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आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण पाचन तंत्र कमजोर होता जा रहा है। नतीजा – गैस, कब्ज, अपच, भारीपन, बदहजमी और पेट फूलना जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। ऐसे में लोग जल्दी राहत के लिए अंग्रेजी दवाओं का सहारा लेते हैं, जो थोड़े समय के लिए आराम देती हैं, लेकिन जड़ से इलाज नहीं कर पातीं।
आयुर्वेद इस मामले में एक नेचुरल समाधान देता है। पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा न केवल पेट की समस्याओं को जड़ से ठीक करती है, बल्कि पुरे डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाती है। लेकिन इससे पहले पाचन शक्ति के बारे में कुछ आम जानकारी लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
ईन कारणों से पाचन शक्ति कमजोर होती है जिससे अपच और पेट खराब होने की समस्या होती है -
आयुर्वेद के अनुसार पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए "जठराग्नि" को संतुलित करना आवश्यक होता है। पाचन शक्ति बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाएं - जो नीचे दी गयी हैं - पाचन ठीक करने का बेहतरीन आयुर्वेदिक तरीका हैं।
1. त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna): त्रिफला – हरड़, बहेड़ा और आंवला का मिश्रण – पेट साफ करने, कब्ज दूर करने और आंतों को मजबूत करने में अद्भुत औषधि है। रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
2. हिंगवाष्टक चूर्ण (Hingwashtak Churna): यह गैस, अपच, पेट दर्द और भारीपन में अत्यंत लाभकारी है। इसमें हींग, सौंठ, काली मिर्च, पिप्पली, अजवाइन जैसे तत्व होते हैं। भोजन के बाद आधा चम्मच गर्म पानी के साथ लें।
3. अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar Churna): एसिडिटी, खट्टी डकारें और पेट जलन में बहुत फायदेमंद। यह पेट को ठंडक देता है और अग्नि को बैलेंस करता है। खाने से 30 मिनट पहले एक चम्मच लें।
4. चितरकादी वटी (Chitrakadi Vati): यह वटी अग्नि को जाग्रत करती है और भोजन को अच्छे से पचाने में सहायता करती है। यह भूख न लगने और पेट फूलने की समस्या में असरदार है। भोजन से पहले 1-2 गोली गुनगुने पानी के साथ लें।
5. कुमार्यासव (Kumaryasava): यह तरल रूप में मिलने वाली आयुर्वेदिक औषधि है जो लिवर को मजबूत करती है, पाचन सुधारती है और भूख बढ़ाती है। 15–20 ml भोजन के बाद लें, उतने ही पानी के साथ मिलाकर।
ईन आयुर्वेदिक दवाइयों के अलावा पाचन ठीक करने के कुछ दुसरे तरीके भी नीचे दिए गए हैं।
ईन तरीकों से पाचन शक्ति ठीक की जा सकती है -
भोजन के बाद सौंफ और मिश्री का सेवन करें: यह माउथ फ्रेशनर के साथ-साथ पाचन एंजाइम्स को एक्टिव करता है।
गुनगुना पानी पिएं: सुबह खाली पेट और भोजन के बाद गुनगुना पानी पचने में मदद करता है।
अजवाइन और काला नमक का मिश्रण: यह गैस और अपच के लिए आजमाया हुआ नुस्खा है और बहुत फायदेमंद होता है।
नींबू और शहद का सेवन: यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।
दही या छाछ का सेवन: ये प्रॉबायोटिक्स युक्त होते हैं और आंतों के लिए अमृत समान है।
पाचन के लिए योग और एक्सरसाइज इस प्रकार हैं-
पाचन ठीक करने के लिए नीचे दी गयी दिनचर्या फॉलो करनी चाहिए -
पेट खराब होने से बचाव के लिए ईन बातों का ध्यान रखें -
पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण और उपचार के अलावा और भी ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।
त्रिफला चूर्ण और हिंगवाष्टक चूर्ण सबसे लोकप्रिय और प्रभावी माने जाते हैं।
हां, यदि प्रमाणिक ब्रांड की ली जाए और सही मात्रा में सेवन किया जाए तो ये बिना साइड इफेक्ट के काम करती हैं।
हल्के मामलों में 3-7 दिन में सुधार दिखता है, लेकिन गंभीर मामलों में लगातार 1-2 महीने नियमित सेवन जरूरी है।
दूध पचाने में समस्या होने पर, आप आयुर्वेद में बताए गए कुछ सरल उपायों का पालन कर सकते हैं। इनमें हल्दी, शिलाजीत, पीपल, और त्रिफला जैसे प्राकृतिक तत्व शामिल हैं जो पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पाचन/अपच की समस्या है या अपच के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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