सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है – Sans Ki Bimari Ka Desi Ilaj Kya Hai?

सांस की बीमारी क्या है – Sans Ki Bimari Kya Hai?

सांस की बीमारी, जिसे श्वसन रोग भी कहा जाता है, श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाली सारी कंडीशन का एक ग्रुप है। इसमें फेफड़े, वायुमार्ग और श्वास की मांसपेशियों में होने वाली समस्याएं शामिल हैं। इसके इलाज में ली गयी अंग्रेजी दवाइयों के अक्सर साइड इफेक्ट्स होते हैं और जड़ से उपचार नहीं होता। इसलिए, ये जानना बहुत ज़रूरी है कि “सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है?” लेकिन, पहले सांस की बीमारी के बारे में आम जानकारी ले लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी है।

सांस की बीमारियाँ कौन-कौन सी होती हैं – Sans Ki Bimariyan Kaun-Kaun Si Hoti Hain?

ज़्यादातर पाई जाने वाली सांस की बीमारियाँ इस प्रकार हैं –

  • अस्थमा: यह एक पुरानी बीमारी है जो वायुमार्गों में सूजन और सिकुडन का कारण बनती है।
  • क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी): यह एक प्रगतिशील बीमारी है जो फेफड़ों में हवा के रास्ते को रोकती है।
  • निमोनिया: यह एक फेफड़ों का इन्फेक्शन है जो बैक्टीरिया, वायरस, या कवक के कारण हो सकता है।
  • ब्रोंकाइटिस: यह वायुमार्गों की सूजन है, जो आमतौर पर खांसी और बलगम के साथ होती है।
  • फेफड़ों का कैंसर: यह एक घातक बीमारी है जो फेफड़ों में असामान्य कोशिकाओं के विकास का कारण बनती है।
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस: यह एक जेनेटिक रोग है जो फेफड़ों और पाचन तंत्र में गाढ़ा बलगम जमा होने से होता है।
  • फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस: यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें फेफड़ों में निशान पड़ जाते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है.
  • फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप: इस कंडीशन में फेफड़ों में ब्लड प्रेशर नार्मल से ज़्यादा होता है।
  • तपेदिक (टीबी): यह एक संक्रामक बीमारी है जो फेफड़ों पर बुरा असर डालती है।
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सांस की बीमारी के कारण – Sans Ki Bimari Ke Karan

आम तौर पर ईन कारणों से सांस की बीमारी होती है –

  • धूम्रपान और तंबाकू
  • वायु प्रदूषण
  • इन्फेक्शन
  • एलर्जी
  • जेनेटिक्स
  • ऊंचाई; ऊंचाई पर जाने से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • दवाएं; कुछ दवाएं, और कुछ एंटीबायोटिक्स, सांस लेने में कठिनाई या अस्थमा जैसे लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।

सांस की बीमारी के लक्षण – Sans Ki Bimari Ke Lakshan

सांस की बीमारी के कुछ नार्मल लक्षणों में शामिल हैं:

  • सांस फूलना (Dyspnea)
  • घरघराहट (Wheezing)
  • सीने में जकड़न (Chest tightness)
  • खांसी
  • थकान
  • बुखार
  • गले में खराश
  • नाक बहना

सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है – Sans Ki Bimari Ka Desi Ilaj Kya Hai?

ईन तरीकों से सांस की बीमारी का देसी उपचार किया जा सकता है –

  • शहद: शहद का सेवन अस्थमा और सांस की तकलीफ के लिए एक नार्मल घरेलू उपाय है। शहद में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हवा के रास्ते को शांत करने और बलगम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • अदरक: अदरक में एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो श्वसन संक्रमण और अस्थमा के कारण होने वाली सांस की तकलीफ को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • अंजीर: अंजीर कफ को जमने से रोकने में मदद करता है और श्वास नली में जमा बलगम को ढीला करने में मदद करता है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है।
  • चूर्ण: कुछ ख़ास चूर्ण, जैसे कि सपिस्तान, उन्नाव, अलसी, और पीपला मूल, सांस की बीमारी के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। इन चूर्णों को मिलाकर पाउडर बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • अन्य उपाय: भाप लेना, गर्म तरल पदार्थ पीना जैसे कि गर्म पानी या चाय, धूम्रपान और प्रदूषकों से बचना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना सांस की बीमारी में फायदेमंद है।

सांस की बीमारी के कारण, लक्षण और उपाय के अलावा इस बीमारी के बारे में और भी ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे शेयर की गयी हैं जो रोगी के बहुत काम आ सकती हैं।

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फेफड़ों को मजबूत कैसे करें – Fefdo ko majboot kaise karein?

फेफड़ों को मजबूत करने के लिए, रोज़ व्यायाम, हेल्दी डाइट, और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करना ज़रूरी है।

अस्थमा का घरेलू इलाज क्या है – Asthma ka gharelu ilaj kya hai?

अस्थमा का घरेलू इलाज अदरक, शहद, तुलसी, मुलेठी, गिलोय, भाप, और प्राणायाम से संभव है। ये उपाय सूजन कम कर सांस लेना आसान बनाते हैं।

सांस की बीमारी में किन चीजों से परहेज करना चाहिए – Sans ki bimari mein kin cheezon se parhez karna chahiye?

ठंडी चीजें, धूल-धुआं, धूम्रपान, तली-भुनी चीजें और ज़्यादा ठंडा पानी सांस की बीमारी को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए।

क्या गिलोय का रस सांस की बीमारी में उपयोगी है – Kya giloy ka ras saans ki bimari mein upyogi hai?

हाँ, गिलोय इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और फेफड़ों के इन्फेक्शन को कम करने में मदद करता है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से राहत मिलती है।

सांस की तकलीफ में क्या खाना चाहिए – Saans ki takleef mein kya khana chahiye?

सांस की तकलीफ में हल्का और गर्म भोजन लें। हरी सब्जियाँ और फल जैसे सेब-अमरूद लें। इसके अलावा अदरक, तुलसी, शहद, हल्दी और प्रोटीन वाली चीज़ें जैसे दालें फायदेमंद हैं। गर्म पानी पिएं और भाप लें।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को सांस की बीमारी है या सांस की बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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