किडनी खराब होने की पहचान और इलाज – Kidney Kharab Hone Ki Pahchaan Aur Ilaj
किसी भी रोग के इलाज के लिए ज़रूरी है उस रोग की ठीक-ठीक पहचान करना और जब बात किडनी की हो तो बीमारी की पहचान पर ध्यान देना और भी ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है, क्योंकि, किडनी खराब होने पर शुरुआत में कुछ खास लक्षण दिखाई नहीं देते और कई बार ईन लक्षणों को आम समस्या समझकर नज़रअंदाज भी कर दिया जाता है जो आगे चलकर बड़ी बीमारी का रूप ले सकते हैं। इसलिए, किडनी खराब होने की पहचान और इलाज के बारे में जानकारी लेना बहुत ज़रूरी है। लेकिन, पहले ये समझना होगा कि किडनी खराब क्यों होती है।
किडनी खराब होने के कारण – Kidney kharaab hone ke karan
आम तौर पर ईन कारणों से किडनी खराब होती है –
- डायबिटीज़
- हाई बी पी
- ज़्यादा दवाइयाँ लेना जैसे NSAIDs और कुछ एंटीबायोटिक्स
- किडनी इन्फेक्शन और पथरी
- डिहाइड्रेशन
- जनेटिक कारण
- धूम्रपान और शराब
किडनी खराब होने की पहचान – Kidney kharaab hone ki pahchaan
ईन लक्षणों से किडनी खराब होने की पहचान की जा सकती है –
- पेशाब में बदलाव: बार-बार पेशाब आना; खासकर रात में या बहुत कम पेशाब आना, पेशाब करते वक़्त दर्द या जलन, पेशाब में झाग या खून आना, या पेशाब में अजीब सी बदबू आना।
- सूजन: पैरों, टखनों, एड़ियों या चेहरे पर बिना किसी कारण सूजन आना।
- थकान: बिना कारण ज़्यादा थकान लगना, एनर्जी की कमी और कमजोरी।
- भूख और वज़न में बदलाव: भूख न लगना, मतली, उल्टी, या अचानक वज़न कम होना।
- सांस लेने में तकलीफ: सांस फूलना या छाती में दबाव महसूस होना।
- स्किन से जुड़े बदलाव: ड्राय और खुजलीदार स्किन होना।
- मेंटल कन्डिशन बिगड़ना: ध्यान लगाने में परेशानी, भ्रम या नींद में दिक्कत।
- दूसरे लक्षण: मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द, या हाई ब्लड प्रेशर होना।
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि जांच करके बीमारी का ठीक-ठीक पता लगाया जा सके।
किडनी खराब होने पर इलाज – Kidney kharaab hone par ilaj
जब पता लग जाए कि आपको किडनी की कोई समस्या है तो इलाज में बिलकुल भी देरी नहीं करनी चाहिए। शुरुआती अवस्था में किडनी को जल्द ही ठीक किया जा सकता है और किडनी फैलियर जैसी स्तिथि का सामना नहीं करना पड़ता। आम तौर पर किडनी के इलाज के लिए आयुर्वेदिक उपचार एक बेहतर चुनाव है क्योंकि इसके साइड इफेक्ट नहीं होते और जड़ से इलाज होता है।
किडनी की आयुर्वेदिक दवाई – Kidney ki ayurvedic dawai
ईन दवाओं से आम तौर पर किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है, जिन्हें किसी अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए;
- पुनर्नवा (Punarnava): यह पेशाब बढ़ाने वाली दवा है जो सूजन कम करती है और पेशाब की मात्रा बढ़ाकर ज़हरीले तत्वों को बाहर निकालती है।
- गोखरू (Gokshura): यह मूत्रनली में इन्फेक्शन और किडनी स्टोन में फायदेमंद है।
- वरुण (Varun): इससे किडनी स्टोन और पेशाब के रास्ते से जुड़ी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है।
- त्रिफला (Triphala): यह शरीर से ज़हरीले तत्त्व निकालने में मदद करती है।
- चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha Vati): यह पेशाब से जुड़ी दिक्कतों को दूर करती है और किडनी को ताकत देती है।
- नीरोगधारा सिरप / वटी: यह किडनी डिटॉक्स और कार्यक्षमता बढ़ाने में उपयोगी है।
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FAQ
किडनी खराब होने की जांच कैसे होती है – Kidney kharab hone ki jaanch kaise hoti hai?
सिरम क्रिएटिनिन टेस्ट, यूरिया लेवल, जीएफआर और यूरिन एनालिसिस – ये सारे टेस्टस किये जा सकते हैं। साथ ही अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी भी ज़रूरत पड़ने पर की जाती है।
किडनी की बीमारी कितने प्रकार की होती है – Kidney ki bimari kitne prakar ki hoti hai?
आम तौर पर यह दो प्रकार होती है: एक्यूट किडनी फेल्योर (AKI) और क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD)।
क्या किडनी खराब होने पर पेशाब आना बंद हो जाता है – Kya kidney kharaab hone par peshab aana band ho jata hai?
ज़रूरी नहीं कि पेशाब पूरी तरह बंद हो, लेकिन पेशाब की मात्रा कम हो सकती है या उसमें बदलाव आ सकता है।
किडनी की समस्या में कौन सा खाना खाना चाहिए और क्या नहीं – Kidney ki samasya mein kaun sa khana khaana chahiye aur kya nahi?
किडनी मरीजों को कम नमक, कम प्रोटीन और कम फॉस्फोरस वाला खाना खाना चाहिए। आलू, टमाटर, केला जैसी ज़्यादा पोटैशियम वाली चीजों से परहेज़ करना चाहिए।