कोलेस्ट्रॉल एक वसा वाला, मोम जैसा पदार्थ है जो हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाया जाता है। यह शरीर के लिए जरूरी है क्योंकि इससे हार्मोन, विटामिन D और पाचन में सहायक पित्त बनता है।
कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है: LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल)। जब शरीर में LDL ज़्यादा हो जाता है, तो यह धमनियों में जमा होकर दिल की बीमारी, स्ट्रोक और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
आमतौर पर इन कारणों से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है:
हृदय रोग, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
LDL के लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से इसकी पुष्टि होती है। लक्षणों में आंखों के पास पीले धब्बे, सीने में दर्द, सांस फूलना, हाथ-पैरों में सुन्नता हो सकते हैं।
20 वर्ष की उम्र से हर 4–6 साल में टेस्ट कराना चाहिए। अगर कोई हृदय रोग या डायबिटीज है, तो अधिक बार टेस्ट जरूरी है।
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से धमनियों में प्लाक जम जाता है जिससे ब्लड फ्लो रुकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना बढ़ती है।
इस ब्लॉग में हमने कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण और उपाय बताए हैं। लेकिन सिर्फ इन टिप्स पर निर्भर न रहें। यदि कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो किसी अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करें।
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