?>
लीवर हमारे शरीर का एक ख़ास अंग है, जो खून को साफ करने, ज़हरीले तत्वों को बाहर निकालने, पाचन में सहायक पित्त बनाने और पोषक तत्वों को स्टोर करने जैसे कई काम करता है। लेकिन जब लीवर में सूजन हो जाती है तो ईन सारे कामों में रुकावट आती है। इसलिए, लीवर में सूजन की अंग्रेजी दवा के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है, लेकिन पहले इस बीमारी के बारे में कुछ और जानकारियाँ लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
लीवर में सूजन एक ऐसी कंडीशन है जिसमें लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और वहां इन्फ्लेमेशन (सूजन) आ जाता है। इसे मेडिकल भाषा में हेपेटाइटिस (Hepatitis) या लीवर इन्फ्लेमेशन कहा जाता है।
ईन कारणों से लीवर में सूजन हो सकती है -
मेटाबोलिक डिजऑर्डर जैसे विल्सन रोग (Wilson’s Disease)
ईन लक्षणों से इस रोग की पहचान हो सकती है -
लीवर की सूजन का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। अलग-अलग कारणों के अनुसार अंग्रेजी दवाओं की जानकारी नीचे दी गई है।
1. वायरल हेपेटाइटिस (Hepatitis A, B, C)
हेपेटाइटिस ‘ए’ और ‘ई’: यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है। सिर्फ लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए दवाई दी जाती हैं जैसे: बुखार और दर्द के लिए, सीमित मात्रा में ‘पेरासिटामोल’ (Paracetamol) और उल्टी के लिए ‘ओनडांसेट्रॉन’ (Ondansetron)।
हेपेटाइटिस बी: इसमें एंटीवायरस ड्रग्स दिए जाते हैं, जैसे - टेनोफोविर (Tenofovir), एंटेकैविर (Entecavir) और लैमिवुडाइन (Lamivudine)। ये दवाएं वायरस की वृद्धि को रोकती हैं और लिवर को और नुकसान से बचाती हैं।
हेपेटाइटिस ‘सी’: इसके लिए डायरेक्ट एक्टिंग एंटी वायरल्स (Direct Acting Antivirals) दिए जाते हैं जैसे - सोफोसबुविर (Sofosbuvir), लेडीपासवीर (Ledipasvir), वेलपाटासविर (Velpatasvir), ये दवाएं 8–12 हफ्तों में वायरस को पूरी तरह खत्म कर सकती हैं।
2. फैटी लिवर / NAFLD / NASH: आम तौर पे इसका इलाज लाइफ स्टाइल में सुधार से होता है, लेकिन कुछ दवाएं भी प्रयोग की जाती हैं जैसे - टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए पियोग्लिटाज़ोन (Pioglitazone) और एंटीऑक्सिडेंट के रूप में डॉक्टर की सलाह से विटामिन ई (Vitamin E) दी जाती है। कुछ गंभीर NASH केस में ओबिटिकोलिक एसिड और डायबिटिक पेशेंट्स के लिए मेटफोर्मिन का उपयोग किया जाता है।
3. शराब से सूजन (Alcoholic Hepatitis) : शरीर की सूजन को कम करने में सहायक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) जैसे कि प्रेडनिसोलोन (Prednisolone) दी जाती है और लिवर फेलियर के खतरे को कम करने के लिए पेंटॉक्सिफाइलिन (Pentoxifylline) दी जाती है। शराब का पूरी तरह त्याग सबसे जरूरी उपाय है।
4. ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune Hepatitis): इसमें प्रतिरक्षादमनकारी थेरेपी (Immunosuppressive Therapy) के तहत प्रेडनिसोन (Prednisone) और अज़ैथियोप्रिन (Azathioprine) दवाई दी जाती है। ये दवाइयाँ इम्यून सिस्टम को कंट्रोल कर लिवर पर हो रहे हमलों को कम करती हैं।
5. दवा-प्रेरित हेपेटाइटिस (Drug-Induced Hepatitis): सबसे पहले वह दवा बंद की जाती है जिसने लिवर को नुकसान पहुँचाया। एन-एसिटाइलसिस्टीन (N-acetylcysteine) पैरासिटामोल, ओवरडोज के मामलों में विशेष रूप से उपयोगी होती है।
इलाज के साथ लिवर को सहारा देने के लिए इन दवाओं का प्रयोग किया जाता है -
उर्सोडिओल एसिड (Ursodeoxycholic Acid): यह पित्त के बहाव में सहायता और लिवर को आराम देती है।
सिलिमरिन (Silymarin): लिवर की कोशिकाओं की मरम्मत के लिए इसका उपयोग होता है।
एल-ओर्निथिन आई-एस्पार्टेट (L-Ornithine L-Aspartate): अमोनिया को कम करने में सहायक।
ज़रूरी फॉस्फोलिपिड्स (Essential Phospholipids): यह कोशिकीय झिल्ली की मरम्मत में सहायक होती है।
इलाज के लिए नीचे दिए गए टेस्ट किये जाते हैं -
लीवर फंक्शन टेस्ट - इससे लिवर में मौजूद एंजाइम्स की मात्रा जानी जाती है।
अल्ट्रासाउंड या फिब्रोस्कैन - इससे लीवर में सूजन, फैट या फाइब्रोसिस की जानकारी मिलती है।
हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन (HBsAg), हेपेटाइटिस सी एंटीबॉडी (Anti-HCV) टेस्ट - इससे हेपेटाइटिस बी और सी की जांच होती है।
एम. आर. आई. या सिटी स्कैन (MRI/CT Scan)- लिवर की संरचना का विस्तार से अवलोकन।
लिवर बायोप्सी: गंभीर मामलों में कोशिकीय स्तर पर जांच।
लीवर में सूजन की अंग्रेजी दवा से जुड़े और भी ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो लीवर में सूजन के रोगी को फायदा कर सकती हैं।
लीवर रोग की दवाओं के कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स हैं - मतली, उल्टी, पेट दर्द, थकान, भूख न लगना और त्वचा का पीला पड़ना। कुछ मामलों में, गंभीर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं, जैसे कि लीवर की क्षति या लीवर फेलियर।
हाँ, कुछ मामलों में स्टेरॉयड दवाएं, जैसे कि प्रेडनिसोन, लीवर की सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
लीवर संक्रमण के इलाज में अलग-अलग टाइप के एंटीबायोटिक्स उपयोग किए जाते हैं, जिनमें सेफलोस्पोरिन, बीटा-लैक्टम बीटा-लैक्टामेज अवरोधक, पेनिसिलिन, मेट्रोनिडाजोल, और एमिनोग्लाइकोसाइड्स शामिल हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको लीवर में सूजन की अंग्रेजी दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको लीवर में सूजन रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
Second Floor, 77, Block C, Tarun Enclave, Pitampura, New Delhi, Delhi, 110034