बार-बार पेशाब आने का आयुर्वेदिक इलाज

दिनभर या रात में कई बार पेशाब जाना व्यक्ति की नींद, काम और डेली रूटीन पर बुरा असर डालता है। इस समस्या को आयुर्वेद में "प्रमेह" या "मूत्र विकार" के अन्दर रखा गया है। अच्छी बात यह है कि आयुर्वेद में बार-बार पेशाब की समस्या का इलाज न केवल जड़ से किया जा सकता है, बल्कि वह शरीर के संतुलन को भी ठीक करता है। इसलिए बार-बार पेशाब आने का आयुर्वेदिक इलाज जानना बहुत ज़रूरी है। लेकिन इससे पहले इस रोग के बारे में कुछ आम जानकारियाँ लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।

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बार-बार पेशाब आने के कारण - Bar-bar Peshab aane ke karan

बार-बार पेशाब आना कोई बीमारी नहीं बल्कि बॉडी में बैलेंस बिगड़ने या किसी दूसरी बीमारी का लक्षण हो सकता है। इसके ख़ास कारण इस प्रकार हैं -

1. डायबिटीज (मधुमेह): डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर कंट्रोल न होने से पेशाब बार-बार आता है।

2. मूत्र संक्रमण (UTI): महिलाओं में अधिक सामान्य, इन्फेक्शन के कारण बार-बार पेशाब और जलन की शिकायत हो सकती है।

3. प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या: पुरुषों में बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्राशय पर दबाव डालता है जिससे बार-बार पेशाब आता है।

4. मेंटल स्ट्रेस: ज़्यादा चिंता या स्ट्रेस से भी मूत्र की अधिकता हो सकती है।

5. ज़्यादा पानी या चाय-कॉफी का सेवन: कैफीन और ज़्यादा तरल पदार्थों का सेवन मूत्र उत्पादन बढ़ाता है।

बार-बार पेशाब आने का आयुर्वेदिक इलाज - Bar-bar Peshab aane ka Ayurvedic Ilaj

यह वात, पित्त और कफ दोषों के बैलेंस बिगड़ने से होता है। ख़ासकर, कफ दोष के बढ़ने पर पेशाब से जुड़े रोग ज़्यादा बढ़ते हैं। लेकिन ईन तरीकों से बार-बार पेशाब आने का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है -

1. गोखरू (Gokshura): गोखरू एक मूत्रवर्धक औषधि है जो मूत्राशय को मजबूत बनाती है और संक्रमण को भी दूर करती है। गोखरू चूर्ण को शहद के साथ सुबह-शाम लें। यह बार-बार पेशाब आने की आयुर्वेदिक दवा है।

2. वरणा (Varuna): यह प्रोस्टेट और मूत्र मार्ग के विकारों में लाभकारी है। वरणा का क्वाथ बनाकर दिन में दो बार पिएं।

3. चंद्रप्रभा वटी: यह एक आयुर्वेदिक योग है जो मूत्र संबंधी सभी विकारों में उपयोगी है। डॉक्टर की सलाह अनुसार दिन में 1-2 गोली गर्म पानी के साथ लें।

4. शिलाजीत: शिलाजीत शरीर को शक्ति देने के साथ-साथ मूत्र मार्ग की गंदगी को बाहर निकालता है। एक चुटकी शुद्ध शिलाजीत को दूध के साथ लें।

5. त्रिफला चूर्ण: त्रिफला पेट को साफ रखता है, जिससे शरीर में टॉक्सिन्स नहीं जमते और मूत्र मार्ग स्वस्थ रहता है। रात में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।

बार-बार पेशाब आने का घरेलु इलाज - Bar-bar Peshab aane ka Gharelu Ilaj

ईन उपायों का इस्तेमाल करके बार-बार पेशाब आने का घरेलु उपचार कर सकते हैं -

1. धनिया पानी: रात में एक चम्मच धनिया पाउडर को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर पी जाएं।

2. सौंफ का काढ़ा: सौंफ, मिश्री और गुलाब की पंखुड़ियों का काढ़ा बार-बार पेशाब में आराम देता है।

3. तुलसी के पत्ते: तुलसी मूत्र संक्रमण से रक्षा करती है। 4-5 पत्ते चबाएं या उनका रस शहद में मिलाकर लें।

4. अनार का रस: अनार मूत्राशय को टोन करता है और बार-बार पेशाब की समस्या में राहत देता है।

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बार-बार पेशाब आने के कारण और उपाय के अलावा और भी कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को बहुत फायदा पहुंचा सकती हैं।

बार-बार पेशाब आने पर क्या खाना चाहिए - Bar-bar Peshab aane par kya khana chahiye?

हल्का आसानी से पचने वाला खाना, जौ का सूप, मूंग की दाल, नारियल पानी (कम मात्रा में), साबुत अनाज और डायबिटिक मरीजों के लिए करेले का रस - ईन चीज़ों को डाइट में शामिल करना चाहिए।

बार-बार पेशाब आने पर क्या नहीं खाना चाहिए - Bar-bar Peshab aane par kya nahi khana chahiye?

बहुत ज़्यादा कैफीन और शराब, अधिक मसालेदार और तली-भुनी चीजें, बहुत ठंडा या बर्फ वाला पानी और रात्रि में अत्यधिक जल का सेवन - ईन चीज़ों से बच कर रहें।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए - Kab Doctor se milna chahiye?

अगर बार-बार पेशाब के साथ दुसरे लक्षण भी दिखें, जैसे - पेशाब में जलन या खून आना, बुखार या कमर में दर्द, पेशाब रुक-रुक कर आना और अनियंत्रित डायबिटीज - तो तुरंत डॉक्टर से कांटेक्ट करें।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बार-बार पेशाब आने का आयुर्वेदिक इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को बार-बार पेशाब आने की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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