पार्किंसन के मरीज को क्या खाना चाहिए

पार्किंसन रोग एक न्यूरोलॉजिकल रोग है, जिसमें दिमाग में डोपामाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर की कमी हो जाती है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और मांसपेशियों में कठोरता, शरीर में कंपन (tremors), बैलेंस की समस्या, और चलने में कठिनाई जैसे लक्षणों के रूप में सामने आती है।

पार्किंसन का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल, दवाइयों और खास तौर पर सही डाइट के ज़रिए इसके लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इसलिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि पार्किंसन के मरीज को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

पार्किंसन मरीज के लिए सही डाइट का महत्व - Parkinson Marij ke liye sahi diet ka mahatva

पार्किंसन रोग में सही डाइट तीन कारणों से ज़रूरी है:

  • डोपामाइन के स्तर को बैलेंस रखना
  • दवाइयों के असर को बेहतर बनाना
  • कब्ज, थकान, मांसपेशियों की कमजोरी जैसे लक्षणों को कम करना
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पार्किंसन के मरीज को क्या खाना चाहिए - Parkinson ke marij ko kya khana chahiye?

ईन चीज़ों को पार्किंसन रोग में खाया जा सकता है -

1. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां

एंटीऑक्सीडेंट दिमाग की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और न्यूरोलॉजिकल नुकसान को कम करते हैं। सेब, ब्लूबेरी, अंगूर, अनार जैसे फल खाना पार्किंसन में फायदेमंद होता है। इसी तरह सब्जियों में ब्रोकली, पालक, गाजर, टमाटर और बीटरूट खाना पार्किंसन में राहत पंहुचा सकता है।

2. फाइबर वाला खाना

पार्किंसन के मरीजों में कब्ज एक आम समस्या होती है। फाइबर वाला खाना इस परेशानी को कम करता है। दलिया, साबुत अनाज (ब्राउन राइस, ओट्स), फल, हरी सब्जियां, बीन्स और चिया सीड्स - ये सब फाइबर के ख़ास सोर्स हैं।

3. ओमेगा-3 फैटी एसिड

यह दिमाग की कार्यप्रणाली को सुधारते हैं और न्यूरोइनफ्लेमेशन को कम करते हैं। इसके लिए आप अलसी के बीज, अखरोट और सोया खा सकते हैं।

4. प्रोटीन – लेकिन सीमित मात्रा में और सही समय पर

प्रोटीन डोपामाइन की दवा Levodopa के असर में रुकावट डाल सकता है। इसलिए, प्रोटीन का सेवन दवा से कम-से-कम 1 घंटे बाद करना चाहिए। प्रोटीन के ख़ास सोर्स हैं - मूंग दाल, दही, टोफू और दूध।

5. विटामिन B6 और B12 वाला खाना

ये दोनों विटामिन्स दिमाग की तंत्रिकाओं को बेहतर बनाते हैं और थकान व भ्रम जैसी समस्याएं कम करते हैं। इसके लिए केला, आलू, दूध और बीन्स खा सकते हैं।

6. विटामिन D और कैल्शियम

पार्किंसन मरीजों में गिरने और हड्डियों की कमजोरी का खतरा ज़्यादा होता है। इसलिए दूध, दही और पनीर आदि खाना चाहिए। इसके साथ ही सूरज की रोशनी भी लेनी चाहिए।

पार्किंसन के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए - Parkinson ke marij ko kya nahi khana chahiye?

ईन चीज़ों से पार्किंसन के मरीज को परहेज़ रखना चाहिए -

1. प्रोसेस्ड और फ्राइड फूड

बिस्किट, चिप्स, नमकीन, बर्गर, पिज्जा जैसा प्रोसेस्ड और फ्राइड फूड खाने से सूजन (inflammation) बढ़ सकती है और यह शरीर को कमजोर बनाते हैं।

2. ज़्यादा शक्कर और नमक

ज़्यादा शक्कर से वजन बढ़ता है और थकान जल्दी लगती है। ज़्यादा नमक से हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है जो पार्किंसन में जोखिम भरा है।

3. अल्कोहल और कैफीन

ये दिमाग की कार्यप्रणाली को बाधित कर सकते हैं और नींद की समस्या बढ़ा सकते हैं।

4. बहुत ज्यादा प्रोटीन एक ही समय पर लेना

यह दवाओं के असर में बाधा बन सकता है। इसलिए प्रोटीन सिमित मात्रा में रखें।

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पार्किंसन में खान-पान से जुड़े कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दिए गए हैं जो रोगी को बहुत फायदा पहुंचा सकती हैं।

क्या पार्किंसन में दाल खा सकते हैं - Kya Parkinson mein daal kha sakte hain?

हां, लेकिन सीमित मात्रा में और Levodopa दवा के समय से कम से कम 1–1.5 घंटे बाद खानी चाहिए, ताकि दवा का असर कम न हो।

क्या पार्किंसन में दूध पीना फायदेमंद है - Kya Parkinson mein doodh pina faydemand hai?

हां, दूध में कैल्शियम और विटामिन D होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। लेकिन दूध का सेवन दवा से कुछ समय के अंतराल पर करें।

क्या पार्किंसन के मरीज शाकाहारी डाइट से ठीक रह सकते हैं - Kya Parkinson ke marij shakahari diet se thik rah sakte hain?

बिल्कुल। शाकाहारी डाइट में भरपूर फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन मिलते हैं। बस यह सुनिश्चित करें कि विटामिन B12 की पूर्ति सप्लीमेंट से हो रही है।

क्या पार्किंसन के मरीज उपवास कर सकते हैं - Kya Parkinson ke marij upwas kar sakte hain?

नहीं, उपवास से ब्लड शुगर लेवल गिर सकता है और कमजोरी बढ़ सकती है। लगातार छोटे-छोटे मील्स लेना फायदेमंद है।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि पार्किंसन के मरीज को क्या खाना चाहिए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पार्किंसन की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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