?>
बिना किसी वजह के नार्मल एक्टिविटी में भी हाथ कांपना सिर्फ कमजोरी नहीं बल्कि किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है। बहुत से लोग इसे उम्र या थकान से जोड़ते हैं, पर हाथ कांपना कई बार गंभीर बीमारी का भी लक्षण हो सकता है। इसलिए, ये ज़रूर जानना चाहिए कि हाथ कांपने का इलाज क्या है? - जिसके बारे में जानकारी नीचे दी गयी है।
हाथ कांपने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जैसे:
हाथ कांपना (Hand Tremors) एक नार्मल लक्षण हो सकता है लेकिन कभी-कभी यह किसी न्यूरोलॉजिकल या मसल डिसऑर्डर का संकेत भी देता है। जब भी हमारे मसल्स बार-बार बिना कंट्रोल के सिकुड़ते हैं, तो इससे हाथ हिलने लगते हैं। इसका मतलब है, आपको ये बीमारियाँ हो सकती हैं -
ईन तरीकों का इस्तेमाल करके हाथ कांपने का घरेलू उपचार किया जा सकता है –
बादाम और अखरोट का सेवन करें: बादाम और अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड और मैग्नीशियम होता है जो मांसपेशियों को मजबूत करता है।
अश्वगंधा का सेवन: अश्वगंधा तनाव और नर्वस सिस्टम के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है। इसका नियमित सेवन हाथ कांपने की समस्या को कम कर सकता है।
ब्राह्मी और शंखपुष्पी सिरप: ये दोनों आयुर्वेदिक दवाएं मानसिक तनाव कम करती हैं और नर्वस सिस्टम को शांत करती हैं।
ध्यान और योग: प्राणायाम, अनुलोम-विलोम और शवासन आदि से मानसिक संतुलन बनता है जिससे हाथों का कांपना धीरे-धीरे कम हो सकता है।
तुलसी और अदरक का काढ़ा: यह शरीर को डिटॉक्स करता है और नसों की कमजोरी को दूर करता है।
यदि घरेलू उपायों से राहत न मिले तो डॉक्टर की सलाह से कुछ दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। जिनमें कुछ ख़ास हैं -
Propranolol: यह ब्लड प्रेशर की दवा है, लेकिन एसेंशियल ट्रेमर में दी जाती है।
Primidone: यह एंटी-सीज़र दवा है जो ट्रेमर्स में मदद करती है।
Clonazepam: एंजायटी से जुड़ी कंपन में उपयोगी है।
Gabapentin या Topiramate: न्यूरोलॉजिकल कंपन में मदद करती है।
हाथ कांपने के कारण और इलाज के अलावा भी इस रोग से जुड़े कुछ और ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।
हाथ कांपने (tremor) के लिए सबसे प्रभावी दवा का नाम प्राइमिडोन (Primidone) है।
पार्किंसंस रोग और एसेंशियल ट्रेमर दोनों में कंपकंपी होती है, लेकिन वे अलग-अलग नर्व से जुड़े रोग हैं। पार्किंसंस में कंपकंपी आराम की स्थिति में ज़्यादा दिखाई देती है, जबकि एसेंशियल ट्रेमर गति करते समय ज़्यादा दिखाई देता है। एसेंशियल ट्रेमर में हाथ, सिर और आवाज में कंपकंपी हो सकती है, जबकि पार्किंसंस में कंपन आमतौर पर हाथों में शुरू होता है, और पैर, ठोड़ी और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।
हाँ, हाथ कांपना हाइपरथायरायडिज्म, यानी थायरॉइड ग्रंथि के ज़्यादा एक्टिव होने का एक संकेत हो सकता है।
ईन बदलाव से हाथ कांपने को कम कर सकते हैं - कैफीन और शराब से दूरी बनाएं, हेल्दी डाइट अपनाएं, रात को पूरी नींद लें, मोबाइल और लैपटॉप का ज्यादा उपयोग न करें और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी करें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको हाथ कांपने का इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को हाथ कांपने की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
Second Floor, 77, Block C, Tarun Enclave, Pitampura, New Delhi, Delhi, 110034