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बहुत से लोग डायबिटीज या शुगर की अंग्रेजी दवाएं लंबे समय तक लेने के बावजूद भी शुगर को कंट्रोल में नहीं रख पा रहे हैं। ऐसे में लोग प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय की तलाश में रहते हैं। यही कारण है कि "आयुर्वेद में शुगर की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?" जैसे सवाल लोगों के मन में बार-बार उठते हैं। लेकिन इससे पहले शुगर या डायबिटीज के बारे में कुछ आम जानकारियाँ लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
शुगर या मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन हार्मोन का पर्याप्त निर्माण नहीं कर पाता या शरीर उसमें सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं करता, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। अगर इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो यह आंख, किडनी, दिल और नर्व्स को नुकसान पहुंचा सकता है।
आयुर्वेद में शुगर को "मधुमेह" कहा गया है। यह एक अष्टोमहागद यानी जटिल और खतरनाक रोगों में शामिल है। आयुर्वेद के अनुसार यह रोग तब होता है जब शरीर में कफ, पित्त और वात का संतुलन बिगड़ जाता है, खासकर कफ दोष बढ़ने से।
कुछ आयुर्वेदिक औषधियां शुगर के रोगियों के लिए रामबाण मानी जाती हैं। इनमें ख़ास हैं -
गुड़मार का मतलब है "गुड़ यानी चीनी को मारने वाला"। यह जड़ी-बूटी शुगर लेवल को नेचुरली कम करने में बेहद असरदार है। यह पैंक्रियाज को इंसुलिन उत्पादन में मदद करती है और मीठे की लालसा भी कम करती है। गुड़मार पाउडर को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें। आजकल इसके कैप्सूल्स भी उपलब्ध हैं।
जामुन की गुठली शुगर रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करती है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती है। जामुन की सूखी गुठली को पीसकर चूर्ण बना लें और 1 चम्मच सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें।
मेथी इंसुलिन की क्रिया को सुधारती है और कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करती है जिससे ब्लड शुगर नहीं बढ़ता। रातभर पानी में भिगोए हुए मेथी के दानों को सुबह खाली पेट चबाकर खाएं।
विजयसार को 'मधुमेह हंटर' कहा जाता है। इसका उपयोग पुराने समय से मधुमेह रोगियों के लिए किया जाता रहा है। विजयसार की लकड़ी का गिलास रात में पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट उस पानी को पीएं।
दवा के अलावा कुछ दुसरे तरीकों से भी शुगर/डायबिटीज का इलाज किया जा सकता है जो नीचे दिए गए हैं।
हर दिन योग करें – ख़ासकर प्राणायाम, कपालभाति और मंडूकासन। तनाव न लें – मानसिक तनाव भी ब्लड शुगर बढ़ा सकता है। हर दिन टहलना जरूरी है – कम से कम 30 मिनट।
शुगर में ईन चीज़ों को ना खाएं -
शुगर होने पर ईन चीज़ों को अपनी डाइट में शामिल करें -
आयुर्वेद में शुगर की सबसे अच्छी दवा के अलावा कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती है।
शुगर कंट्रोल करने के लिए मेथी का सेवन करना बहुत अच्छा उपाय होता है।
आंवला चूर्ण, दालचीनी का चूर्ण, मेथी के बीज का चूर्ण, सहजन का चूर्ण और त्रिफला का चूर्ण।
60 साल की उम्र में, उपवास के दौरान ब्लड शुगर का स्तर 90 से 130 mg/dL के बीच होना चाहिए।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको आयुर्वेद में शुगर की सबसे अच्छी दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को शुगर या डायबिटीज की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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