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पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा

आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण पाचन तंत्र कमजोर होता जा रहा है। नतीजा – गैस, कब्ज, अपच, भारीपन, बदहजमी और पेट फूलना जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। ऐसे में लोग जल्दी राहत के लिए अंग्रेजी दवाओं का सहारा लेते हैं, जो थोड़े समय के लिए आराम देती हैं, लेकिन जड़ से इलाज नहीं कर पातीं।

आयुर्वेद इस मामले में एक नेचुरल समाधान देता है। पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा न केवल पेट की समस्याओं को जड़ से ठीक करती है, बल्कि पुरे डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत बनाती है। लेकिन इससे पहले पाचन शक्ति के बारे में कुछ आम जानकारी लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।

पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण - Pachan Shakti kamjor hone ke karan

ईन कारणों से पाचन शक्ति कमजोर होती है जिससे अपच और पेट खराब होने की समस्या होती है -

  • जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन
  • अनियमित भोजन और रात देर तक जागना
  • तनाव और नींद की कमी
  • पानी कम पीना और फाइबर की कमी
  • एंटीबायोटिक्स या अन्य दवाओं का बार-बार सेवन

पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा - Pachan Shakti badhane ki Ayurvedic Dawa

आयुर्वेद के अनुसार पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए "जठराग्नि" को संतुलित करना आवश्यक होता है। पाचन शक्ति बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाएं - जो नीचे दी गयी हैं - पाचन ठीक करने का बेहतरीन आयुर्वेदिक तरीका हैं।

1. त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna): त्रिफला – हरड़, बहेड़ा और आंवला का मिश्रण – पेट साफ करने, कब्ज दूर करने और आंतों को मजबूत करने में अद्भुत औषधि है। रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।

2. हिंगवाष्टक चूर्ण (Hingwashtak Churna): यह गैस, अपच, पेट दर्द और भारीपन में अत्यंत लाभकारी है। इसमें हींग, सौंठ, काली मिर्च, पिप्पली, अजवाइन जैसे तत्व होते हैं। भोजन के बाद आधा चम्मच गर्म पानी के साथ लें।

3. अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar Churna): एसिडिटी, खट्टी डकारें और पेट जलन में बहुत फायदेमंद। यह पेट को ठंडक देता है और अग्नि को बैलेंस करता है। खाने से 30 मिनट पहले एक चम्मच लें।

4. चितरकादी वटी (Chitrakadi Vati): यह वटी अग्नि को जाग्रत करती है और भोजन को अच्छे से पचाने में सहायता करती है। यह भूख न लगने और पेट फूलने की समस्या में असरदार है। भोजन से पहले 1-2 गोली गुनगुने पानी के साथ लें।

5. कुमार्यासव (Kumaryasava): यह तरल रूप में मिलने वाली आयुर्वेदिक औषधि है जो लिवर को मजबूत करती है, पाचन सुधारती है और भूख बढ़ाती है। 15–20 ml भोजन के बाद लें, उतने ही पानी के साथ मिलाकर।

ईन आयुर्वेदिक दवाइयों के अलावा पाचन ठीक करने के कुछ दुसरे तरीके भी नीचे दिए गए हैं।

पाचन ठीक करने के घरेलु उपाय; गैस से राहत के नुस्खे - Pachan thik karne ke Gharelu Upay; Gas se rahat ke nuskhe

ईन तरीकों से पाचन शक्ति ठीक की जा सकती है -

भोजन के बाद सौंफ और मिश्री का सेवन करें: यह माउथ फ्रेशनर के साथ-साथ पाचन एंजाइम्स को एक्टिव करता है।

गुनगुना पानी पिएं: सुबह खाली पेट और भोजन के बाद गुनगुना पानी पचने में मदद करता है।

अजवाइन और काला नमक का मिश्रण: यह गैस और अपच के लिए आजमाया हुआ नुस्खा है और बहुत फायदेमंद होता है।

नींबू और शहद का सेवन: यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।

दही या छाछ का सेवन: ये प्रॉबायोटिक्स युक्त होते हैं और आंतों के लिए अमृत समान है।

पाचन के लिए योग - Pachan ke liye Yog

पाचन के लिए योग और एक्सरसाइज इस प्रकार हैं-

  • पवनमुक्तासन
  • भुजंगासन
  • वज्रासन (भोजन के बाद करें)
  • कपालभाति प्राणायाम
  • अग्निसार क्रिया

पाचन के लिए सही दिनचर्या - Pachan ke liye sahi Dincharya

पाचन ठीक करने के लिए नीचे दी गयी दिनचर्या फॉलो करनी चाहिए -

  • समय पर भोजन करना
  • पर्याप्त नींद लेना
  • सुबह जल्दी उठना
  • स्ट्रेस को कंट्रोल करना

पाचन सुधारने के लिए ज़रूरी सावधानियां - Pachan Sudharne ke liye zaruri Savdhaniya

पेट खराब होने से बचाव के लिए ईन बातों का ध्यान रखें -

  • खाना चबा-चबाकर खाएं
  • बहुत अधिक ठंडा या बहुत अधिक गर्म खाना न खाएं
  • खाने के तुरंत बाद न सोएं
  • बासी और भारी भोजन से बचें
  • दिन में कम से कम 30 मिनट टहलना जरूरी है

पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण और उपचार के अलावा और भी ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।

कौन-सी आयुर्वेदिक दवा पाचन के लिए सबसे ज़्यादा असरदार है - Kaun si Ayurvedic Dawa Pachan ke liye sabse zyada asardar hai?

त्रिफला चूर्ण और हिंगवाष्टक चूर्ण सबसे लोकप्रिय और प्रभावी माने जाते हैं।

क्या आयुर्वेदिक दवाएं पेट के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं - Kya Ayurvedic Dawaye pet ke liye puri tarah surakshit hai?

हां, यदि प्रमाणिक ब्रांड की ली जाए और सही मात्रा में सेवन किया जाए तो ये बिना साइड इफेक्ट के काम करती हैं।

कितने समय में असर दिखता है - Kitne samay mein asar dikhta hai?

हल्के मामलों में 3-7 दिन में सुधार दिखता है, लेकिन गंभीर मामलों में लगातार 1-2 महीने नियमित सेवन जरूरी है।

दूध नहीं पचता तो क्या करें आयुर्वेदिक उपाय - Doodh nahi pachta to kya kare Ayurvedic Upay?

दूध पचाने में समस्या होने पर, आप आयुर्वेद में बताए गए कुछ सरल उपायों का पालन कर सकते हैं। इनमें हल्दी, शिलाजीत, पीपल, और त्रिफला जैसे प्राकृतिक तत्व शामिल हैं जो पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको पाचन शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पाचन/अपच की समस्या है या अपच के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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