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पैरों में सूजन (leg swelling) एक आम लेकिन परेशानी देने वाली समस्या है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन बुजुर्गों, महिलाओं और किडनी या दिल के मरीजों में इसकी संभावना ज़्यादा होती है। आम तौर पर अंग्रेजी दवाइयों के साइड इफेक्ट्स ज़्यादा देखने में आते हैं, इसलिए पैर की सूजन का देसी इलाज जानना ज़रूरी है। लेकिन, इससे पहले पैर की सूजन के कारण जान लेना चाहिए जो नीचे दिए गए हैं।
ईन कारणों से पैरों में सूजन होती है -
अगर सूजन लगातार बनी रहती है, दर्द होता है या रंग बदलने लगता है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से कांटेक्ट करें।
ईन तरीकों से पैर की सूजन का आयुर्वेदिक और घरेलु उपचार किया जा सकता है -
1. मेथी से सूजन का इलाज: मेथी के दाने का पानी इस बीमारी में बहुत उपयोगी होता है। रात में एक चम्मच मेथी के दाने पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट उस पानी को छानकर पी लें। मेथी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
2. पैर की सूजन में हल्दी: हल्दी में कर्क्यूमिन नामक तत्व होता है जो शरीर की सूजन और दर्द को कम करता है। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पीना लाभकारी होता है।
3. सरसों के तेल की मालिश: सरसों का तेल गर्म करके हल्के हाथों से सूजन वाले हिस्से पर मालिश करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और सूजन में राहत मिलती है।
4. पैर की सूजन में सेंधा नमक: एक टब में गुनगुना पानी लें और उसमें 2 चम्मच सेंधा नमक मिलाएं। अब अपने पैरों को 15-20 मिनट तक इसमें डुबोकर रखें। यह उपाय सूजन और थकान को दूर करता है।
5. अजवाइन और सौंठ का घरेलू काढ़ा: 1 चम्मच अजवाइन और आधा चम्मच सौंठ को 2 कप पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तब इसे छानकर दिन में दो बार पिएं। यह शरीर में जमा गैस, ब्लोटिंग और सूजन को कम करता है।
6. पपीते के पत्ते से सूजन का इलाज: ताजा पपीते के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें और सुबह खाली पेट एक चम्मच लें। यह शरीर की सूजन को कम करने में बेहद उपयोगी होता है।
7. पैरों को ऊँचाई पर रखें: रोजाना 10-15 मिनट के लिए पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को दीवार पर टिकाकर थोड़ा ऊपर रखें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और सूजन कम होती है।
पैर की सूजन का कारण और ईलाज जानने के अलावा इस रोग के बारे में कुछ और ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को बहुत फायदा पहुंचा सकती हैं।
पैरों में सूजन अक्सर शरीर में पानी का बैलेंस बिगड़ने के कारण भी होती है। रोजाना कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं, ताकि शरीर से ज़हरीले तत्व बाहर निकल सकें। ध्यान रखें कि बहुत अधिक पानी भी हानिकारक हो सकता है, विशेष रूप से किडनी रोगियों के लिए।
गर्भावस्था के दौरान पैरों में सूजन (swelling) कम करने के लिए, आराम के समय पैरों को ऊँचा करें, लंबे समय तक खड़े रहने से बचें, आरामदायक कपड़े और जूते पहनें, और दिन में कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनें। अपनी बाईं करवट सोएं और नियमित रूप से पैदल चलें या तैरें।
कम नमक वाला भोजन लें। हरी सब्जियां, मौसमी फल और हल्के दलिये का सेवन करें। तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड/डिब्बाबंद चीज़ें और ज़्यादा चीनी से परहेज करें।
पैर में पानी भरने से सूजन का मुख्य कारण यह है कि शरीर के टिश्यूज़ में तरल पदार्थ का जमाव हो जाता है। इसे एडिमा (Edema) कहा जाता है।
‘पवनमुक्तासन’ और ‘वज्रासन’ जैसे योगासन पैरों की सूजन के लिए बहुत लाभकारी हैं। सुबह और शाम हल्की सैर करें। लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में न बैठें या खड़े न रहें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको पैर की सूजन का देसी इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पैर की सूजन है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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