पेट में जलन की आयुर्वेदिक दवा

पेट में जलन क्या होती है – Pet mein Jalan kya hoti hai?

पेट में जलन एक आम लेकिन बहुत तकलीफ़ देने वाली स्थिति है, जिसमें पेट के ऊपरी हिस्से में गर्माहट या जलने जैसा महसूस होता है। ऐसा ख़ासकर तब होता है जब अम्ल (एसिड) ज़्यादा मात्रा में बनने लगे या पेट की परतों में सूजन हो।

अगर पेट में जलन बार-बार हो रही हो, तो पेट में जलन की आयुर्वेदिक दवा बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स नहीं होते और समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। लेकिन पहले पेट में जलन का कारण जान लेना चाहिए ताकि इलाज में आसानी हो।

पेट में जलन का कारण – Pet mein Jalan ka Karan

आम तौर पर इन कारणों से पेट में जलन हो सकती है:

  • गलत खान-पान: तेज मिर्च-मसाले, तली-भुनी चीजें, ज़्यादा खट्टा या वसा वाला खाना पेट की एसिड मात्रा को बढ़ा देते हैं।
  • भोजन का समय पर न लेना: लंबे समय तक भूखे रहना या किसी भी समय खाना एसिडिटी बढ़ाकर जलन पैदा कर सकती है।
  • तनाव और चिंता: मानसिक तनाव पाचन क्रिया को प्रभावित करता है, जिससे गैस, एसिड और जलन की समस्या हो सकती है।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन: ये दोनों पेट की परतों को कमजोर कर देते हैं और अम्लता को बढ़ाते हैं।
  • कुछ दवाओं का सेवन: पेनकिलर्स, एंटीबायोटिक्स या आयरन सप्लीमेंट्स पेट में एसिड को बढ़ा सकते हैं।
  • पेट से जुड़ी बीमारियां: जैसे गैस्ट्राइटिस, एसिड रिफ्लक्स, अल्सर या हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन
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पेट में जलन की आयुर्वेदिक दवा – Pet mein Jalan ki Ayurvedic Dawa

पेट में जलन का उपचार इन आयुर्वेदिक दवाओं और घरेलु नुस्खों से किया जा सकता है:

  • अविपत्तिकर चूर्ण: पित्त और हाइपरएसिडिटी में उपयोगी।
  • कुटज: दस्त और पेट की जलन में सहायक।
  • सुक्राक्योर ओ सिरप: एसिडिटी और अपच से राहत।
  • शतावरी: पेट की समस्याएं जैसे जलन, भारीपन में असरदार।
  • ठंडा दूध या नारियल पानी: जलन शांत करने के लिए घरेलू उपाय।
  • अदरक की चाय, कैमोमाइल चाय: पाचन को आराम देती हैं।
  • जीरा, सौंफ, धनिया: पेट की गर्मी को शांत करने वाले तत्व।
  • खीरा और तरबूज: पेट ठंडा रखते हैं।
  • बेकिंग सोडा: पेट में एसिड को न्यूट्रल करता है।
  • छाछ: लैक्टिक एसिड युक्त, एसिडिटी से राहत।
  • तुलसी, दालचीनी, सेब का सिरका, हींग, अजवाइन: सब पेट को शांत करते हैं।
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पेट की जलन से तुरंत राहत के लिए क्या करें – आयुर्वेद में

ठंडा दूध, नारियल पानी, सौंफ का पानी, और केला जैसी चीजें तुरंत राहत दे सकती हैं।

कामदुधा रस पेट की जलन में कैसे फायदेमंद है?

कामदुधा रस पित्त दोष को संतुलित करता है और पेट की परतों को ठंडक देता है।

एसिडिटी के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

अविपत्तिकर चूर्ण और पेंटासिड आमतौर पर सबसे ज्यादा प्रभावी मानी जाती हैं।

पेट की जलन और खट्टी डकार का आयुर्वेदिक समाधान क्या है?

सौंफ, पुदीना, अजवाइन, और हींग इसमें असरदार हैं।

अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पेट में जलन की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से इलाज करवाएं। हेल्थ से जुड़े और ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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