ ही देर से उपचार मिलने पर या इलाज नहीं किए जाने पर यह समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है। ऐसे में आपके पास किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के घरेलू उपाय की जानकारी होना जरूरी है। लेकिन, सबसे पहले हम किडनी की इस समस्या के लक्षणों और कारणों की चर्चा करेंगे।

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किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के लक्षण

किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं। लेकिन, समय के साथ यह लक्षण गंभीर हो सकते हैं। ऐसे ही कुछ लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • ठंड लगना
  • लगातार बुखार रहना
  • पीठ, पेट या साइड में दर्द
  • पेशाब में जलन या दर्द
  • बार-बार पेशाब आना
  • पेशाब में झाग
  • पेशाब में खून
  • पेशाब में बदबू
  • मतली और उल्टी
  • कमजोरी और थकान
  • संवेदनशीलता और दर्द
  • चक्कर आना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • मानसिक स्थिति में बदलाव

किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के कारण

कई जोखिम कारक किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस का कारण बन सकते हैं, जैसे:

  • बैक्टीरिया या वायरस
  • पेशाब की नली में संक्रमण
  • क्रोनिक किडनी डिजीज
  • किडनी की सर्जरी
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • किडनी में पथरी
  • पेशाब की नली में रुकावट
  • हेपेटाइटिस या अन्य स्वास्थ्य स्थिति
  • गर्भावस्था
  • शरीर में पानी की कमी होना

किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के घरेलू उपाय

किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के कई घरेलू उपचार हैं, जो इसके लक्षणों को कम करने या इसकी रोकथाम में फायदेमंद हो सकते हैं। ऐसे ही कुछ लक्षण इस प्रकार हैं: अधिक पानी पीना- अधिक पानी पीना किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के लक्षणों को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे बैक्टीरिया और अपशिष्ट पदार्थ पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं। साथ यह यूरिनरी सिस्टम को साफ और शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है।

खट्टे फल- नींबू, संतरा, मौसमी, कीनू और अंगूर जैसे खट्टे फल विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स में उच्च होते हैं। यह शरीर को हाइड्रेट रखते हैं, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और पाचन तंत्र में सुधार करते हैं। साथ ही इनके सेवन से टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे किडनी की सूजन और संक्रमण को कम किया जा सकता है।

क्रैनबैरी जूस- क्रैनबैरी जूस फाइबर से समृद्ध होता है, जिससे रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित हो सकता है। साथ ही फाइबर से आपको कब्ज और सूजन की समस्या में भी राहत मिलती है। इसके अलावा क्रैनबेरी जूस में विटामिन-सी, फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह पेशाब की नली में बैक्टीरिया या वायरस बढ़ने से रोकते हैं और किडनी में संक्रमण का जोखिम कम करते हैं।

तुलसी के पत्ते- किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के उपचार में तुलसी के पत्ते बहुत प्रभावी हो सकते हैं। यह आयुर्वेदिक औषधि एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होती है। जिससे शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने और पायलोनेफ्राइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

सेब का सिरका- पायलोनेफ्राइटिस के उपचार में सेब का सिरका एक प्रभावी और प्राकृतिक उपचार विकल्प है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पेशाब की नली में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। साथ ही इससे सूजन कम करने, शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने और पाचन को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। इस तरह आपकी किडनी और मूत्राशय दोनों ही स्वस्थ रहते हैं।

धनिये का पानी- धनिया में विटामिन-सी, के, कैल्शियम, पोटैशियम और आयरन जैसे विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है। धनिये का पानी सूजन कम करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। साथ ही इसका नियमित उपयोग किडनी पर पड़ रहे दबाव को कम करता है और किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार करता है।

प्रोबायोटिक्स का सेवन- किडनी संक्रमण के उपचार में प्रोबायोटिक्स के सेवन से कई फायदे मिल सकते हैं। यह अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने में शरीर की मदद करते हैं। इसके लिए आप दही और छाछ का सेवन कर सकते हैं।

संतुलित आहार का सेवन- स्वस्थ आहार के सेवन से भी किडनी संक्रमण का उपचार संभव है। इसके लिए आप अपने आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल कर सकते हैं। साथ ही आपके लिए ज्यादा नमक और मसालेदार भोजन से परहेज करना जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इनके ज्यादा सेवन से आपकी किडनी पर दबाव डल सकता है और किडनी में सूजन या संक्रमण की समस्या गंभीर हो सकती है।

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कुल मिलाकर, किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस के घरेलू उपाय आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी घरेलू उपाय चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। अगर आप या आपके किसी परिजन को किडनी संक्रमण पायलोनेफ्राइटिस है या आप आयुर्वेद में कैंसर का इलाज ढूंढ़ रहे हैं, तो आप कर्मा आयुर्वेदा क्लीनिक में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स से अपना इलाज करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपको किडनी संक्रमण या स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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