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किडनी सिकुड़ने का मतलब है किडनी का आकार छोटा होना या उसका आयतन कम हो जाना। यह किडनी के ठीक से काम न करने के कारण होता है, जिससे खून को फ़िल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है, क्रिएटिनिन और यूरिया का स्तर बढ़ जाता है। किडनी से जुडी यह एक गंभीर बीमारी है, इसलिए इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि किडनी सिकुड़ना रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन इससे पहले इस रोग से जुड़ी कुछ और ज़रूरी बातें जान लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
ईन कारणों से किडनी सिकुड़ सकती है -
हाई बी पी: इससे आर्टरीज़ को नुकसान पहुँच सकता है जिससे किडनी सिकुड़ सकती है।
डायबिटीज: इस रोग से किडनी की कोशिकाओं को नुकसान होता है और किडनी सिकुड़ने का खतरा रहता है।
क्रोनिक किडनी डिसीज़: यह रोग भी किडनी की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जिससे किडनी सिकुड़ सकती है।
किडनी के काम में रुकावट: किडनी में पथरी, पेशाब की नलियों में रुकावट, या प्रोस्टेट का बढ़ना किडनी से पेशाब के बहाव के रास्ते को रोक सकता है, जिससे किडनी सिकुड़ जाती है।
इन्फेक्शन या चोट: कुछ दवाएं, संक्रमण, या चोट भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं।
ईन लक्षणों से किडनी सिकुड़ने का पता लगाया जा सकता है।
ईन लक्षणों से इस रोग की पहचान करने के बाद खान-पान पर ख़ास ध्यान देना चाहिए और कुछ चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए जिसके बारे में जानकारी नीचे दी गयी है।
आम तौर पर इस रोग में ईन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए -
ज़्यादा प्रोटीन वाली चीज़ें: जैसे लाल मांस, मुर्गा-मुर्गी, ज़्यादा दालें (चना, राजमा, सोयाबीन आदि)
नमक से भरपूर चीज़ें: जैसे नमकीन, पापड, अचार, चिप्स आदि।
ज़्यादा पोटेशियम वाली चीज़ें: जैसे केला, संतरा, आम, आलू, टमाटर, पालक और नारियल पानी।
फॉस्फोरस से भरपूर चीजें: जैसे दूध और दूध से बनी चीजें (पनीर, चीज़), सूखे मेवे (बादाम, अखरोट), चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक
शराब और स्मोकिंग
किडनी सिकुड़ने पर, पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा वाले फलों से बचना चाहिए, जैसे कि केला, खजूर, खुबानी, और खरबूजा।
किडनी सिकुड़ने पर, खासकर पोटैशियम और सोडियम की मात्रा ज्यादा वाली सब्जियों से परहेज करना चाहिए। इसमें आलू, शकरकंद, अरबी, शलजम, चुकंदर, पालक, मेथी, धनिया, और फूलगोभी शामिल हैं।
यह बीमारी की गंभीरता, अन्य स्वास्थ्य स्थितियों, और डायलिसिस पर होने या नहीं होने पर निर्भर करता है। किडनी की बीमारी वाले व्यक्तियों को अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए कि उन्हें कितना पानी पीना चाहिए।
किडनी की बीमारी में दूध और दूध से बनी चीजें (जैसे दही, पनीर) सीमित मात्रा में ही खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इनमें फास्फोरस, पोटेशियम और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि किडनी सिकुड़ना रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको किडनी सिकुड़ना रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
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