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हमारे शरीर में अचानक कोई गांठ उभर आए तो चिंता होना नेचुरल है। कई बार यह गांठ छोटी सी होती है लेकिन मन में बड़े डर पैदा कर देती है – क्योंकि यह कैंसर या किसी सीरियस बीमारी का संकेत भी हो सकती है। इसलिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि गांठ का रामबाण इलाज क्या है। लेकिन इससे पहले गांठ के बारे में कुछ दूसरी जानकारियाँ भी लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
गांठ (Lump) शरीर के किसी भी हिस्से में बनने वाला ठोस या नरम उभार होता है, जो अंदरूनी टिश्यूज़ के अब्नोर्मल विकास, इन्फेक्शन, सूजन या तरल के इकठ्ठा होने से बनती है।
गांठ कई टाइप की होती है जैसे;
ईन कारणों से गाँठ हो सकती है -
ईन लक्षणों से गांठ की पहचान की जा सकती है -
गांठ के कारण और लक्षण जानने के बाद गांठ का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है, जिसकी जानकारी नीचे दी गयी है।
ईन उपायों से गांठ का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है -
गांठ की सूजन के लिए हल्दी: इसमें मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) सूजन और इन्फेक्शन को कम करता है। 1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी मिलाकर रोज पिएं। हल्दी पाउडर और नारियल तेल मिलाकर भी गांठ पर लगा सकते हैं।
गांठ पर अरंडी का तेल लगाना: इससे सूजन कम होती है और गांठ के आकार को घटाने में मदद मिलती है। गर्म अरंडी के तेल से गांठ पर मालिश करें। सूती कपड़े को गर्म करके ऊपर रखें।
लहसुन से गांठ का इलाज: लहसुन एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है। रोज खाली पेट 2-3 कच्ची लहसुन की कलियां खाएं। लहसुन का पेस्ट बनाकर गांठ पर लगाएं, अगर स्किन सेंसिटिव न हो।
गांठ के लिए अश्वगंधा पाउडर: अश्वगंधा इम्युनिटी को बढ़ाता है और हार्मोन को बैलेंस करता है। रोज सुबह और रात 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर गुनगुने दूध के साथ लें।
गिलोय से गांठ का आयुर्वेदिक इलाज: गिलोय शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है और लिम्फ सिस्टम को मजबूत करता है। 2 चम्मच गिलोय रस सुबह खाली पेट लें, या, गिलोय की बेल उबालकर काढ़ा बनाएं और पिएं।
ईन घरेलु उपायों से गांठ का इलाज किया जा सकता है -
1. गांठ पर गर्म पानी की सिंकाई: गर्म पानी की सिकाई से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और गांठ में जमा तरल पदार्थ घुलने लगता है।
2. अजवाइन, कपूर से गांठ का इलाज: अजवाइन और कपूर मिलाकर पेस्ट बनाएं और गांठ पर लगाएं – ये सूजन कम करने में मदद करते हैं।
3. नीम से गांठ का घरेलू इलाज: नीम में बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन को खत्म करने की क्षमता होती है। नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर गांठ पर लगाएं। नीम का काढ़ा पिएं।
ईन औषधियों से गांठ का आयुर्वेदिक इलाज हो सकता है -
ध्यान रहे गांठ का उपचार ख़ुद से ना करें बल्कि किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही तमाम उपायों को काम में लें। गांठ के उपचार से जुड़े कुछ और ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो गांठ के रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।
अगर गांठ की त्वचा का रंग बदलता है, उसमें गड्ढे पड़ते हैं, या अल्सर जैसा दिखता है, तो यह कैंसर की गांठ हो सकती है। साथ ही, अचानक वजन कम होना, लगातार बुखार, और हमेशा थकान रहना भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
थायराइड ग्रंथि में गांठ (नोड्यूल) होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जो कुछ जांचें कर सकते हैं, जैसे; अल्ट्रासाउंड, थायरॉइड फंक्शन टेस्ट, और कभी-कभी बायोप्सी भी।
पेट में गांठ के इलाज के लिए कई ऑप्शन मौजूद हैं, जिनमें दवाएं, सर्जरी, या कीमोथेरेपी शामिल हो सकती हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको ब्रेस्ट गांठ का रामबाण इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को गांठ की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
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