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यह एक ऐसी कंडीशन है जो प्रोस्टेट ग्रंथि में बिना किसी कंट्रोल के कोशिकाओं के बढ़ने से होती है। प्रोस्टेट एक अखरोट के साइज़ की ग्रंथि है जो मूत्राशय के ठीक नीचे और मलाशय के सामने होती है। यह ग्रंथि वीर्य बनाने में मदद करती है। यह पुरुषों में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है, जो अगर ठीक न हो तो बॉडी के दुसरे हिस्सों में भी फ़ैल सकता है। इसलिए इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि प्रोस्टेट कैंसर रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए? लेकिन इससे पहले इस रोग से जुड़ी कुछ और ज़रूरी बातें जान लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
प्रोस्टेट कैंसर का कोई तय कारण नहीं है, लेकिन कुछ जोखिम कारक ऐसे हैं जो इसके विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
ईन कारकों में से ख़ास हैं -
उम्र: 50 वर्ष से ज़्यादा उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा ज़्यादा होता है।
पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर हुआ हो, तो प्रोस्टेट कैंसर होने का चांस बढ़ जाता है।
नस्ल: अफ्रीकी मूल के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर ज़्यादा होता है।
खान-पान: ज़्यादा फैट वाली चीज़ें और लाल मांस ज़्यादा खाने से प्रोस्टेट कैंसर का ख़तरा बढ़ा सकता है।
मोटापा: मोटापे से भी प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है।
स्मोकिंग: स्मोकिंग प्रोस्टेट कैंसर का कारण बन सकती है।
ईन लक्षणों से प्रोस्टेट कैंसर रोग की पहचान हो सकती है -
ईन लक्षणों से इस रोग की पहचान करने के बाद खान-पान पर ख़ास ध्यान देना चाहिए और कुछ चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए जिसके बारे में जानकारी नीचे दी गयी है।
आम तौर पर इस रोग में ईन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए -
प्रोस्टेट कैंसर में तली-भुनी चीजें खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें ट्रांस फैट ज़्यादा होता है, जो सूजन को बढ़ा सकता है जिससे प्रोस्टेट कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है।
नहीं, सोया प्रोडक्ट्स प्रोस्टेट कैंसर में नुकसानदायक नहीं माने जाते हैं। बल्कि, कुछ स्टडीज़ से पता चला है कि सोया प्रोडक्ट्स खाने से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का ख़तरा कम हो सकता है। लेकिन फिर भी, प्रोस्टेट कैंसर रोगी को डॉक्टर की सलाह लेकर ही सोया प्रोडक्ट्स खाने चाहिए।
कुछ स्टडीज़ से पता चला है कि ज़्यादा कॉफी लेना प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है, जबकि दूसरी स्टडीज़ में ऐसा कोई संबंध नहीं पाया गया है। इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर ही कैफीन (चाय, कॉफी) की मात्र तय करनी चाहिए।
ज़्यादा नमक खाने से प्रोस्टेट ग्रंथि का साइज़ बढ़ सकता है, जिससे पेशाब करने में कठिनाई और पेशाब में खून आने जैसे लक्षण हो सकते हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि प्रोस्टेट कैंसर रोग के घरेलू उपाय। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको प्रोस्टेट कैंसर रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
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