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नेफ्रोटिक सिंड्रोम एक ऐसी कंडीशन है जिसमें किडनी में प्रोटीन को फ़िल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे ज़्यादा मात्रा में प्रोटीन पेशाब में निकलने लगता है। इससे शरीर में सूजन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
यह रोग किडनी को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए? लेकिन इससे पहले इस रोग से जुड़ी कुछ और ज़रूरी बातें जान लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
किडनी में एक छोटा सा हिस्सा होता है, ग्लोमेरुलस; जो फ़िल्टर जैसा दिखाई देता है। इसी ग्लोमेरुलस को जब नुकसान पहुँचता है तो नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग होता है क्योंकि फिर ग्लोमेरुलस प्रोटीन को फ़िल्टर करने का काम नहीं कर पाता।
ईन कारणों से ग्लोमेरुलस को नुकसान होता है जिससे, नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग होता है -
मिनिमल चेंज डिजीज : यह एक किडनी डिसीज़ है और बच्चों में नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग का सबसे आम कारण है। इसमें ग्लोमेरुलस में हल्का नुकसान होता है।
मेम्ब्रेनस ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस : बड़ों में यह सबसे आम कारण है, जिसमें ग्लोमेरुलस में सूजन और झिल्ली मोटी हो जाती है। यह भी एक किडनी डिसीज़ है।
फोकल सेगमेंटल ग्लोमेरुलोस्केलेरोसिस : यह भी किडनी में होने वाला एक ऐसा रोग है जिसमें ग्लोमेरुलस की कुछ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
दूसरी बीमारियाँ और इन्फेक्शन : डायबिटीज और ल्यूपस जैसी बिमारियों से भी नेफ्रोटिक सिंड्रोम हो सकता है।
ईन लक्षणों से नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग की पहचान की जा सकती है -
ईन लक्षणों से इस रोग की पहचान करने के बाद खान-पान पर ख़ास ध्यान देना चाहिए और कुछ चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए जिसके बारे में जानकारी नीचे दी गयी है।
आम तौर पर इस रोग में ईन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए -
हमेशा नुकसानदायक नहीं होते। लेकिन दूध में फॉस्फोरस होता है और कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स में सोडियम की मात्रा ज़्यादा होती है जिससे नुकसान पहुँच सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर ही दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
इस रोग में उन फलों से बचना चाहिए जिनमें पोटेशियम की मात्रा ज़्यादा होती है, जैसे केले, संतरे, आलूबुखारा, और टमाटर।
क्योंकि ये दोनों लिक्विड हैं और इस रोग में शरीर में लिक्विड जमा हो जाता है, इसलिए नेफ्रोटिक सिंड्रोम में कॉफी और चाय का सेवन सिमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह लेकर ही करना चाहिए।
आमतौर पर सुरक्षित होता है, खासकर अगर यह सादा और बिना नमक का हो।
आज के इस ब्लॉग में हमने आपको बताया कि नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
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