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मुंह का कैंसर रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए

मुंह का कैंसर रोग क्या होता है - Muh ka Cancer Rog kya hota hai?

यह कैंसर का वो टाइप है, जिसमें मुंह के अन्दर या गले के पिछले हिस्से में असामान्य कोशिकाएं बिना कंट्रोल के बढ़ने लगती हैं। यह सिर और गर्दन के कैंसर का एक टाइप है और इसे ओरल कैंसर भी कहा जाता है।

यह एक बहुत ही सीरियस बीमारी है, इसलिए इस बात पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है कि मुंह का कैंसर रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन इससे पहले इस रोग से जुड़ी कुछ और ज़रूरी बातें जान लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।

मुंह का कैंसर रोग के कारण - Muh ka Cancer Rog ke karan

आम तौर पर मुंह का कैंसर ईन कारणों से होता है -

तम्बाकू और शराब : यह सबसे आम कारण होता है।

ह्यूमन पेपिलोमावायरस : यह एक वायरस है जिसे शोर्ट में एचपीवी कहते हैं। यह यौन संपर्क से फैलता है जो जीभ, गले और टॉन्सिल के पीछे के हिस्सों पर असर करता है।

खराब इम्युनिटी : अगर बॉडी का इम्युनिटी सिस्टम दवाओं या बीमारी के कारण कमजोर हो जाता है, तो मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

मुंह का कैंसर रोग के लक्षण - Muh ka Cancer Rog ke lakshan

ईन लक्षणों से मुंह के कैंसर की पहचान की जा सकती है -

घाव, जलन, गांठ या मोटा धब्बा: अगर मुँह, होठों या गले में कोई घाव, जलन, गांठ या मोटा धब्बा दो सप्ताह से ज़्यादा समय तक बना रहे, तो इसका मतलब मुंह का कैंसर हो सकता है।

सफेद या लाल धब्बे: मुँह में सफेद या लाल धब्बे भी कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

गले में दर्द: लगातार गले में दर्द, ऐसा महसूस होना कि गले में कुछ फंसा हुआ है, या आवाज बैठ जाना या आवाज बंद हो जाना।

गर्दन में गांठ: गर्दन में गांठ या सूजन कैंसर का एक आम लक्षण है।

चबाने, निगलने या बोलने में कठिनाई

जीभ या मुँह में सुन्नता

कान में दर्द

अचानक वजन कम होना: बिना किसी क्लियर वजह के अचानक वजन कम होना भी कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।

ईन लक्षणों से इस रोग की पहचान करने के बाद खान-पान पर ख़ास ध्यान देना चाहिए और कुछ चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए जिसके बारे में जानकारी नीचे दी गयी है।

मुंह का कैंसर रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए - Muh ka Cancer Rog hone par kya nahi khana chahiye?

आम तौर पर इस रोग में ईन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए -

तीखा और मसालेदार खाना : लाल मिर्च, गरम मसाले, अचार आदि से मुंह में जलन बढ़ सकती है और दर्द हो सकता है।

कड़ा या कुरकुरा खाना : जैसे चिप्स, टोस्ट, ड्राय फ्रूट्स (सख्त वाले), नमकीन आदि घावों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

बहुत गर्म खाना या पीना : ज्यादा गरम चाय, कॉफी या सूप मुंह की सॉफ्ट स्किन को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।

खट्टे फल और रस : नींबू, संतरा, टमाटर जैसे खट्टे फलों में एसिड होता है, जो घावों को चुभन दे सकता है।

शराब और तंबाकू प्रोडक्ट्स : ये कैंसर की स्थिति को और खराब कर सकते हैं और इलाज पर असर डालते हैं।

ज़्यादा मीठा और प्रोसेस्ड फूड : मिठाइयाँ, बेकरी प्रोडक्ट्स, डिब्बाबंद खाने की चीज़ें आदि पोषण कम देते हैं और इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं।

इसके अलावा मुंह का कैंसर रोग में खान-पान से जुड़े और भी ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं।

क्या कॉफी और चाय से मुंह के कैंसर में दिक्कत हो सकती है - Kya coffee aur chay se Muh ke Cancer mein dikkat ho sakti hai?

ज़रूरी नहीं। कई अध्ययनों में, कॉफी और चाय को कैंसर के ख़तरे को कम करने से जोड़ा गया है लेकिन फिर भी डॉक्टर की सलाह लेकर ही कॉफी और चाय की मात्रा तय करें।

क्या मीठा (शक्कर) मुंह के कैंसर को बढ़ा सकता है - Kya meetha (shakkar) Muh ke Cancer ko badha sakta hai?

हाँ, रोजाना मीठा खाने से मुंह का कैंसर बढ़ सकता है।

क्या कैंसर के मरीज़ दूध और डेयरी उत्पाद खा सकते हैं - Kya Cancer ke marij doodh aur dairy products kha sakte hain?

हाँ, कैंसर के मरीज़ दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स खा सकते हैं। लेकिन कुछ स्टडीज़ में डेयरी प्रोडक्ट्स और कैंसर के बीच एक लिंक पाया गया है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर ही कैंसर के मरीज़ को दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करना चाहिए।

आज के इस ब्लॉग में हमने आपको बताया कि मुंह का कैंसर रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको मुंह का कैंसर रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।

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