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एक्जिमा एक त्वचा रोग है जो अब बहुत ही जो अब बदलते मौसम और ख़राब लाइफस्टाइल के वजह से बहुत ही सामान्य है, ये रोग तब होता है जब त्वचा की सुरक्षा तंत्र के कमजोर हो जाती है, जिस वजह से शरीर पर बहुत से लक्षण दिखाई देते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आयुर्वेदा में एक्जिमा रोग ठीक हो सकता है इस विषय में बताएंगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर ध्यान देंगे जिससे आप उचित समय पर एक्जिमा को प्राकृतिक तरीके से ठीक कर पाएं।
तुलसी - तुलसी को आयुर्वेद में बहुत ही महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक माना गया है, इसमें बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा को एक्जिमा जैसी समस्या में बहुत मदद करते हैं इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जिससे ये त्वचा पर बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण से बचाव कर सकता है, तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो एक्जिमा के कारण होने वाले सूजन या जलन की स्थिति में त्वचा को आराम दिलाता है।
हल्दी - हल्दी को बहुत पुराने समय से त्वचा के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसमें बहुत से ऐसे गुण होते हैं, जो त्वचा के लिए बहुत ही असरदार होते हैं इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा पर हो रही सूजन को कम करते हैं, और हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा पर बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं, साथ ही त्वचा को त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं।
नीम - नीम में बहुत असरदार प्राकृतिक गुण मौजूद होते हैं इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल दोनों ही गुण उचित मात्रा में होते हैं जिससे एक्जिमा कि वजह से त्वचा पर अक्सर बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण हो सकता है आप नीम के पत्तों को खुरदरी त्वचा को पुनः हाइड्रेट करने में इस्तेमाल कर सकते हैं जो खुरदरी त्वचा को पुनः हाइड्रेट करने में मदद करता है।
आंवला - आंवला बहुत ही लाभकारी फल है, और इसके बहुत से स्वास्थ्य फायदे होते हैं, आंवला विटामिन C का अच्छा स्रोत है जो त्वचा की मरम्मत में मदद कर सकता है साथ ही त्वचा की कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है, आंवला प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है, जिससे त्वचा में होने वाली इन्फेक्शन और अन्य बाहरी समस्याओं से लड़ने की शक्ति मिलता है।
स्निग्ध औषधियाँ - स्निग्ध औषधियाँ ऐसे पदार्थ होते हैं जो त्वचा को मुलायम और नमी प्रदान करते हैं, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण से बचाने में मदद करता है यही कारण होते हैं जो एक्जिमा के लक्षण को बढ़ा सकते हैं इसमें और ये आन तौर पर लोशन, क्रीम, तेल के रूप में मिलते हैं जैसे इसके कुछ उदाहरण है- नारियल तेल, जैतून का तेल, एलोवेरा जेल, जोजोबा ऑइल आदि।
एक्जिमा रोग में उचित आहार का भी बहुत बड़ा योगदान है क्योंकि सही आहार से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, यहाँ कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो एक्जिमा के रोगियों के लिए उपयुक्त हो सकते हैं:
एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार - ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, आलिव ऑइल और हल्दी जैसे आहार सूजन को कम करते हैं और त्वचा को राहत पहुंचाते हैं।
प्रोबायोटिक्स - प्रोबायोटिक्स पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे यदि एक्जिमा का संबंध आंतों के स्वास्थ्य से जुड़ा हो तो उसमें भी आराम मिल सके।
हाइड्रेशन - उचित मात्र में पानी पीने से त्वचा हाइड्रेटेड रहती है और रुखी त्वचा जैसी समस्या में भी आराम मिलता है आप चाहे तो ताज़े फलों का जूस या नारियल पानी को अपने डाइट में जोड़ सकते हैं।
विटामिन D - विटामिन D भी त्वचा के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि विटामिन D की कमी से त्वचा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए आप चाहे तो सूरज की रोशनी से भी आप विटामिन D ले सकते हैं।
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आयुर्वेदा में एक्जिमा रोग ठीक हो सकता है, तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। साथ ही अगर आप या आपके कोई परिजन एक्जिमा या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं और आप एक्जिमा के लिए सबसे अच्छी दवा ढूंढ़ रहे हैं, तो आप कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से इलाज करवा सकते हैं। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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