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गठिया बाय (Rheumatoid Arthritis) एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के जोड़-जोड़ में सूजन, दर्द और अकड़न पैदा करती है। आम तौर पर यह समस्या बुजुर्गों में होती है लेकिन, अब यह युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। इसके इलाज में काम आने वाली दवाइयों से आराम तो मिल जाता है, लेकिन कई बार ये साइड इफेक्ट्स भी लाती हैं। ऐसे में लोग सुरक्षित, प्राकृतिक और स्थायी ईलाज यानी गठिया बाय का रामबाण इलाज खोजते हैं जिसकी जानकारी नीचे दी गयी है लेकिन, इससे पहले हमें गठिया बाय रोग के बारे में कुछ आम जानकारियाँ लेनी चाहिए जो इस प्रकार हैं;
गठिया बाय को आयुर्वेद में 'आमवात' कहा जाता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही जोड़ों पर हमला करने लगता है। इससे जोड़ सूज जाते हैं, उनमें तेज़ दर्द होता है, और व्यक्ति को चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
आम तौर पर ईन कारणों से गठिया बाय रोग होता है -
डाइजेस्टिव सिस्टम की खराबी (अधपचा भोजन, गैस्ट्रिक प्रॉब्लम्स) इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी सर्दी-जुकाम का बार-बार होना ज़्यादा समय तक गीले या ठंडे वातावरण में रहना खराब खानपान – जैसे अधिक तली-भुनी, खट्टी या भारी चीज़ों का सेवन
ईन लक्षणों से गठिया बाय रोग की पहचान की जा सकती है -
ईन तरीकों का उपयोग करके गठिया बाय का रामबाण इलाज किया जा सकता है -
गठिया बाय का आयुर्वेदिक ईलाज: आम तौर पर गठिया बाय के ईलाज में ये आयुर्वेदिक दवाइयाँ उपयोगी होती हैं
गुग्गुल (Guggul): गुग्गुल एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जो वात को शांत करती है और सूजन को कम करती है। रोज़ाना 1 से 2 ग्राम गुग्गुल चूर्ण या टेबलेट गर्म पानी के साथ लेना लाभकारी है।
अश्वगंधा (Ashwagandha): यह इम्यून सिस्टम को बैलेंस करता है और दर्द में राहत देता है। यह थकावट और कमजोरी को भी दूर करता है। सुबह-शाम आधा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण दूध के साथ लें।
दशमूल क्वाथ: दशमूल दस जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा होता है जो वात और आम (खराब पचे हुए खाने का जमाव) दोनों को नष्ट करता है। इसे रोज़ाना सुबह खाली पेट सेवन करना गठिया में अत्यंत लाभकारी होता है।
मैथी, हल्दी और अजवाइन का मिश्रण: इन तीनों का चूर्ण बनाकर रोज़ सुबह खाली पेट एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें। यह मिश्रण सूजन, दर्द और अकड़न को दूर करता है।
ईन उपायों से गठिया बाय का घरेलु उपचार किया जा सकता है -
सरसों के तेल की मालिश: सरसों के तेल को लहसुन और अजवाइन के साथ गर्म करके प्रभावित जोड़ों पर मालिश करें। यह ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर दर्द में राहत देता है।
गर्म पानी से सेंक (Hot Fomentation): गर्म पानी की बोतल से जोड़ों की सिंकाई करने से सूजन और जकड़न कम होती है।
अदरक और हल्दी का सेवन: इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अदरक की चाय या हल्दी वाला दूध गठिया में राहत दिलाता है।
आंवला और गिलोय का रस: यह दोनों इम्यून सिस्टम को मज़बूत करते हैं और आम (खराब पचे हुए खाने का जमाव) दोष को नष्ट करते हैं।
गठिया बाय के कारण, लक्षण और ईलाज के अलावा कुछ और भी ज़रूरी सवाल और जानकारी नीचे दी गयी है जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।
इस रोग में टमाटर, बैंगन, आलू, दही और अन्य खट्टी चीजें, ठंडा पानी और बर्फ वाले पेय, तली-भुनी चीजें, रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड - ईन सब चीज़ों का परहेज़ रखना चाहिए।
लैवेंडर तेल, जैतून का तेल, और महुआ तेल सूजन-रोधी होते हैं और जोड़ों के दर्द में सुधार कर सकते हैं।
शरीर में सूजन और आयरन की कमी के कारण अक्सर गठिया बाय में खून की कमी होती है।
हरी सब्ज़ियां खासकर पालक, सहजन, परवल और फलों में सेब, पपीता, अमरूद, आंवला खाना चाहिए। इसके अलावा दलिया, खिचड़ी, मूंग दाल, हल्दी, अदरक वाला खाना और गुनगुने पानी का गठिया बाय में सेवन करना चाहिए।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको गठिया बाय का रामबाण इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को गठिया बाय की समस्या है या गठिया बाय के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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